–उमेश पाल अपहरण केस में अतीक समेत तीन को उम्रकैद, साबरमती जेल में होगी वापसी
—अतीक के भाई अशरफ समेत सात जीवित आरोपी बरी
—कोर्ट ने तीनों दोषियों पर एक-एक लाख का लगाया जुर्माना
इंट्रो
अतीक अहमद उमेश पाल अपहरण कांड में उम्रकैद की सजा सुनाई है। अतीक के साथ दोषी करार दिए गए दिनेश पासी और सौलत हनीफ को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। हालांकि, अतीक के भाई अशरफ समेत सात जीवित आरोपी मंगलवार को दोष मुक्त करार दिए गए हैं। अतीक के खिलाफ कुल 101 मुकदमे दर्ज हुए। वर्तमान में कोर्ट में 50 मामले चल रहे हैं। अब 49 मामले पर फैसला आना बाकी है।
प्रयागराज/लखनऊ। प्रयागराज की एक विशेष अदालत ने पूर्व विधायक राजूपाल हत्याकांड मामले के प्रमुख गवाह रहे उमेश पाल के अपहरण के करीब 17 साल पुराने मामले में कथित माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद समेत तीन आरोपियों को मंगलवार को दोषी करार देते हुए सश्रम आजीवन कारावास और एक-एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनायी। अतीक अहमद ने खुद को मिली सजा के बारे में कहा कि वह अदालत के इस निर्णय को उच्च न्यायालय में चुनौती देगा। जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि ने बताया कि प्रयागराज की सांसद-विधायक (एमपी-एमएलए) अदालत के न्यायाधीश दिनेश चंद्र शुक्ला ने वर्ष 2006 में हुए उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक अहमद और दिनेश पासी को भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 323/149, 341, 342, 504, 506 (2) के तहत दोषी करार दिया, जबकि खान शौलत उर्फ हनीफ को 364/120 बी के तहत दोषी करार दिया। अग्रहरि ने बताया कि अदालत ने तीनों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह रकम उमेश पाल के परिजन को दी जाएगी। अदालत ने अहमद के भाई अशरफ समेत सात आरोपियों को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। इस मामले में कुल 11 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था। सुनवाई के दौरान उनमें से एक की मौत हो गयी थी। अतीक अहमद उमेश पाल हत्याकांड सहित 100 से अधिक आपराधिक मामलों में नामजद है। उसे पहली बार किसी मामले में सजा सुनायी गयी है। इस बीच, अतीक अहमद ने एक समाचार चैनल से कहा, ‘‘हम उच्च न्यायालय में अपील करेंगे। फैसला गलत हुआ है। अतीक अहमद को अदालत में पेश किए जाने के दौरान कचहरी परिसर में मौजूद वकीलों ने अतीक अहमद समेत सभी दोषियों को फांसी देने की मांग करते हुए नारेबाजी की। कथित माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ को उमेश पाल के अपहरण के मामले में प्रयागराज की सांसद-विधायक (एमपी-एमएलए) अदालत में अपराह्न करीब 12 बजे पेश किया गया। अहमद को गुजरात की साबरमती जेल और अशरफ को बरेली जेल से सोमवार को प्रयागराज की नैनी केन्द्रीय कारागार में लाया गया था। उमेश पाल 25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मामले का चश्मदीद गवाह था। राजू पाल हत्याकांड मामले में अतीक अहमद आरोपी है। उमेश ने आरोप लगाया था कि जब उसने अहमद के दबाव में पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी 2006 को उसका अपहरण कर लिया गया था। अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ पांच जुलाई 2007 को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अदालत में पेश किए गए आरोप पत्र में 11 आरोपियों का जिक्र किया गया था। उमेश पाल और उनकी सुरक्षा में तैनात दो पुलिसकर्मियों की इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पाल की पत्नी जया की शिकायत पर प्रयागराज के धूमनगंज थाने में अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटों, सहयोगी गुड्डू मुस्लिम और गुलाम तथा नौ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
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साबरमती जेल ले जाया जाएगा
इस बीच, नैनी सेंट्रल जेल के वरिष्ठ अधीक्षक शशिकांत सिंह ने बताया कि अशरफ के ‘कैदी वाहन’ को अदालत से ही बरेली जेल के लिए रवाना किया गया, जबकि अतीक अहमद को नैनी सेंट्रल जेल लाया गया है। यहां से उसे साबरमती जेल ले जाया जाएगा, क्योंकि अदालत ने जो अभिरक्षा वारंट बनाया है, वह साबरमती जेल के लिए बनाया है।
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किस मामले में मिली सजा
घटना 2006 की है। इसे लेकर मुकदमा 2007 में दर्ज हुआ। लेकिन, कहानी 2005 से शुरू होती। दरअसल 25 जनवरी 2005 का दिन इलाहाबाद पश्चिमी विधानसभा सीट से नवनिर्वाचित विधायक राजू पाल पर जानलेवा हमला हुआ। इसके बाद डॉक्टरों ने राजू पाल को मृत घोषित कर दिया। राजू पाल के दोस्त उमेश पाल इस हत्याकांड के मुख्य गवाह थे। अतीक ने उमेश पाल का अपहरण करवा लिया। 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या हो गई।
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एक बार एनएसए भी लगाया जा चुका
1989 में वह पहली बार विधायक हुआ तो जुर्म की दुनिया में उसका दखल कई जिलों तक हो गया। 1992 में पहली बार उसके गैंग को आईएस 227 के रूप में सूचीबद्ध करते हुए पुलिस ने अतीक को इस गिरोह का सरगना घोषित कर दिया। 1993 में लखनऊ में गेस्ट हाउस कांड ने अतीक को काफी कुख्यात किया। गैंगस्टर एक्ट के साथ ही उसके खिलाफ कई बार गुंडा एक्ट की कार्रवाई भी की गई। एक बार तो उस पर एनएसए भी लगाया जा चुका है।
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डॉन अतीक अहमद
44 साल उम्र
101 मुकदमे
1 केस में दोषी
17 साल में सजा
टाइम लाइन
–26 फरवरी 2006
राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल का अपहरण
–1 मार्च 2006
उमेश पाल ने अतीक के पक्ष में दिया हलफनामा
—5 जुलाई 2007
उमेश पाल के अपहरण का केस दर्ज कराया गया
—24 फरवरी 2023
-गवाही से लौट रहे उमेश पाल की हत्या
— 28 मार्च 2023
उमेश पाल के अपहरण केस में अतीक दोषी
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अतीक को खत्म किया जाए : जया देवी
उमेश पाल की पत्नी जया देवी ने कहा कि जब तक अतीक, उसके भाई, बेटे को खत्म नहीं किया जाएगा तब तक यह आतंक चलता रहेगा। मैं न्यायपालिका के फैसले का सम्मान करती हूं। मैं मुख्यमंत्री जी से चाहूंगी की अतीक अहमद को खत्म किया जाए जिससे उसके आतंक पर भी अंकुश लगे
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बेटा शेर की तरह लड़ता चला आया : मां
उमेश पाल की मां शांति देवी ने कहा कि मेरा बेटा शेर की तरह लड़ाई लड़ता चला आया। जब उसे (अतीक अहमद) लगा कि वह नहीं बच पाएगा तब उसने 17-18 साल बाद मेरे बेटे की हत्या कराई। कोर्ट मेरे बेटे की हत्या पर उसे (अतीक अहमद) फांसी की सज़ा सुनाए। वह नोट के बल पर आगे कुछ भी कर सकता है।
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