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—- लैंडिंग से 10 सेकंड पहले हादसा, प्लेन में थे 68 यात्री और चार क्रू मेंबर
—— ऐसी चर्चा : जिस एयरपोर्ट पर लैंडिंग होनी थी, उसे चीन ने बनाया…. दो हफ्ते पहले हुआ था उद्घाटन
—–यति एयरलाइन का विमान दुर्घटनाग्रस्त, 68 लोगों की मौत
इंट्रो
नेपाल का एक यात्री विमान पोखरा हवाई अड्डे पर उतरते समय रविवार को नदी घाटी में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। लैंडिंग से महज 10 सेकंड पहले विमान पहाड़ी से टकरा गया। इससे प्लेन में आग लग गई और वह खाई में जा गिरा। हादसे में अब तक 68 लोगों की मौत हो गई। विमान में पांच भारतीय नागरिकों समेत 72 लोग सवार थे।
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काठमांडू। नेपाल के नागर विमानन प्राधिकरण ने बताया कि यति एअरलाइन के 9एन-एएनसी एटीआर-72 विमान ने पूर्वाह्न 10 बजकर 33 मिनट पर काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी। पोखरा हवाई अड्डे पर उतरते वक्त विमान पुराने हवाई अड्डे और नए हवाई अड्डे के बीच सेती नदी के तट पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। सीएएएन की समन्वय समिति, खोज एवं बचाव के एक अधिकारी ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, अभी तक दुर्घटनास्थल से 68 शव बरामद किए जा चुके हैं। अधिकारी ने कहा कि शवों की पहचान अभी नहीं हो पाई है। साथ ही उन्होंने कहा कि चार और शव बरामद करने के प्रयास जारी हैं। विमान में पांच भारतीय, चार रूसी, दो कोरियाई के अलावा ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, अर्जेंटीना, इजराइल के एक-एक नागरिक सवार थे। विमान में सवार पांच भारतीयों की पहचान अभिषेक कुशवाहा, विशाल शर्मा, अनिल कुमार राजभर, सोनू जायसवाल और संजय जायसवाल के रूप में हुई है। यति एयरलाइन के प्रवक्ता सुदर्शन बरतौला ने कहा कि अभी तक किसी के जीवित बचने की कोई सूचना नहीं है। उन्होंने कहा, पोखरा में मौसम बिल्कुल ठीक था और विमान का इंजन भी अच्छी स्थिति में था। उन्होंने कहा, हम नहीं जानते कि हवाई जहाज को क्या हुआ। अधिकारियों ने कहा कि चार और शव बरामद करने के प्रयास जारी हैं। हालांकि, कुछ स्थानीय मीडिया की खबरों में कहा गया कि विमान उतरते समय ज्यादा मुड़ गया था, जो दुर्घटना का कारण हो सकता है। यह चीनी कर्ज के तहत बनाया गया एक नया हवाई अड्डा है और अभी दो हफ्ते पहले इसका उद्घाटन किया गया था।
भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया, काठमांडू से उड़ान भरने के बाद यति एअरलाइन का एक एटीआर-72 विमान पोखरा हवाई अड्डे के समीप दुर्घटनाग्रस्त हो गया। नेपाल के नागर विमानन प्राधिकरण द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना के अनुसार इस विमान में पांच भारतीय नागरिक भी सवार थे। बचाव अभियान जारी है। ट्वीट में कहा गया कि दूतावास स्थानीय प्राधिकारों के संपर्क में है और स्थिति पर नजर रख रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक ट्वीट में कहा, नेपाल के पोखरा में हुए विमान हादसे के बारे में सुनकर गहरा दुख हुआ। हमारी संवेदनाएं प्रभावित परिवारों के साथ हैं। जयशंकर ने भारतीय दूतावास के हेल्पलाइन नंबर भी साझा किए। ‘हिमालयन टाइम्स’ अखबार ने कास्की जिले के मुख्य जिला अधिकारी टेक बहादुर केसी के हवाले से बताया कि विमान सेती नदी घाटी में दुर्घटनाग्रस्त हुआ और अभी बचाव अभियान चल रहा है। यात्रियों में तीन नवजात और तीन बच्चे भी थे।
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पांच सदस्यीय जांच समिति
प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने दुर्घटना के बाद मंत्रिपरिषद की आपात बैठक बुलाई। सरकार ने दुर्घटना की जांच के लिए संस्कृति, पर्यटन और नागर विमानन मंत्रालय के पूर्व सचिव नागेंद्र घिमिरे के नेतृत्व में पांच सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि प्रत्येक घरेलू एयरलाइन के विमान के उड़ान भरने से पहले कड़ाई से जांच हो।
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5 भारतीय समेत 14 विदेशी नागरिक
विमान को कैप्टन कमल केसी उड़ा रहे थे। 68 यात्रियों में से 53 नेपाली, 5 भारतीय, 4 रूसी, एक आयरिश, दो कोरियन, एक अफगानी और एक फ्रेंच नागरिक थे। इनमें 3 नवजात और 3 लड़के भी शामिल हैं। एयरलांइस के प्रवक्ता सुदर्शन बरतौला ने कहा कि विमान के मलबे से अभी तक किसी जीवित व्यक्ति को नहीं निकाला जा सका है।
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तकनीकी खराबी हादसे की वजह
नेपाल की एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से कहा गया है कि विमान हादसा मौसम नहीं बल्कि तकनीकी खराबी की वजह से हुआ। एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से ये भी कहा गया है कि विमान के पायलट ने एटीसी से लैंडिंग के लिए परमिशन ले ली थी। पोखरा एटीसी की ओर से लैंडिंग के लिए ओके भी कह दिया गया था। सिविल एविएशन अथॉरिटी का कहना है कि लैंडिंग से ठीक पहले विमान में आग की लपटें दिखाई दी थीं इसलिए मौसम की खराबी के कारण दुर्घटना हुई, ये बात नहीं कही जा सकती।
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ऐसे हुआ हादसा
00 यति एयरलाइंस का विमान एटीआर-72
00 लैंडिंग से पहले लहराया विमान
00 लैंडिंग के लिए दो बार मांगी इजाजत
00 पोखरा एयरपोर्ट से पहले पहाड़ी में क्रैश
00 अब तक 68 शव निकाले गए
00 चार लोगों की की जा रही तलाश
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दर्द भरी दास्तां
प्लेन को सकुशल लैंडिंग कराते ही कैप्टन बन जाती अंजू
इस हादसे में विमान की को-पायलट अंजू खतिवडा की बतौर को-पायलट यह आखिरी उड़ान थी। प्लेन को सकुशल लैंडिंग कराने के बाद अंजू कैप्टन बनने वाली थीं। इसके लिए वह सीनियर पायलट और ट्रेनर कमल केसी के साथ उड़ान पर गई थीं।
दरअसल, फ्लाइंग कैप्टन बनने के लिए कम से कम 100 घंटे का फ्लाइंग अनुभव चाहिए होता। को-पायलट अंजू ने इससे पहले भी नेपाल के लगभग सभी विमानस्थलों में सफ़लतापूर्वक लैंडिंग कराई थी। रविवार को पोखरा के लिए उड़ान भरते समय कैप्टन केसी ने मुख्य पायलट की सीट पर उन्हें बैठाया था। सफल लैंडिंग के बाद अंजू को मुख्य पायलट का लाइसेंस मिलने वाला था, लेकिन दुर्भाग्य कि महज 10 सेकंड की दूरी से पहले ही सारे सपने और अरमान धुएं में मिल गए।
16 साल पहले प्लेन क्रैश में पति को खोया
इस हादसे में एक दुखद संयोग ये है कि को-पायलट अंजू के पति की भी जान विमान हादसे में गई थी। दरअसल, उनके पति दीपक पोखरेल भी यति एयरलाइंस में बतौर को-पायलट तैनात थे। 16 साल पहले यानि 21 जून 2006 को यति एयरलाइंस के जिस विमान की दुर्घटना हुई थी, उसमें अंजू के पति को-पायलट थे। नेपालगंज से सुर्खेत होते हुए जुम्ला जा रहे यति एयरलाइंस का 9 एन एईक्यू विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 6 यात्री और 4 क्रू मेंबर की मौत हो गई थी।
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