अब दूर-दराज बैठे लोग भी अपने पसंदीदा प्रत्याशी को वोट दे सकेंगे। देश के किसी भी हिस्से में रहने वाले मतदाता अपने निर्वाचन क्षेत्र में होने वाले चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग कर पाएंगे। ये सबकुछ संभव हो पाएगा RVM के जरिए। अब आप सोच रहे होंगे कि ये RVM है क्या? ये कैसे काम करेगा और कब से चुनाव आयोग इसे लागू करेगा? EVM और RVM में अंतर क्या है? आइए समझते हैं…
 
क्या है RVM और कैसे काम करेगा?
RVM का मतलब रिमोट वोटिंग मशीन है। 29 दिसंबर 2022 को चुनाव आयोग ने इसके बारे में मीडिया को बताया था। ये ऐसी मशीन है, जिसकी मदद से प्रवासी नागरिक बिना गृह राज्य आए अपना वोट डाल सकते हैं। आसान शब्दों में समझें तो अगर आप उत्तर प्रदेश के कानपुर में पैदा हुए और आपको किसी कारण केरल या देश के किसी दूसरे राज्य में रहना पड़ रहा है। ऐसे में वोटिंग के समय आमतौर पर आप अपने गृहराज्य नहीं जा पाते हैं। इसके चलते आप वोट भी नहीं डाल पाते। अब RVM ऐसे लोगों को अपने मताधिकार के प्रयोग का मौका देगा।
 
आरवीएम स्टेशन पर निवार्चन क्षेत्रों की जानकारी होगी। जैसे ही निर्वाचन क्षेत्र को चुनेंगे सभी उम्मीदवारों की सूची सामने आ जाएगी। इसके जरिए आप जहां हैं, वहीं से अपने मताधिकार का प्रयोग कर पाएंगे। चुनाव आयोग ने देश की सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियों को रिमोट वोटिंग सिस्टम की लीगल, प्रशासनिक और तकनीकी पहलुओं की जानकारी देने के लिए दिसंबर में ही पत्र लिखा था। आयोग ने 31 जनवरी तक पार्टियों से इस पर फीडबैक भी मांगा है। जल्द ही इसका ट्रायल भी होगा।
क्या होगी रिमोट वोटिंग की प्रक्रिया? 
रिमोट मतदाताओं को एक तय समय में रिमोट वोटिंग के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन करना होगा। इसके बाद चुनाव आयोग की टीम रिमोट मतदाताओं द्वारा दी गई जानकारी को उनके गृह निर्वाचन क्षेत्र में वेरिफाई करवाएगी। इसके बाद रिमोट वोटर्स के लिए मतदान के समय रिमोट वोटिंग सेंटर स्थापित किए जाएंगे। मतदान केंद्र पर वोट डालने वाले के वोटर आईडीकार्ड को आरवीएम पर मतपत्र प्रदर्शित करने के लिए स्कैन किया जाएगा। इसके बाद मतदाता को आरवीएम पर अपनी पसंद के प्रत्याशी के लिए वोट करने का मौका मिल जाएगा। 
वोटिंग के बाद वोट रिमोट कंट्रोल यूनिट में राज्य कोड, निर्वाचन क्षेत्र संख्या और उम्मीदवार संख्या के साथ दर्ज किया जाएगा। वीवीपीएटी राज्य और निर्वाचन क्षेत्र कोड के अलावा उम्मीदवार का नाम, प्रतीक और क्रम संख्या जैसे विवरण के साथ पर्ची प्रिंट करेगा। मतगणना के दौरान आरवीएम की रिमोट कंट्रोल यूनिट उम्मीदवारों के क्रम में प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के कुल मतों को पेश करेगी। मतगणना के लिए नतीजे गृह राज्य में रिटर्निंग अधिकारियों के साथ शेयर किए जाएंगे।
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