केंद्रीय विवि, आईआईटी-आईआईएम में 11,000 पद खाली : प्रधान

नई दिल्ली। शिक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देशभर में केंद्रीय विश्वविद्यालयों, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) तथा भारतीय प्रबंध संस्थानों (आईआईएम) में 11,000 से अधिक संकाय पद खाली हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उनके मुताबिक देश के 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और सहायक प्रोफेसर के 18,956 स्वीकृत पदों में से कुल 6,180 पद खाली हैं। मंत्री के उत्तर के अनुसार इसी तरह आईआईटी में 11,170 स्वीकृत पदों में से कुल 4,502 पद खाली हैं, वहीं आईआईएम में कुल 1,566 संकाय सदस्यों में से 493 पद खाली हैं। उन्होंने कहा कि सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को मिशन मोड में खाली पदों को भरने का निर्देश दिया गया है।

2000 के नोट बंद हों : सुशील मोदी

नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन, बिहार से बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान 2000 रुपए के नोट का मामला उठाया। उन्होंने सरकार से इस नोट को बंद कर देने की अपील की है। सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि 2000 रुपए का नोट अब बाजार में दिखाई नहीं दे रहा है। ये एटीएम से भी नहीं निकल रहा है। अफवाह है कि ये लीगल टेंडर नहीं रहा। सरकार को अब इसके बारे में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। भाजपा राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि जब नोटबंदी हुई थी तब 500 और 2000 के नोट को तेजी से बदलने के लिए, रीमॉनेटाइज़ करने के लिए 2000 के नोट का प्रचलन शुरू किया गया था। पिछले 3 सालों से आरबीआई ने इस नोट की प्रिंटिंग बंद कर दी है। बडी संख्या में 2000 के नकली नोट ज़ब्त किए जा रहे हैं। लोगों ने बड़ी तादात में 2000 के नोट जमा कर रखे हैं, जिसका इस्तेमाल अवैध व्यापार में हो रहा है। कुछ जगह पर ये ब्लैक में मिल रहा है।


गुजरात में हमारी वैकल्पिक शैली फेल’ : खुर्शीद

बेंगलुरु। गुजरात में कांग्रेस पार्टी की हार पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि गुजरात विधानसभा चुनावों में हमारी पार्टी की वैकल्पिक शैली और प्रचार का तरीका काम नहीं आया। इस दौरान उन्होंने राज्य में आम आदमी पार्टी के प्रदर्शन को लेकर उसकी सराहना की। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने राज्य में नए विचार की पेशकश करते हुए कांग्रेस की संभावनाओं को हानि पहुंचाई। गुजरात विधानसभा चुनाव पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में कांग्रेस चुनाव से पहले ही मुश्किल में थी। उन्होंने कहा कि गुजरात में हमारी बहुत सारी रणनीतियां पिछले चुनाव से पहले की घटनाओं पर आधारित थीं जैसे-पाटीदार आंदोलन वगैरह। हालांकि हमने कुछ ऐसा हासिल करने की कोशिश करने के लिए अपने आधार को काफी हद तक बदल दिया था, जो हमारे पास अतीत में नहीं था। उन्होंने कहा कि कह सकते हैं कि हमारी मध्यम अवधि और लंबी अवधि की योजना इस वजह से थोड़ी अव्यवस्थित थी। हमने एक वैकल्पिक शैली और पद्धति को एक साथ रखने की कोशिश की, लेकिन यह दुख की बात है हमारी यह रणनीति काम नहीं आई।


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