पैंगोंग, गलवान सहित करीब 25 क्षेत्रों में ड्रैगन खड़े कर रहा सीमा विवाद

  • अरुणाचल के तवांग सेक्टर में हाल में हुई है भारत, चीन के सैनिकों के साथ तगड़ी झड़प
  • दोनों देशों के बीच 3488 किलोमीटर की है वास्तविक नियंत्रण रेखा

-जानबूझकर विवाद खड़े कर प्रेशर पॉलिटिक्स खेलता है ड्रैगन

इंट्रो

अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत-चीन के सैनिकों में झड़प के बाद संसद से शहर तक माहौल गर्म है। यह पहला मौका नहीं है जब भारत व चीन के बीच इस तरह का संघर्ष हुआ है। दरअसल, ड्रैगन हमेशा से भारत को उकसाने वाली कार्रवाई करता रहा है। लद्दाख, अरुणाचल पर तो वह गाहे-बगाहे दावा भी जताता रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत व चीन के बीच 25 विवादित क्षेत्र है।

नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में यांग्त्से को चीनी पीएलए सैनिकों द्वारा बार-बार निशाना बनाया गया है और भारतीय सैनिकों को इन इलाकोंसे हटाने की कोशिश की जा रही है। लगभग 14 महीने पहले जब भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में गतिरोध को हल करने के लिए 13वें दौर की सैन्य वार्ता आयोजित करने की तैयारी कर रहे थे, उस दौरान भी दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच यांग्त्से क्षेत्र में धक्का-मुक्की हुई थी। इसके बाद अब 9 दिसंबर की सुबह अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में दोनों देश के जवान भिड़ गए। दोनों तरफ के कई सैनिक जख्मी हैं। अरुणाचल प्रदेश में झड़प 9 दिसंबर 2022 की सुबह लगभग 3 बजे पूर्वी तवांग में यांग्त्से के पास हुई थी। सूत्रों के अनुसार, एलएसी के पास एक नाले के दोनों ओर भारतीय और चीनी सैनिक तैनात हैं, लेकिन उस दिन लगभग 300 चीनी सैनिक भारतीय पक्ष में आ गए। एलएसी का यह हिस्सा दोनों पक्षों के बीच विवादित क्षेत्रों में से एक है।

निशाने पर यांग्त्से

यांग्त्से दोनों देशों के बीच 3488 किलोमीटर की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास स्थित 25 विवादित क्षेत्रों में से एक है। यांग्त्से के साथ ही इन क्षेत्रों में से अधिकांश इलाके दोनों पक्षों द्वारा 1990 के दशक में संयुक्त कार्य समूह (जेडब्लूजी) की कई बैठकों के दौरान पहचाने गए थे। पीएलए की कार्रवाइयों के कारण शेष विवादित क्षेत्रों की समय-समय पर पहचान की गई।

कई हैं विवादित क्षेत्र

1990 में जॉइंट वर्किंग ग्रुप की बैठक में जिन विवादित क्षेत्रों की पहचान की गयी उनमें ट्रिग हाइट्स, डेमचोंक, बाराहोती, नमका छू, सुमडोरोंग छू, अस्फिला, यांग्त्से और लॉंगजू-बिसा शामिल हैं। वहीं, साल 2000 में मैप एक्सचेंज के दौरान जिन विवादित स्थलों के नाम सामने आए, उनमें कौरिक, शिपकी ला, डोगरी और मुमरी प्रमुख हैं। साल 2002 में मैपों की तुलना के दौरान नॉर्थ समर, लुंगपा, पॉइंट 6556 का पूर्वी हिस्सा, कुगरांग नदी का उत्तरी इलाका, कोंगका ला, स्पैंगर गैप, माउंट सजुम का पूर्वी हिसा को विवादित क्षेत्रों के रूप में चिन्हित किया गया। वहीं, पीएलए के एक्शन के दौरान जिन विवादित क्षेत्रों की पहचान हुई उनमें पैंगोंग सो का उत्तरी और दक्षिणी किनारा, गलवान, चूमर और हॉट स्प्रिंग्स हैं। डिचू इलाका, डिबांग वैली और लमांग भी भारत और चीन के बीच विवादित क्षेत्र हैं।

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