वर्ष 2002 में गुजरात दंगों पर बनी डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ को लेकर हुई सुनवाई
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों पर बनी डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ के प्रसारण पर बीबीसी पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली हिंदू सेना की जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अदालत सेंसरशिप नहीं लगा सकती है, याचिका गलत है। पीठ में शामिल जस्टिस एम.एम. सुंदरेश ने याचिकाकर्ता के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता पिंकी आनंद से पूछा, आप चाहते हैं कि हम पूरी तरह से सेंसरशिप लगा दें। वकील ने पीठ से याचिकाकर्ता को सुनने का आग्रह किया। याचिका खारिज करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा, हमें और समय बर्बाद नहीं करना चाहिए, रिट पूरी तरह गलत है। इसमें कोई योग्यता नहीं है।
कोर्ट ने कहा- रिट पूरी तरह गलत
पीठ ने कहा, ”यह (याचिका) क्या है?” अधिवक्ता ने इस बात पर जोर दिया कि मामले की सुनवाई की जानी चाहिए। अदालत ने याचिका को पत्रकार एन. राम, वकील प्रशांत भूषण और तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा और वकील मनोहर लाल शर्मा की एक अन्य लंबित संयुक्त याचिका के साथ टैग करने के आनंद के अनुरोध को भी अस्वीकार कर दिया।
हिंदू सेना ने दी कोर्ट में ये दलील
याचिका हिन्दू सेना की ओर से दायर की गई थी। इसमें हिंदू सेना ने भारत में ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन के कामकाज पर रोक लगाने और बीबीसी पर भारत में बैन लगाने की मांग की थी। हिंदू सेना की याचिका में कहा गया था कि बीबीसी द्वारा भारत की एकता और अखंडता तोड़ने की साजिश की जांच एनआईए द्वारा करवाई जानी चाहिए और भारत में बीबीसी पर बैन लगाया जाना चाहिए।
आदेश बिना शक्तियां लागू की गईं : वकील का तर्क
वरिष्ठ पत्रकार एन राम, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा और एडवोकेट प्रशांत भूषण की ओर से वरिष्ठ वकील सीयू सिंह ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि यह एक ऐसा मामला है, जहां सार्वजनिक डोमेन में आदेश दिए बिना आपातकालीन शक्तियां लागू की गईं। उन्होंने बताया कि डॉक्यूमेंट्री के लिंक शेयर करने वाले ट्वीट ब्लॉक कर दिए गए हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम सरकार से इससे जुड़े आदेश की फाइल मांग रहे हैं और इसकी जांच करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- केंद्र से मांगा था जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने वकील के तर्क पर कहा कि आपको बता दें कि इस महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने एन.राम और अन्य की दलीलों पर कार्रवाई करते हुए केंद्र से पीएम मोदी पर बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को ब्लॉक करने के अपने फैसले से संबंधित मूल रिकॉर्ड पेश करने को कहा है। इस मामले पर सुनवाई अब अप्रैल में होनी है।
याचिका में बीबीसी को बताया मुखपत्र
बता दें कि हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता और अन्य द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता ने नेटवर्क पर प्रतिबंध लगाने के लिए जनवरी में केंद्र को एक अभ्यावेदन दिया था, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। याचिका में कहा गया है कि बीबीसी उन लोगों का मुखपत्र है, जिन्होंने भारत की छवि खराब करने के लिए उसे निशाना बनाया।
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