विमान पर नजर आए ‘बजरंगबली’, ट्रेनी फाइटर प्लेन पर लिखा- ‘तूफान आ रहा है’

—स्वदेशी फाइटर…जय बजरंग बली, आया तूफान!

—-बेंगलुरु में पीएम मोदी ने ‘एरो इंडिया’ के 14वें संस्करण का किया उद्घाटन

— पीएम बोले-भारत ने आठ-नौ वर्षों में रक्षा उत्पादन क्षेत्र का किया कायाकल्प

ऐसा शो

700 से अधिक भारतीय कंपनियां

98 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे

35000 वर्ग मीटर क्षेत्र में हो रहा शो


इंट्रो

पांच दिन तक चलने वाले 14वें एयरो इंडिया शो सोमवार से शुरू हो गया। इस शो में 98 देशों की सैकड़ों रक्षा कंपनियां शामिल हो रहीं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एरो इंडिया’ का उद्घाटन किया। इस शो में सबसे ज्यादा सुर्खियों एचएलएफटी-42 ने बटोरीं। इस विमान के पीछे के हिस्से में हनुमान जी का चित्र उकेरा गया है। साथ ही हनुमान जी के चित्र के साथ ही इसपर ‘तूफान आ रहा है’ लिखा गया है। इसके चलते इस विमान की खूब चर्चा हो रही है।

बेंगलुरु। एयरो इंडिया-2023 के उद्घाटन सत्र में होने वाले एयर शो ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। येलहंका वायु सेना स्टेशन में पांच दिवसीय एयरोस्पेस और रक्षा शो में विमानों ने ऊंची उड़ान भरी और लुभावनी हवाई कलाबाजी के साथ युद्धाभ्यास का प्रदर्शन किया। इधर, एरो इंडिया’ के 14वें संस्करण का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कहा कि भारत ने पिछले आठ-नौ वर्षों में अपने रक्षा उत्पादन क्षेत्र का कायाकल्प किया है। 2024-25 तक सैन्य साजोसामान के निर्यात को 1.5 अरब अमरीकी डालर (100 करोड़ रुपए) से बढ़ाकर पांच अरब अमरीकी डालर करने की सोच रहा है। मोदी ने कहा, 21वीं सदी का नया भारत, अब ना कोई मौका खोएगा और ना ही अपनी मेहनत में कोई कमी रखेगा। हम कमर कस चुके हैं। हम सुधारों के रास्ते पर हर क्षेत्र में क्रांति ला रहे हैं। उन्होंने कहा, देश, जो दशकों से सबसे बड़ा रक्षा आयातक था, वो अब दुनिया के 75 देशों को रक्षा उपकरण निर्यात कर रहा है। बीते पांच वर्षों में देश का रक्षा निर्यात छह गुना बढ़ा है और उसने अपने निर्यात में 1.5 अरब डॉलर के आंकड़े को हमने पार कर लिया है। पांच दिवसीय प्रदर्शनी को एशिया में सबसे बड़ी प्रदर्शनी माना जाता है। इसमें 700 से अधिक भारतीय और विदेशी रक्षा कंपनियां और 100 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इसमें कई देशों के रक्षा मंत्री भी शामिल हैं। मोदी ने कहा, आप भी जानते हैं कि रक्षा एक ऐसा क्षेत्र है जिसकी प्रौद्वद्योगिकी को, जिसके बाजार को और जिसके व्यापार को सबसे जटिल माना जाता है। इसके बावजूद, भारत ने बीते 8-9 साल के भीतर-भीतर अपने यहां रक्षा क्षेत्र का कायाकल्प कर दिया है। इसलिए, हम इसे अभी केवल एक शुरुआत मानते हैं। उन्होंने कहा, हमारा लक्ष्य है कि 2024-25 तक हम निर्यात के इस आंकड़े को डेढ़ अरब डालर से बढ़ाकर 5 अरब डॉलर तक ले जाएंगे। मोदी ने कहा कि रक्षा एवं एयरोस्पेस के क्षेत्र में किए गए प्रयास भारत के लिए एक ‘लांच पैड’ की तरह काम करेंगे। उन्होंने कहा, अब यहां से भारत, दुनिया के सबसे बड़े रक्षा उत्पादन वाले देशों में शामिल होने के लिए तेजी से कदम बढ़ाएगा। इसमें हमारे निजी क्षेत्र और निवेशकों की महत्वपूर्ण भूमिका रहने वाली है। आज मैं भारत के निजी क्षेत्र से आह्वान करूंगा कि भारत के रक्षा क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा निवेश करें। उन्होंने कहा, भारत में रक्षा क्षेत्र में आपका हर निवेश, भारत के अलावा, दुनिया के अनेक देशों में एक प्रकार से आपका व्यापार-कारोबार के नए रास्ते बनाएगा। नयी संभावनाएं, नए अवसर सामने हैं। भारत के निजी क्षेत्र को इस समय को जाने नहीं देना चाहिए। मोदी ने कहा कि ‘एरो इंडिया’ की गगनभेदी गर्जना में भी भारत के सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन की गूंज है। आज भारत में जैसी निर्णायक सरकार है, जैसी स्थायी नीतियां हैं, नीतियों में जैसी साफ नीयत है, वो अभूतपूर्व है। हर निवेशक को भारत में बने इस अनुकूल माहौल का खूब लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा, जहां मांग भी हो, क्षमता भी हो और अनुभव भी हो, स्वाभाविक सिद्धांत कहता है कि वहां उद्योग दिनों-दिन और आगे बढ़ेगा। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि भारत में रक्षा क्षेत्र को मजबूती देने का सिलसिला आगे और भी तेज गति से बढ़ेगा। मोदी ने कहा, जब कोई देश, नयी सोच, नये दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ता है, तो उसकी व्यवस्थाएं भी नयी सोच के हिसाब से ढलने लगती हैं। ‘एरो इंडिया’ का ये आयोजन, आज नए भारत के नये दृष्टिकोण को भी प्रतिबिंबित करता है। एक समय था, जब इसे केवल एक शो या एक प्रकार से ‘भारत को बेचने’ की एक खिड़की भर माना जाता था। बीते वर्षों में देश ने इस धारणा को भी बदला है। उन्होंने कहा, आज ‘एरो इंडिया’ केवल एक शो नहीं है, ये इंडिया की ताकत भी है। आज ये भारतीय रक्षा उद्योग के दायरे और आत्मविश्वास पर भी जोर देता है। उन्होंने कहा, बेंगलुरु का आसमान आज नए भारत के सामर्थ्य का साक्षी बन रहा है। बेंगलुरु का आसमान आज इस बात की गवाही दे रहा है कि नयी ऊंचाई, नए भारत की सच्चाई है। आज देश नयी ऊंचाइयों को छू भी रहा है और उन्हें पार भी कर रहा है। उद्घाटन समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘एरो इंडिया’ भारत में एरोस्पेस क्षेत्र के आगे विकास में एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा। सिंह मंगलवार को रक्षा मंत्रियों के एक सम्मेलन की मेजबानी करेंगे, जिसका विषय रक्षा क्षेत्र में संवर्धित जुड़ाव के माध्यम से साझा समृद्धि होगा। ‘एरो इंडिया’ के प्रमुख प्रदर्शकों में एयरबस, बोइंग, डसॉल्ट एविएशन, लॉकहीड मार्टिन, इज़राइल एरोस्पेस इंडस्ट्री, ब्रह्मोस एरोस्पेस, आर्मी एविएशन, एचसी रोबोटिक्स, एसएएबी, साफरान, रोल्स रॉयस, लार्सन एंड टुब्रो, भारत फोर्ज लिमिटेड, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल), भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) और बीईएमएल लिमिटेड शामिल हैं।

इस वजह से चर्चा में आया विमान

एशिया के सबसे बड़े एयर शो के दौरान हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के जिस विमान की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है वह एक ट्रेनर विमान है। एचएएल द्वारा बनाया गया सुपरसोनिक ट्रेनर विमान सबक ध्यान अपनी तरफ खींच रहा है। इसे एचएलएफटी-42 नाम दिया गया है। एचएएल ने एयरो इंडिया में इसे आधुनिक फाइटर ट्रेनर विमान के रूप में पेश किया है। इसके पिछले भाग में हनुमान जी के चित्र को उकेरा गया है।

250 कंपनी से कंपनी से समझौते की उम्मीद

अधिकारियों ने कहा कि ‘एरो इंडिया’ में लगभग 250 कंपनी से कंपनी समझौते (बी2बी) होने की उम्मीद है। इससे लगभग 75,000 करोड़ रुपये का निवेश मिलने की उम्मीद है। 13 फरवरी से 17 फरवरी तक चलने वाला शो मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड प्लान के मुताबिक स्वदेशी टेक्नोलॉजी को प्रदर्शित करने और विदेशी कंपनियों के साथ साझेदारी बनाने पर केंद्रित है।

एयर शो में दिखाई ताकत

इस कार्यक्रम में आयोजित एक एयर शो में भारतीय वायुसेना के कई विमानों ने अपनी हवाई ताकत का प्रदर्शन किया। ‘एरो इंडिया’ का विषय ‘द रनवे टू ए बिलियन अपॉर्चुनिटीज’ है और इसका उद्देश्य रक्षा और एरोस्पेस क्षेत्र में भारत की प्रगति और क्षमताओं को पेश करना है। इस आयोजन का मुख्य जोर सरकार की ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ दृष्टि के अनुरूप स्वदेशी उपकरणों और प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करना और विदेशी कंपनियों के साथ साझेदारी करना है।

मेक इन इंडिया 15 लड़ाकू विमान भरेंगे उड़ान

एयरो इंडिया शो में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड मेक इन इंडिया 15 लड़ाकू विमानों को प्रदर्शन करेगी। इसमें एडवांस्ट लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर ‘प्रचंड ‘और लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर भी शामिल है। एचएएल के पवेलियन में अट्रैक्शन का केंद्र इंडियन मल्टी रोल हेलीकॉप्टर, नेक्स्ट जनरेशन एचएलएफटी-42 और एलसीए एमके 2 के मॉडल्स, हिंदुस्तान टर्बो-शाफ्ट इंजिन-1200, आरयूएवी, एलसीए ट्रेनिर, और हिंदुस्तान- 228 रहेंगे। प्रचंड मल्टी रोल और छोटा लड़ाकू हेलिकॉप्टर है. इसमें कई खतरनाक हथियारों को तैनात किया जा सकता है। इसमें चिन-माउंटेड गन, 68 मिमी के रॉकेट, बम, एयर टू एयर और एयर टू ग्राउंड मिसाइलों को तैनात किया जा सकता है। लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर 220 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है. इसमें एक बार में 500 किलो के पेलोड ले जाए जा सकते हैं।

सेना प्रमुख ने लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर में भरी उड़ान

एशिया के सबसे बड़े एयरो शो में सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने सोमवार को लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) में उड़ान भरी। इस अनुभव को उन्होंने संतोषजनक और सार्थक बताया। सेना प्रमुख ने कहा कि मैं एलसीएच की खासियतों से काफी प्रभावित हुआ हूं, खासतौर पर इसकी युद्ध अभ्यास और क्षमताओं को लेकर। उन्होंने सेना में एक लड़ाकू हेलीकॉप्टर से यही जरूरत होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस एयरो शो का उद्घाटन किया। बेंगलुरु में आयोजित इस पांच दिवसीय एयरो शो में 90 से ज्यादा देश हिस्सा ले रहे हैं।

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