—100 साल में सबसे बड़ी आपदा, भारत ने की मदद की पेशकश
भूकंप से ऐसा महाविनाश, साेते में आई मौत, पल भर में ढह गई सैकड़ों इमारतें, चार देशों में दिखा असर, तुर्की और सीरिया में लगा लाशों का ढेर
खास बातें
7.8 तीव्रता का भूकंप आए
20 झटके भूकंप के बाद भी
10 प्रांतों में 912 की मौत
2800 दल राहत बचाव में जुटे
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इंट्रो
तुर्किये, सीरिया, इजरायल और लेबनान में भूकंप के तेज झटकों ने कहर बरपा दिया है। सबसे ज्यादा असर तुर्किये और सीरिया में देखने को मिला है। यहां 1500 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इजरायल और लेबनान में भी कई मौतों की आशंका जताई जा रही है। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 7.8 मापी गई।
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अंकारा। दक्षिण पूर्वी तुर्किये और दक्षिणी सीरिया में सोमवार को आए 7.8 की तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप में 1500 से अधिक लोगों की मौत हो गई। भूकंप से सैकड़ों इमारतों को नुकसान पहुंचा है। हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है क्योंकि बचावकर्मी अब भी प्रभावित इलाकों में मलबे में फंसे लोगों की तलाश में जुटे हैं। सीमा के दोनों ओर भूंकप का झटका सूर्योदय से पहले महसूस हुआ और लोगों को सर्दी तथा बारिश के बावजूद बाहर आना पड़ा। भूकंप से कई इमारतें ध्वस्त हो गई हैं और भूकंप उपरांत झटके अब भी महसूस किए जा रहे हैं। विभिन्न शहरों में बचावकर्मी और निवासी ध्वस्त हुई इमारतों से जिंदा लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं। भूकंप में ध्वस्त हुए तुर्किये के एक अस्पताल और सीरिया के गिने-चुने अस्पतालों से नवजातों सहित मरीजों को सुरक्षित बाहर निकालना पड़ा। तुर्किये के शहर अदाना के एक निवासी ने बताया कि उसके आसपास की तीन इमारतें ध्वस्त हो गई हैं। पत्रकारिता के छात्र मुहम्मद फतीह युवस ने बताया कि मलबे में जिंदा फंसे एक व्यक्ति ने बचावकर्मियों द्वारा निकाले जाने की कोशिश के दौरान कहा, अब मुझमें कोई ताकत नहीं बची है। तुर्किये के सुदूर पूर्वी शहर दियारबकीर में क्रेन और बचावकर्मी भूकंप से ध्वस्त हुए अपार्टमेंट इमारत से जिंदा बचे लोगों को निकालकर स्ट्रेचर के माध्यम से अस्पताल पहुंचा रहे हैं। भूकंप के झटके काहिरा तक महसूस किए गए। इसका केंद्र सीरियाई सीमा से करीब 90 किलोमीटर दूर गजियांतेप शहर के उत्तर में था। भूकंप सीरिया के उस क्षेत्र में आया जहां एक दशक से अधिक समय से गृह युद्ध जारी है और प्रभावित इलाका सरकार और विद्रोहियों में बंटा हुआ तथा उनके चारों ओर रूस समर्थित सरकारी सेनाएं तैनात हैं। वहीं, तुर्किये वाले इलाके में संघर्ष की वजह से लाखों शरणार्थी बसे हुए हैं। विरोधियों के कब्जे वाले सीरियाई इलाके में लड़ाई की वजह से विस्थापित 40 लाख लोग रह रहे हैं। इनमें से कई उन इमारतों में रह रहे थे जो पहले से ही बमबारी की वजह से क्षतिग्रस्त थे। व्हाइट हेलमेट नामक विपक्षी आपात संगठन ने एक बयान में कहा कि सैकड़ों परिवार मलबे में दबे हैं। बचावकर्मियों ने बताया कि पहले ही संसाधनों की किल्लत से जूझ रहे चिकित्सा केंद्र और अस्पताल जल्द घायलों से भर गए। एसएमएस चिकित्सा संगठन के मुताबिक सैन्य अस्पताल सहित कई अस्पतालों को खाली कराया गया है। अतमेह कस्बे के चिकित्सक मुहीब कदौर ने फोन पर ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा, हमें सैकड़ों लोगों के मारे जाने की आशंका है। भूकंप के बाद करीब 20 झटके महसूस किए गए, जिनमें से सबसे शक्तिशाली झटका 7.8 की तीव्रता का था। सीरिया के अल्लेपो और हामा शहर से लेकर तुर्किये के दियारबाकीर तक इमारतों के ध्वस्त होने की सूचना है। उपराष्ट्रपति फौत ओकता ने बताया कि गजियांतेप और काहरमनमारस प्रांतों में करीब 900 इमारतें ध्वस्त हुई हैं। भूमध्य सागरीय तटीय शहर इस्कानदेरोन में एक अस्पताल ध्वस्त हो गया लेकिन हताहतों की संख्या की तत्काल जानकारी नहीं मिली है। तुर्किये के उपराष्ट्रपति ने कहा, भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में हम खराब मौसम से संघर्ष कर रहे हैं। तलाश एवं बचाव के लिए 2800 दलों को तुरंत रवाना कर दिया गया है।
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राष्ट्रपति बोले-तलाश और बचाव दल रवाना
तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने ट्वीट किया कि भूकंप प्रभावित क्षेत्रों के लिए तलाश एवं बचाव दलों को तुरंत रवाना कर दिया गया है। उन्होंने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि जानमाल के कम से कम नुकसान के साथ हम इस आपदा से मिलकर बाहर निकलेंगे। ताइवान से लेकर रूस और जर्मनी तक ने मदद की पेशकश की है।
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तुर्किये और सीरिया का ऐसा हाल
तुर्किये के राष्ट्रपति के मुताबिक भूकंप से देश के 10 प्रांतों में 912 लोगों की मौत हुई है और 5400 से अधिक लोग घायल हुए हैं। सीरिया के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक सीरिया में भूकंप से मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर 326 हो गई है। करीब 1000 अन्य घायल हुए हैं। व्हाइट हेलमेट के मुताबिक, सीरिया में विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाके में कम से 150 लोगों की मौत हुई है। हालांकि, एसएएमएस ने मृतकों की संख्या 106 बताई है।
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कैसे आता है भूकंप?
भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।
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पीएम मोदी ने दुख जताया
पीएम नरेंद्र मोदी ने तुर्किये और सीरिया में आए भूकंप में लोगों की मौत पर सोमवार को शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भारत इस त्रासदी से निपटने में मदद के लिए हरसंभव सहायता देने को तैयार है। मोदी ने ट्वीट किया, तुर्किये में भूकंप के कारण हुए जान-माल के नुकसान से दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। प्रधानमंत्री ने भूकंप पर तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन के एक ट्वीट को टैग करते हुए कहा, भारत तुर्किये के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है और इस त्रासदी से निपटने के लिए हरसंभव सहायता देने को तैयार है।
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10 घंटे में तीसरी बार तेज भूकंप से थर्राया तुकिये
तुकिये में सोमवार को तीसरी बार भूंकप के झटके महसूस किए गए। इस बार भूकंप की रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 6 मापी गई है। ये झटके पांच बजकर 32 मिनट पर महसूस किए गए इससे पहले भारतीय समयानुसार तीन बजकर 54 मिनट पर भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। जिसकी रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 7.5 मापी गई। उसका केंद्र अंकारा से 427 किलोमीटर दूर जमीन से 10 किमी. अंदर था। प्रारंभिक भूकंप के बाद 50 से अधिक आफ्टरशॉक्स आए, जिसमें 7.5-तीव्रता का झटका भी शामिल है।
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बिखर गई इमारतें, बचनें का नहीं मिला मौका
कई इमारतें ताश के पत्तों की तरह बिखर गईं। लोगों को बचने का मौका ही नहीं मिला। सड़कों के बीच दरार आ गई। कई पुल भी टूट गए। ये पहली बार नहीं है, जब भूकंप के झटकों ने तबाही मचाई हो। इसके पहले भी कई बार इस तरह के झटकों से तबाही मच चुकी है। जैसे ही भूकंप के झटके आए बड़े-बड़े माइकों से एनाउंस किया गया कि लोग अपने घरों को छोड़कर खुले ओपन एरिया की तरफ जाएं। लोग यहां वहां भाग रहे थे, मलबा पड़ा हुआ है। भूकंप इतना भयंकर था कि लोगों को बचने का मौका नहीं मिला। रिएक्टर स्केल में 7 से ऊपर भूकंप बहुत खतरनाक माना जाता है।
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