- उत्तराखंड का मामला, प्राथमिकी दर्ज
उत्तरकाशी, 25 दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले के देवढंग में एक कार्यक्रम के आयोजकों पर ग्रामीणों ने अवैध धर्मांतरण का आरोप लगाया और आयोजकों के साथ उनकी झड़प हुई। कार्यक्रम में ईसाई समुदाय के धर्मगुरु शामिल हुए थे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पुरोला थाना प्रभारी कोमल सिंह रावत ने रविवार को कहा कि आशा और जीवन केंद्र नामक एक मिशनरी संगठन से जुड़े लोगों के साथ-साथ पांच ग्रामीणों के खिलाफ पुरोला थाने में मामले दर्ज किए गए हैं। अधिकारी ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धाराओं-153 (ए) (धर्म, नस्ल के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) करने सहित विभिन्न धाराओं के तहत संगठन से जुड़े लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। रावत ने कहा कि ग्रामीणों के खिलाफ 153 (ए), 323 और 504 के अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 147 के तहत दंगा करने का मामला दर्ज किया गया है। पुरोला के उपसंभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) जितेंद्र कुमार ने बताया कि घटना की सूचना शुक्रवार को मिली। उन्होंने कहा, ‘‘ग्रामीणों ने क्षेत्र में एक कार्यक्रम में सामूहिक धर्मांतरण की शिकायत की है।
राज्यपाल ने हाल में 30 नवंबर को राज्य विधानसभा द्वारा पारित धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी थी, जिसमें गैरकानूनी धर्मांतरण को एक संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध के रूप में अधिकतम 10 साल के कारावास के साथ दंडनीय अपराध बनाया गया है।
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यूपी रू 100 से अधिक लोगों ने फिर से अपनाया हिंदू धर्म
बुलंदशहर (उप्र)। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के खुर्जा में 20 परिवारों के 100 से अधिक लोगों ने अलग-अलग धर्म छोड़कर फिर से हिंदू धर्म अपना लिया है। खुर्जा विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की विधायक मीनाक्षी सिंह ने बताया, ‘‘20 परिवारों के 100 से 125 लोगों ने धर्म वापसी की है। यह पहले अलग-अलग धर्मों में थे, लेकिन अब सभी सनातन धर्म को अपनाकर बहुत खुशी से आए हैं।” सामाजिक संस्था राष्ट्रीय चेतना मंच के अध्यक्ष हेमंत सिंह ने बताया, ‘‘बुलंदशहर जिले के खुर्जा में विश्व हिंदू परिषद के धर्म प्रसार विभाग के तत्वावधान में सनातन धर्म में घर वापसी का कार्यक्रम विधिवत भव्यता के साथ आयोजित किया गया, जिसमें जिन लोगों ने विभिन्न परिस्थिति या लोभवश कुछ वर्ष पहले सनातन धर्म को त्याग कर किसी और पूजा पद्धति में सम्मिलित हो गए थे, आज वह पुनः अपने घर में, अपने सनातन हिंदू समाज में वापस लौट कर आए हैं।”
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