अब अधिक पेंशन के लिए कर सकेंगे आवेदन

ईपीएफओ ने कर्मचारी पेंशन योजना के तहत शुरू की प्रक्रिया

नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने सोमवार को कर्मचारी पेंशन योजना के तहत अधिक पेंशन के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया शुरू की। सेवानिवृत्ति कोष का प्रबंधन करने वाले निकाय ने बताया कि इसके लिए सदस्य और उनके नियोक्ता संयुक्त रूप से आवेदन कर सकेंगे। नवंबर, 2022 में उच्चतम न्यायालय ने कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना, 2014 को बरकरार रखा था। इससे पहले 22 अगस्त, 2014 के ईपीएस संशोधन ने पेंशन योग्य वेतन सीमा को 6,500 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 15,000 रुपए प्रति माह कर दिया था। साथ ही सदस्यों और उनके नियोक्ताओं को ईपीएस में उनके वास्तविक वेतन का 8.33 प्रतिशत योगदान करने की अनुमति दी थी। ईपीएफओ ने एक कार्यालय आदेश में अपने फील्ड कार्यालयों द्वारा ‘संयुक्त विकल्प फॉर्म’ से निपटने के बारे में जानकारी दी है। ईपीएफओ ने कहा कि एक सुविधा दी जाएगी, जिसके लिए जल्द ही यूआरएल (यूनिक रिसोर्स लोकेशन) बताया जाएगा। इसके मिलने के बाद क्षेत्रीय पीएफ आयुक्त व्यापक सार्वजनिक सूचना के लिए नोटिस बोर्ड और बैनर के जरिये जानकारी देंगे।

हर आवेदन को करेंगे पंजीकृत

आदेश के मुताबिक, प्रत्येक आवेदन को पंजीकृत किया जाएगा। डिजिटल रूप से लॉग इन किया जाएगा। आवेदक को रसीद संख्या दी जाएगी। आदेश में कहा गया है कि ये निर्देश उच्चतम न्यायालय के चार नवंबर, 2022 के आदेश के अनुपालन में जारी किए जा रहे हैं।

पहले जांच फिर देंगे सूचना

इसमें आगे कहा गया है कि संबंधित क्षेत्रीय भविष्य निधि कार्यालय के प्रभारी अधिकारी उच्च वेतन पर संयुक्त विकल्प के प्रत्येक मामले की जांच करेंगे। इसके बाद आवेदक को ई-मेल/डाक के जरिए और बाद में एसएमएस के जरिए फैसले की जानकारी दी जाएगी।

2021-22 का अब तक नहीं मिला ब्याज

इधर, ईपीएफओ के न्यासियों ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि का ब्याज कर्मचारियों के ईपीएफ खाते में अभी तक नहीं डालने पर चिंता जताई है। हालांकि, संबंधित वित्त वर्ष के लिए ब्याज को पिछले साल जून में अनुमोदित कर दिया गया था। न्यासियों या ट्रस्टियों में कर्मचारियों के साथ नियोक्ताओं के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव की अगुवाई वाले ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने मार्च, 2022 में 2021-22 के लिए 8.1 प्रतिशत के ब्याज को मंजूरी दी थी। यह पिछले चार दशकों की सबसे निचली दर है। केंद्रीय न्यासी बोर्ड ईपीएफओ का निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय है। हिंद मजदूर सभा के महासचिव हरभजन सिंह सिद्धू ने कहा, करीब 10 दिन पहले मैंने ईपीएफओ अधिकारियों के साथ यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था कि सिस्टम (सॉफ्टवेयर) के साथ कोई मुद्दा है जिसे जल्द ठीक कर लिया जाएगा।

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