- पास में हेलीपैड, हाईकोर्ट व विधानसभा भी
चंडीगढ़। चंडीगढ़ के सेक्टर-2 में स्थित पंजाब और हरियाणा सीएम के आवास से कुछ ही दूरी पर बम मिलने से हड़कंप मच गया है। यह बम नयागांव से सटे आम के बाग में मिला है। मौके पर पुलिस के आला अधिकारी पहुंच चुके हैं। वहीं बम स्क्वायड और सेना की टीम को भी बुलाया गया है। बता दें कि यह पूरा इलाका ही बेहद संवेदनशील है। पास में ही पंजाब और हरियाणा की विधानसभा, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट व सचिवालय और मंत्रियों के आवास हैं। पुलिस को बम मिलने की सूचना बाग के अंदर लगे ट्यूबवेल के ऑपरेटर ने दी है। चंडीगढ़ और मोहाली की पुलिस मौके पर मौजूद है। बम के नजदीक ही पंजाब सीएम का हेलीपैड भी है। बम के आसपास रेत से भरी बोरियों को रख दिया गया है। पूरे इलाके को भी सील कर दिया गया है।
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गोरखनाथ मंदिर में आतंकी घुसने की अफवाह
सीएम योगी आदित्यनाथ के गोरखनाथ मंदिर में होने के दौरान रविवार दोपहर 12.30 बजे मंदिर परिसर में आतंकी घुसने की सूचना से हड़कंप मच गया था। पुलिस कंट्रोल रूम नंबर 112 पर कॉल आते ही डीएम कृष्णा करुणेश, एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर फोर्स के साथ गोरखनाथ मंदिर पहुंचकर जांच पड़ताल करने लगे। उधर, एसओजी, सर्विलांस टीम नंबर के आधार पर जांच पड़ताल में जुट गई। देर शाम एसओजी ने आरोपी को गिरफ्तार कर कैंट पुलिस को सौंप दिया। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि आरोपी सिरफिरा है और पुलिस को परेशान करने के लिए सूचना दी थी। पकड़े गए आरोपी की पहचान बिहार के वैशाली निवासी कुर्बान अली के रूप में हुई है। वह गोरखनाथ इलाके के इंड्रस्ट्रियल एरिया में किराए के मकान में रहकर बेकरी की दुकान पर काम करता है। जानकारी के मुताबिक, कुर्बान अली रविवार को दुकान मालिक के साथ घूमने निकला था। इस दौरान उसने पुलिस को डॉयल 112 पर सूचना दी कि चार बदमाश काला कपड़ा पहने गोरखनाथ मंदिर में बम लेकर दाखिल हो गए हैं। यह भी बताया कि टिफिन में केक के बीच में बम रखा गया है और मुख्य द्वार की चेकिंग पर पकड़े नहीं गए हैं।
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मुख्तार अंसारी की सजा पर अंतरिम रोक
नई दिल्ली। सुपीम कोर्ट ने यूपी के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को दोषी करार देने तथा सात साल कारावास की सजा सुनाने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर सोमवार को अंतरिम रोक लगा दी। पिस्तौल तानकर एक जेलर को धमकाने के मामले में सजा दी गई है। अंसारी की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस भी जारी किया। यह स्थापित कानून है कि निचली अदालत के बरी करने के आदेश में हस्तक्षेप करते समय अपीलीय अदालत को कहना होता है कि निचली अदालत का फैसला कानून के विपरीत है। हमें उच्च न्यायालय के फैसले में यह नजर नहीं आया।
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