- कांग्रेस नेता पर लटकने लगी एक और केस की तलवार
-राहुल से ‘माफी मांगने’ का मांगा प्रमाण
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मुसीबतें कम होती नहीं दिख रहीं हैं। पहले मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी को दो साल की सजा मिली, फिर संसद की सदस्यता चली गई। अब राहुल पर एक और केस की तलवार लटकने लगी है। इस बार वीर सावरकर के पोते ने राहुल को दो टूक कह दिया है कि अगर वह सावरकर पर की गई विवादित टिप्पणी पर माफी नहीं मांगते हैं तो उनपर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। हिंदुत्व विचारक दामोदर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर नाराजगी जताई और उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। रंजीत ने कहा, राहुल गांधी कह रहे हैं कि वह माफी नहीं मांगेंगे क्योंकि वह सावरकर नहीं हैं। मैं उनको चुनौती देता हूं कि वह सावरकर के माफी मांगने का कोई सबूत दिखाएं।
हो रही राजनीति
रंजीत ने कहा, ‘राहुल गांधी द्वारा सावरकर का नाम राजनीति के लिए किस तरह से बदनाम किया जा रहा है यह देखकर वाकई दुख होता है। ऐसा लगता है कि वे मुसलमानों का भी ध्रुवीकरण कर रहे हैं। महाराष्ट्र में भी सावरकर के नाम पर राजनीति की जा रही है। मेरा अनुरोध है कि सावरकर के नाम का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए न करें।’उन्होंने आगे संजय राउत, उद्धव ठाकरे और शरद पवार का जिक्र किया। कहा, ‘संजय राउत और उद्धव ठाकरे के मन में सावरकर के प्रति सम्मान हो सकता है, लेकिन जब तक वे सावरकर के लिए अपना समर्थन नहीं दिखाते, इसका कोई मतलब नहीं है।
यह कहा था राहुल ने
राहुल गांधी ने 25 मार्च को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने कहा था, वह सरकार से डरेंगे नहीं, सरकार उनको डरा नहीं सकती है। उन्होंने सूरत में आपराधिक मानहानि मामले में सरकार से माफी इसलिए नहीं मांगी है क्योंकि उनका नाम गांधी है, सावरकर नहीं, और गांधी किसी से माफी नहीं मांगता है।
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पवार ने दी राहुल को चुप रहने की सलाह
स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर को माफीवीर जैसे शब्दों से नवाजे जाने का उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने विरोध किया है। यही नहीं इस विरोध के चलते ही सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस की बुलाई गई विपक्ष की मीटिंग में भी उद्धव ठाकरे का कोई प्रतिनिधि नहीं पहुंचा। अब इस मामले में कांग्रेस और शिवसेना के बीच शरद पवार ने दखल दिया है। मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर मीटिंग में पहुंचे पवार ने कांग्रेस को इस दौरान समझाया कि वह सावरकर के मुद्दे पर ज्यादा ना बोले। विपक्षी नेताओं ने बताया कि शरद पवार के कहने पर कांग्रेस ने भी सावरकर पर ज्यादा ना बोलने की बात कही है। पवार ने मीटिंग के दौरान यह मुद्दा उठाया था। पवार ने कांग्रेस को समझाया कि वीर सावरकर को टारगेट करना ठीक नहीं है, जिनका महाराष्ट्र में बहुत आदर से नाम लिया जाता है। वीर सावरकर पर तंज कसने से महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी को कोई फायदा नहीं होगा। इस मीटिंग में विपक्षी नेताओं के साथ सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी मौजूद थे। उन्होंने राहुल से कहा कि हमें यह समझना होगा कि हमारी लड़ाई तो पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा से है।
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