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—दिल्ली-मुंबई में सड़कों पर उतरा समुदाय, समर्थन में ओवैसी और विहिप
— दिल्ली में जोरदार प्रदर्शन, राष्ट्रपति को सौंपा ज्ञापन
–गुजरात के पलीताणा में जैन मंदिर में हुई तोड़फोड़ पर समाज नाराज
इंट्रो
जैन समाज के पवित्र तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल बनाने के फैसले का विरोध हो रहा है। देशभर में जैन समाज के लोग इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। दिल्ली में देशभर के जैन समुदाय के लोग जुटे। यहां प्रगति मैदान से इंडिया गेट पर मार्च किया। जैन समाज ने राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपकर झारखंड सरकार के फैसले पर विरोध जताया है।इस बीच, गुजरात के पलीताणा में जैन मंदिर में हुई तोड़फोड़ पर समाज नाराज हो गया है। इसके विरोध में दिल्ली के अलावा मुंबई और अहमदाबाद में प्रदर्शन किया गया।
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नई दिल्ली/ मुंबई। श्री सम्मेद शिखरजी को जैन समाज का पवित्र तीर्थ स्थल माना जाता है। रविवार को दिल्ली में जैन समाज के हजारों लोग प्रगति मैदान में इकट्ठे हुए और इंडिया गेट तक मार्च किया। जैन समाज के लोगों का मानना है कि फैसले से सम्मेद शिखर को नुकसान होगा। उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचेगी। वहीं रविवार को जैन समाज के प्रतिनिधिमंडल ने झारखंड सरकार के फैसले के खिलाफ राष्ट्रपति भवन में ज्ञापन सौंपा। जैन समाज संवेदनशील धार्मिक मुद्दे पर केंद्र और झारखंड सरकार के उदासीन रवैए के खिलाफ अपना शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली में विश्व जैन संगठन के अध्यक्ष संजय जैन की अगुवाई में कई लोगों ने पिछले हफ्ते भर से अनिश्चितकालीन अनशन किया हुआ है। इधर, मुंबई में भी समुदाय के लोग झारखंड सरकार के फैसले के विरोध में प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरे। महाराष्ट्र के मंत्री एमपी लोढ़ा ने कहा कि हम गुजरात के पलीताणा में जैन मंदिर में हुई तोड़फोड़ और झारखंड सरकार के श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल में बदलने के फैसले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। गुजरात सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। लोढ़ा के मुताबिक आज के प्रदर्शन में करीब 5 लाख लोग शामिल हुए।
जैनियों का पवित्र तीर्थ
झारखंड का हिमालय माने जाने वाले इस स्थान पर जैनियों का पवित्र तीर्थ सम्मेद शिखरजी स्थापित है। इस पुण्य क्षेत्र में जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों ने मोक्ष की प्राप्ति की। यहां पर 23वें तीर्थकर भगवान पार्श्वनाथ ने भी निर्वाण प्राप्त किया था। पवित्र पर्वत के शिखर तक श्रद्धालु पैदल या डोली से जाते हैं। जंगलों, पहाड़ों के दुर्गम रास्तों से गुजरते हुए नौ किलोमीटर की यात्रा तय कर शिखर पर पहुंचते हैं।
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2019 में घोषित किया पर्यटन स्थल
2019 में केंद्र सरकार ने सम्मेद शिखर को इको सेंसिटिव जोन घोषित किया था। इसके बाद झारखंड सरकार ने एक संकल्प जारी कर जिला प्रशासन की अनुशंसा पर इसे पर्यटन स्थल घोषित किया।
ऐसे शुरू हुआ विवाद और विरोध
सम्मेद शिखर के आसपास के इलाके में मांस-मदिरा की खरीदी-बिक्री और सेवन प्रतिबंधित है। कुछ दिन पहले शराब पीते युवक का वीडियो वायरल हुआ था। इसके बाद विवाद शुरू हुआ। धर्मस्थल से जुड़े लोगों का मानना है कि पर्यटन स्थल घोषित होने के बाद से जैन धर्म का पालन नहीं करने वाले लोगों की भीड़ यहां बढ़ी। यहां मांस-मदिरा का सेवन करने वाले लोग आने लगे।
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गुजरात के जैन मंदिर में भी तोड़फोड़
इधर, गुजरात के पलीताणा शहर के जैन मंदिर में तोड़फोड़ भी हुई। इसको लेकर भी मुंबई, अहमदाबाद और दिल्ली के इंडिया गेट पर जैन समुदाय के लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
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एआईएमआईएम और विहिप ने जैन समाज का किया समर्थन
एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी और विश्व हिंदू परिषद् ने जैन समाज की मांगों का समर्थन किया है। ओवैसी ने ट्वीट कर कहा कि हम जैन समुदाय के लोगों का समर्थन करते हैं और झारखंड सरकार को इस फैसले को रद्द करना चाहिए। वहीं, विश्व हिंदू परिषद ने झारखंड सरकार से पार्श्वनाथ सम्मेद शिखर जी के अनुशासन के मुताबिक तीन सूत्रीय मांगों पर शीघ्र हस्तक्षेप करने और उसके लिए समुचित उपाय करने का आग्रह किया है।

