स्वास्थ्य मंत्री टीएस को हाईकोर्ट का नोटिस, तालाब पाटकर बेचने का आरोप

–डिवीजन बेंच में अगली सुनवाई 11 अप्रैल को

बिलासपुर। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टीएस सिंहदेव को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह छूट दी है कि अगर वे किसी कारणवश नहीं आ सकते तो अपने अधिवक्ता के माध्यम से जवाब पेश करें। इसके लिए डिवीजन बेंच ने 11 अप्रैल की तिथि तय कर दी है। नियत तिथि से पहले मंत्री को जवाब पेश करना होगा।

जल संरक्षण एवं पर्यावरण बचाओ तनु नीर समिति ने अपने अधिवक्ता के जरिए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। दायर याचिका में कहा है कि स्वास्थ्य मंत्री व स्थानीय विधायक सिंहदेव अपने स्वामित्व के तालाब को पाट रहे हैं। तालाब को पाटने के बाद उसे टुकड़ों में बेच भी रहे हैं। याचिका के अनुसार अंबिकापुर शहर के मध्य में स्थित सार्वजनिक शिव सागर (मौलवी बांध) तालाब स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के नाम पर है। खसरा नंबर 3467 रकबा 52.06 एकड़ है। याचिकाकर्ता समिति ने बताया कि मंत्री के कहने पर तालाब को पाटा जा रहा है। इसके अलावा उसे टुकड़ों में बेचा भी जा रहा है। अब तक 128 लोगों को टुकड़ों में जमीन बेची गई है।

निस्तारी तालाब में अब भी जल भराव

याचिका के अनुसार निस्तारी तालाब में अब भी जल भराव है। पाटने के कारण जल क्षेत्र भी सिमटने लगा है। इसके कारण आने वाले दिनों मेें निस्तारी की समस्या भी उठेगी। मामले की सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी व जस्टिस एनके चंद्रवंशी के डिवीजन बेंच में हुई। डिवीजन बेंच ने मंत्री श्री सिंहदेव को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।

सिंहदेव बोले- हमारी पुस्तैनी जमीन

इधर, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि शिव सागर बांध (मौलवी बांध) का जो एरिया है। वह हमारी पुस्तैनी जमीन है। 1947 में भारत सरकार और सरगुजा राजपरिवार के बीच हुई संधि में इसका उल्लेख है। 2017 में तरु नीर समिति ने इसकी शिकायत राज्य सरकार से की थी, तब तत्कालीन कलेक्टर ने शिकायत को खरिज करते हुए रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी थी। 2018 में आलोक दुबे ने एनजीटी में इसी मामले पर याचिका दर्ज की, जिसमे उन्होंने तरु नीर की शिकायत का भी उल्लेख किया। 2019 में एनजीटी ने इस मामले को खारिज किया और अपील को भी मेरिट पर खारिज करते हुए विवाद पर पूर्ण विराम लगाया। अभी न्यायालय में प्रकरण चल रहा है, तो तथ्यों पर कुछ कहना उचित नहीं होगा।

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