-17 फरवरी को सुनवाई पर राजी हुआ सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली। अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों के मद्देनजर अडानी समूह की कंपनियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में जांच की मांग को लेकर दायर कांग्रेस नेता की एक नई याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट बुधवार को राजी हो गया है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने कांग्रेस नेता जया ठाकुर की तरफ से पेश एक वकील की दलीलों पर ध्यान दिया कि याचिका पर तत्काल सुनवाई की जरूरत है। अडानी मामले की जांच के लिए कांग्रेस नेता की ओर से दाखिल नई याचिका पर सुनवाई के लिए 17 फरवरी का दिन तय किया गया है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की बेंच ने शुरू में 24 फरवरी को सुनवाई के लिए जनहित याचिका को लिस्टेड करने पर सहमति जताई। इसके बाद कांग्रेस नेता के वकील ने बताया कि दो अन्य जनहित याचिकाएं 17 फरवरी को सूचीबद्ध हैं। इस पर बेंच शुक्रवार 17 फरवरी को ही सुनवाई करने का फैसला किया। कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अडानी एंटरप्राइजेज में भारी मात्रा में सार्वजनिक धन के निवेश की भूमिका की जांच के लिए निर्देश देने की भी मांग की है।
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’21वीं सदी में भी लड़कियों को वस्तु समझा जाता है’
महाराष्ट्र में एक साल की बच्ची को बेचे जाने के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने बेहद भावुक टिप्पणी की है। अदालत ने कहा कि 21वीं सदी में भी लड़कियों को एक वस्तु समझा जाता है और उन्हें वित्तीय लाभ के माध्यम के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायधीश न्यायमूर्ति एस एम मोदक की एकल पीठ ने आठ फरवरी को मामले में आरोपी महिला को जमानत देते हुए अपने एक फैसले में यह टिप्पणी की। ये मामला बेहद हैरान करने वाला है। दरअसल, बच्ची की मां ने रुपयों की सख्त जरूरत के चलते अश्विनी बाबर से रुपये लिए थे। जब वह रुपये चुकाने में सक्षम नहीं थी तो उसने अपनी एक साल की बच्ची को अश्विनी बाबर को बेच दिया।
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