नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार को दो याचिकाओं पर नोटिस जारी किया है। याचिकाओं में भारत में समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की याचिकाओं पर दिल्ली उच्च न्यायालय में लंबित याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित करने की मांग की गई थी। याचिका मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध की गई थी। पीठ कविता अरोड़ा और निबेदिता दत्ता द्वारा दायर अलग-अलग स्थानांतरण याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। शीर्ष अदालत ने 25 नवंबर को दो समलैंगिक जोड़ों की दो याचिकाओं पर संज्ञान लिया था, जिसमें उनके विवाह के अधिकार को लागू करने और विशेष विवाह अधिनियम के तहत उनकी शादी को पंजीकृत करने के लिए अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की गई थी। अदालत ने दोनों याचिकाओं से निपटने में भारत के अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि की सहायता भी मांगी थी। पहली याचिका हैदराबाद में रहने वाले समलैंगिक जोड़े सुप्रियो चक्रवर्ती और अभय डांग ने दायर की थी। दूसरी याचिका पार्थ फिरोज मेहरोत्रा और उदय राज ने दायर की है।
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वैवाहिक दुष्कर्म : कानून की वैधता की होगी जांच
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह वैवाहिक दुष्कर्म के मुद्दे पर दायर याचिकाओं पर जनवरी के दूसरे हफ्ते से सुनवाई शुरू करेगा। शीर्ष न्यायालय ने कहा कि वह वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध न मानने वाली आईपीसी की धारा 375 की संवैधानिक वैधता को परखेगा। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह निर्देश कोर्ट में एक ताजा रिट पिटीशन दायर होने के बाद जारी किए। वरिष्ठ वकील सीयू सिंह ने बेंच को बताया कि इस मामले में अलग-अलग याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट की ही अलग-अलग बेंच के पास लंबित हैं और इन्हें किसी एक बेंच द्वारा सुना जाना चाहिए। गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट में वैवाहिक दुष्कर्म को लेकर दो जजों की बेंच ने विभाजित फैसला दिया था। इसे लेकर भी सुप्रीम कोर्ट के सामने एक याचिका दायर है। इसके अलावा कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक मामले में पत्नी के साथ रेप के दोषी व्यक्ति को सजा सुनाई थी। इस फैसले के खिलाफ भी सर्वोच्च न्यायालय में कुछ याचिकाएं लंबित हैं। जहां दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर एडवोकेट करुणा नंदी पक्ष रख रही हैं, वहीं कर्नाटक हाईकोर्ट वाले फैसले पर इंदिरा जयसिंह वकील हैं। दोनों ही सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को मौजूद रहीं। इसके बाद ही बेंच ने मामले पर जनवरी के दूसरे हफ्ते में सुनवाई का आदेश दिया।
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