—-संसद में चीन पर खुलकर बोले विदेश मंत्री, राहुल गांधी को खूब सुनाया
संसद में बोले मंत्री
00 13 हजार फीट पर तैनात जवानों के लिए ‘पिटाई’ कहना ठीक नहीं
00 हम उदासीन होते तो चीन बॉर्डर पर सेना नहीं भेजते
00 हम खुलेआम कह रहे हैं कि चीन से संबंध सामान्य नहीं
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चीनी और भारतीय जवानों में झड़प को लेकर सियासी घमासान जारी है। राहुल ने कहा था, भारतीय जवानों की ‘पिटाई’ की जा रही है। इस पर अब सियासत गरमा गई। संसद के बाहर और भीतर जुबानी जंग छिड़ गई है। सोमवार को संसद में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राहुल गांधी को सेना के सम्मान का पठा पढ़ाया। उन्होंने कहा कि सैनिकों के लिए ‘पिटाई’ शब्द का इस्तेमाल कर उनका अपमान नहीं किया जाना चाहिए। जवानों का सम्मान, आदर होना चाहिए और उनकी सराहना होनी चाहिए।
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नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के प्रति भारत का रुख ‘उदासीन’ होने के कांग्रेस के आरोपों को सोमवार को सिरे से खारिज कर दिया, साथ ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान के परोक्ष संदर्भ में कहा कि राजनीतिक मतभेद और आलोचनाओं में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन किसी को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से अपने जवानों की निंदा नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सैनिकों के लिए ‘पिटाई’ शब्द का इस्तेमाल कर उनका अपमान नहीं किया जाना चाहिए।
लोकसभा में समुद्री जलदस्युता रोधी विधेयक-2019 पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की टिप्पणियों पर जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा, यदि चीन के प्रति भारत का रुख उदासीन होता तो सीमा पर सेना को किसने भेजा, हम चीन पर सैनिकों की वापसी के लिए दबाव क्यों बनाते और हम सार्वजनिक रूप से क्यों कहते कि हमारे संबंध सामान्य नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि देश के जवान यांगत्से में 13 हजार फुट की ऊंचाई पर डटे हैं और सीमा की सुरक्षा कर रहे हैं। जयशंकर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक बयान की ओर परोक्ष इशारा करते हुए कहा, जवानों के लिए ‘पिटाई’ शब्द का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। उनका अपमान नहीं होना चाहिए। जवानों का सम्मान, आदर होना चाहिए और उनकी सराहना होनी चाहिए। विदेश मंत्री ने कहा कि राजनीतिक मतभेद और आलोचनाएं हो सकती हैं, उसमें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन हमें प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से अपने जवानों की निंदा नहीं करनी चाहिए।
ज्ञात हो कि राहुल गांधी ने पिछले सप्ताह जयपुर में संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया था कि चीन ने भारत के 2,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा कर लिया, 20 भारतीय जवानों की जान ले ली और अरुणाचल प्रदेश में हमारे जवानों की पिटाई कर रहा है। जयशंकर ने ‘जी 20′ की अध्यक्षता के संबंध में चौधरी के एक बयान पर जवाब देते हुए कहा कि यह विधेयक के दायरे से बाहर का विषय है, लेकिन मैं कहना चाहूंगा कि इस समय दुनिया भारतीय नेतृत्व की ओर निहार रही है। दुनिया भारत के नेतृत्व को महत्व देती है। कोई चीज बारी-बारी से मिल रही है, इसका अर्थ यह नहीं है कि उसका कोई महत्व नहीं है।
इससे पहले, चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस नेता चौधरी ने कहा था कि ‘जी-20′ की भारत की अध्यक्षता का महिमामंडन किया जा रहा है। इसे लेकर दुष्प्रचार किया जा रहा है, जबकि इसके सदस्यों को बारी-बारी से अध्यक्षता मिलती है। जयशंकर ने यह भी कहा, मैं सदन को सूचित करना चाहता हूं कि मैं न्यूयॉर्क में संयुक्त सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता के लिए गया था। यह भारत के लिए गर्व की बात है। संरा सुरक्षा परिषद में सुधार और आतंकवाद निरोधक कार्रवाई दोनों ही महत्वपूर्ण विषय हैं।
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सेना चीन को ‘एकतरफा’ यथास्थिति नहीं बदलने देगी
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारतीय सेना चीन को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर एकतरफा तरीके से यथास्थिति नहीं बदलने देगी। जयशंकर ने कहा कि सेना की तैनाती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर की गई और सेना सीमावर्ती क्षेत्र में इसलिए नहीं गई कि गांधी ने इसके लिए उनसे कहा था। जयशंकर ने कहा, आज चीन की सीमा पर भारतीय सेना की तैनाती है, जो पहले कभी नहीं थी। यह चीन द्वारा सेना की तैनाती का मुकाबला करने के लिए किया गया है, जिसे 2020 के बाद से बड़े पैमाने पर बढ़ाया गया है।
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राहुल गांधी ने क्या कहा था ?
हाल में राहुल गांधी ने दावा किया था कि चीन युद्ध की तैयारी कर रहा है जबकि सरकार सोई हुई है। तवांग झड़प के संदर्भ में उन्होंने कहा था कि भारतीय जवानों की ‘पिटाई’ की जा रही है। आज संसद में विदेश मंत्री ने राहुल के उसी बयान पर पलटवार किया है।
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चीनी अतिक्रमण पर चर्चा की मांग पर विपक्ष का वॉकआउट
अरूणाचल प्रदेश के तवांग में चीनी अतिक्रमण और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर वस्तुस्थिति के बारे में कार्यस्थगन नोटिस के जरिए चर्चा कराने की मांग आसन द्वारा खारिज किए जाने के विरोध में कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने सोमवार को राज्यसभा से वॉकआउट किया। सुबह उच्च सदन की कार्यवाही शुरू होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। सभापति ने कांग्रेस के प्रमोद तिवारी का नाम पुकारा। तिवारी ने कहा कि वैसे तो शून्यकाल का उनका नोटिस सामूहिक आत्महत्या से संबद्ध है लेकिन उनके लिए देश की सुरक्षा का मुद्दा सर्वोपरि है। उन्होंने चीनी अतिक्रमण के मुद्दे पर सदन में तत्काल चर्चा कराने की मांग की। विपक्ष के नेता और कांग्रेस सदस्य मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आसन की ओर से बार-बार कहा जा रहा है कि सदस्य गलत नोटिस दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे यह संदेश जा रहा है कि सदस्य नियमों को समझे बिना ही नोटिस देते हैं। उन्होंने कहा कि नियम 266 के तहत सभापति के पास विशिष्ट अधिकार हैं और वे इनका उपयोग कर सदन मे चर्चा करा सकते हैं। उन्होंने कहा, यह बहुत महत्व का विषय है। चीन अतिक्रमण कर रहा है। वहां पुल बना रहा है, घर बना रहा है, तोपखाने और कारखाने बना रहा है। इस पर चर्चा नहीं करेंगे तो फिर किस पर चर्चा करेंगे। उन्होंने आसन से आग्रह किया कि वह कार्यस्थगन कर चीनी अतिक्रमण के मुद्दे पर सदन में चर्चा कराएं। खड़गे ने ब्रिटिश संसद का हवाला देते हुए कहा कि आसन के पास सारी शक्तियां हैं बस यह छोड़कर कि वह मर्द को औरत तथा औरत को मर्द बना सके। इस पर सत्ताधारी दल के सदस्यों ने कड़ा विरोध जताया।
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भाजपा ने साधा निशाना, कहा-सशस्त्र बलों को गिरा मनोबल
भाजपा ने सोमवार को विपक्ष, विशेष रूप से कांग्रेस पर संसद में बाधा डालने वाला रुख अपनाने का आरोप लगाया। राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करने का आह्वान किया। भाजपा ने यह बात तब कही जब कथित चीनी घुसपैठ पर चर्चा कराने की मांग राज्यसभा के सभापति द्वारा स्वीकार नहीं करने पर कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने सदन से बहिगर्मन किया। राज्यसभा में सदन के नेता एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता पीयूष गोयल ने कहा कि 2004 और 2014 के बीच कांग्रेस के नेतृत्व वाला संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के सत्ता में रहने के दौरान संसद में संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा या स्पष्टीकरण की मांग के कई उदाहरण हैं। उन्होंने बहिर्गमन के बाद संवाददाताओं से कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष की निराशा इस स्तर तक पहुंच गई है कि उन्होंने संसदीय नियमों और विनियमों का सम्मान करना या सभापति के फैसलों पर ध्यान देना बंद कर दिया है।
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