असम एनआरसी के डेटा में छेड़छाड़ का जोखिम

-कोर सॉफ्टवेयर पर भी उठे सवाल

गुवाहटी। भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक (कैग) ने असम राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को अपडेट करने की प्रक्रिया में भारी विसंगतियां पाई हैं। कैग ने एनआरसी के डेटा में छेड़छाड़ के जोखिम को चिह्नित किया है। कैग ने असम विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन 2020 में समाप्त वर्ष के लिए एक रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 215 सॉफ्टवेयर यूटीलिटीज को अनियमित तरीके से कोर सॉफ्टवेयर से जोड़ा गया था।

एनआरसी को अपडेट करने के लिए एक अत्यधिक सुरक्षित और भरोसेमंद सॉफ्टवेयर को विकसित करने की जरूरत थी, लेकिन ऑडिट के दौरान इस समंबंध में उचित योजना की कमी सामने आई। अपेडेटेड एनआरसी को 31 अगस्त, 2019 को जारी किया गया था, जिसमें 3,30,27,661 आवेदकों में से कुल 3,11,21,004 नाम शामिल थे। हालांकि इसे अधिसूचित किया जाना बाकी है। कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि डेटा कैप्चर और सुधार के लिए सॉफ्टवेयर के अव्यवस्थित विकास ने बिना ऑडिट ट्रेल के डेटा टेम्परिंग का जोखिम पैदा कर दिया है। ऑडिट ट्रेल एनआरसी डेटा की सत्यता के लिए जवाबदेही सुनिश्चित कर सकता था। इस तरह एख वैध त्रुटि मुक्त एनआरसी तैयारकरने का उद्देश्य अभी तक पूरा नहीं हुआ है। रिपोर्ट में आगे कहा गया, एनआरसी के लिए परियोजना लागत 288.18 करोड़ रुपये से बढ़कर 1602.66 करोड़ रुपये हो गई है।

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