एयरो इंडिया को मिला ‘पंख’, 80000 करोड़ रुपए के हुए 266 समझौते

–201 एमओयू, 52 प्रमुख घोषणाएं, नौ उत्पादों की पेशकश

एयरो-इंडिया समिट समिट को निवेशकों को खूब भाया। इस समिट के दौरान कुल 266 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। इनमें 201 एमओयू, 53 बड़ी घोषणाएं और नौ उत्पादों की पेशकश शामिल है। माना जा रहा है कि एयरो इंडिया में करीब 80,000 करोड़ रुपए का कारोबार हासिल हो सकता है।


बेंगलुरु। एक एमओयू हेलीकॉप्टर इंजनों के डिजायन, विकास, विनिर्माण और आजीवन सहयोग के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और फ्रांस की सेफ्रन हेलीकॉप्टर इंजन्स के बीच हुआ है। समझौते और एमओयू ऑपचारिक रूप से ‘बंधन’ समारोह नामक कार्यक्रम में हुए। इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत भारतीय रक्षा उद्योग की शीर्ष हस्तियां और वरिष्ठ सैन्य अधिकारी शामिल हुए थे। रक्षा मंत्रालय ने बयान में कहा, “बंधन समारोह में 80,000 करोड़ रुपये की 266 साझेदारियां हुईं, जिनमें 201 एमओयू, 52 प्रमुख घोषणाएं, नौ उत्पादों की पेशकश और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (ट्रांसफर्स ऑफ टेक्नोलॉजी) शामिल हैं। एक एमओयू उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड और एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) के बीच भी हुआ है। एयरो इंडिया के दौरान जिन उत्पादों को पेश किया गया, उनमें कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (भारत डायनमिक्स लिमिटेड) भी है। इसके अलावा भारत डायनमिक्स लिमिटेड द्वारा विकसित सेमी-एक्टिव लेजर आधारित टैंक रोधी निर्देशित मिसाइल को भी यहां पेश किया गया। यह मिसाइल 23 किलोग्राम वजनी है और इसका उपयोग टैंक और पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों जैसे चलते और स्थिर लक्ष्यों पर विभिन्न इलाकों में किया जा सकता है। बेंगलुरु के बाहर येलहंका वायु सेना स्टेशन परिसर में एयरो इंडिया के 14वें संस्करण का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को किया था। इसमें लगभग 100 देशों की लगभग 700 रक्षा कंपनियां और प्रतिनिधि शामिल हुए थे। रक्षा मंत्री ने कहा कि एयरो इंडिया ने दुनिया के ‘नए भारत’ का ‘नया रक्षा क्षेत्र’ दिखाया, जो न सिर्फ पिछले कुछ साल में विकसित हुआ है, बल्कि अग्रणी देशों के रक्षा क्षेत्रों के साथ चलने के लिए पूरी तरह तैयार भी है।

सौर ऊर्जा से चलने वाला ड्रोन

ड्रोन क्षेत्र की स्टार्टअप कंपनी गरुड़ एयरोस्पेस ने बुधवार को सौर ऊर्जा से चलने वाले ड्रोन “सूरज” का यहां एयरो इंडिया 2023 में अनावरण किया। इसे खास तौर पर निगरानी अभियानों के लिये डिजाइन किया गया है। प्रधानमंत्री के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार और डीआरडीओ के पूर्व प्रमुख डॉ. सतीश रेड्डी ने इसका अनावरण किया। कंपनी के मुताबिक, सूरज एक आईएसआर (खुफिया, निगरानी, टोही) अत्यधिक ऊंचाई वाला ड्रोन है, जिसे विशेष रूप से निगरानी अभियानों के लिए तैयार किया गया है, जो आला कमान को वास्तविक समय के हालात की जानकारी प्रदान करता है और जमीन पर तैनात जवानों की सुरक्षा में मदद करता है।

आपात सेवा के लिए एचएएल का हेलीकॉप्टर

सार्वजनिक क्षेत्र के हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड ने पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका में आपात चिकित्सा सेवा और हेलीकॉप्टर आपात चिकित्सा सेवा क्षेत्र में सहयोग की संभावनाएं तलाशने के लिए संयुक्त अरब अमीरात में सक्रिय कंपनी आरपीएम के साथ एक समझौता किया है। इस आशय के समझौता ज्ञापन पर यहां चल रहे एयरशो ‘एयरो इंडिया 2023’ के दौरान हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते के तहत दोनों पक्ष मिलकर पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका के बाजारों में आपात चिकित्सा सेवा से जुड़ी सुविधाएं मुहैया कराएंगे।

रक्षामंत्री बोले-75 प्रतिशत घरेलू कंपनियों के लिए

इधर, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि भारत 2023-24 में कुल रक्षा पूंजीगत व्यय का 75 प्रतिशत घरेलू रक्षा निर्माताओं से खरीद पर खर्च करेगा। यह विभिन्न हथियारों और सैन्य प्लेटफार्म के स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण निर्णय है। अधिकारियों ने यहां ‘एयरो इंडिया’ से इतर कहा कि इस कदम का मतलब अगले वित्त वर्ष के केंद्रीय बजट में घोषित कुल रक्षा पूंजी परिव्यय 1,62,600 करोड़ रुपये में से करीब एक लाख करोड़ रुपये घरेलू स्रोतों से खरीद के लिए अलग रखना होगा। सिंह ‘बंधन समारोह’ कार्यक्रम में बोल रहे थे जहां औपचारिक रूप से समझौतों पर हस्ताक्षर किये गए। सिंह ने कहा, ‘तीन-चौथाई पूंजीगत खरीद बजट स्थानीय उद्योग के लिए निर्धारित करना उस दिशा में एक कदम है।

स्वदेशी रक्षा उत्पादन

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2019-20 से 2021-22 तक भारत के स्वदेशी रक्षा उत्पादन का मूल्य 2.58 लाख करोड़ रुपए है। सरकार ने 2020-21 में, रक्षा पूंजी परिव्यय का 58 प्रतिशत भारतीय रक्षा उद्योग से खरीद के लिए रखा था। 2021-22 में इसे बढ़ाकर 64 फीसदी किया गया था। 2022-23 में आवंटन को और बढ़ाकर 68 प्रतिशत कर दिया गया।

‘एयरो इंडिया’ से क्या होगा

‘एयरो इंडिया’ कार्यक्रम का उद्देश्य हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए)-तेजस, एचटीटी-40, डॉर्नियर लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (एलयूएच), हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच) और उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) जैसे स्वदेशी प्लेटफार्म के निर्यात को बढ़ावा देना है। रक्षा मंत्रालय ने 2024-25 तक रक्षा निर्माण में 25 अरब अमेरिकी डालर (1.75 लाख करोड़ रुपये) के कारोबार का लक्ष्य रखा है, जिसमें 5 अरब अमरीकी डालर (35,000 करोड़ रुपये) के सैन्य साजोसामान का निर्यात लक्ष्य शामिल है। पिछले कुछ वर्षों में, सरकार ने घरेलू रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए हैं।

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