भारत ने संभाली जी-20 की अध्यक्षता, पीएम बोले, भारत का एजेंडा होगा समावेशी, महत्वाकांक्षी, कार्रवाई आधारित

अगले एक साल तक भारत के पास रहेगी समूह की अध्यक्षता, 200 से अधिक बैठकों का देशभर में किया जाएगा आयोजन।

नई दिल्ली। भारत ने गुरुवार को जी-20 समूह की अध्यक्षता की जिम्मेदारी संभाल ली है। इस अवसर पर उसे अमेरिका समेत दुनिया के तमाम देशों की तरफ से बधाई के साथ समर्थन मिल रहा है। इसी क्रम में अमेरिका के राष्ट्रपति जो.बाइडन के कार्यालय की तरफ से एक बयान जारी कर कहा गया है कि अमेरिका अगले साल भारत में आयोजित जी-20 की अध्यक्षता का समर्थन करने के लिए उत्साहित है। भारत ने 1 दिसंबर को दुनिया की सबसे अमीर अर्थव्यवस्थाओं वाले समूह की वार्षिक अध्यक्षता संभाल ली है। अमेरिका मजबूत अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का निर्माण करने का अपना प्रयास जारी रखेगा। इसमें खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा में आ रही चुनौतियों के अलावा जो भी मुद्दे हैं। उनसे निपटने में भारत का समर्थन करने के लिए अमेरिका उत्साहित है। यहां बता दें कि भारत को नवंबर महीने में बाली में आयोजित किए गए जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान इंडोनेशिया से समूह की अध्यक्षता की जिम्मेदारी मिली है। समूह देशों के पास विश्व की जीडीपी में 80 फीसदी और व्यापार में 75 फीसदी भागीदारी है।

मिलकर काम करने की उम्मीद: ऑस्ट्रेलिया

अमेरिका के अलावा ऑस्ट्रेलिया के भारत में उच्चायुक्त बैरी ओ फैरेल ने कहा कि आज भारत के एक अहम अवसर है। क्योंकि उसने जी-20 की अध्यक्षता संभाली है। हम एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य विषय अपने साझा उद्देश्यों और प्रगति को हासिल करने के लिए इसके साथ मिलकर काम करने की उम्मीद करते हैं।

समावेशी, महत्वाकांक्षी और निर्णायक होगा एजेंडा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 की अध्यक्षता संभालते ही एक बयान जारी कर कहा कि आज भारत ने अपनी जी-20 की अध्यक्षता शुरू की। समूह की अध्यक्षता एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य की थीम से प्रेरित होकर एकता को और बढ़ावा देने के लिए काम करेगी। हम आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन या महामारी जैसी जिन सबसे बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उनका समाधान आपस में लड़कर नहीं बल्कि मिलजुलकर करना पड़ेगा। भारत का एजेंडा समावेशी, महत्वाकांक्षी, कार्रवाई उन्मुख और निर्णायक होगा।

सही मुद्दों पर ध्यान दें वैश्विक नेता

उधर विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने भारत द्वारा जी-20 की अध्यक्षता संभालने के उपलक्ष्य में राजधानी में आयोजित किए गए यूनिवर्सिटी कनेक्ट कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ये समूह दुनिया की वित्तीय, आर्थिक और विकास चुनौतियों को संबोधित करने के लिए एक समर्पित समूह है। इस कठिन समय में महत्वपूर्ण है कि वैश्विक नेता सही मुद्दों पर ध्यान दें। जो विशेष रूप से दुनिया के अधिक कमजोर वर्गों को प्रभावित करते हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि जी-20 की अध्यक्षता भारत को अपनी कहानी दूसरों के साथ साझा करने का एक अवसर प्रदान करती है। विशेष रूप से उनके साथ जो हमारे कुछ अनुभवों अपने प्रदर्शन या चुनौतियों पर स्थानांतरित कर सकते हैं। हमारी कोशिश रहेगी कि हम मुख्य वैश्विक मुद्दों पर सर्वसम्मति से साथ आगे बढ़ें।

तीसरी सबसे बड़ी आबादी बन जाएंगे

उन्होंने कहा, दशक के अंत तक हम दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले तीसरे देश बन जाएंगे। भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के वर्चस्व वाली दुनिया में 2030 तक वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए हमारे संसाधन महत्वपूर्ण होंगे। अपने ट्वीट के जरिए जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयानों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत का जी-20 की अध्यक्षता संभालना एकता की सार्वभौमिक भावना को बढ़ावा देने का काम करेगा। ये प्रकाशित करता है कि हमारी समूह की प्राथमिकताओं को न केवल जी-20 भागीदारों बल्कि वैश्विक दक्षिण में हमारे साथी यात्रियों के परामर्श से आकार दिया जाएगा। पीएम के प्रधान सचिव पी.के.मिश्रा ने समूह की भारत की अध्यक्षता को एक ऐतिहासिक दिन बताया।

सप्ताह भर तक रोशन किए जाएंगे मुख्य स्मारक

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने 1 दिसंबर की तारीख को यादगार बताते हुए कहा कि यह लोगों का लोगों के लिए आयोजन होगा। इसमें जनभागीदारी आयोजन होंगे। 1 दिसंबर से अगले साल 30 नवंबर तक जी-20 की अध्यक्षता की जिम्मेदारी भारत के पास रहेगी। जिसमें सरकार ने यह निर्णय लिया है कि जी-20 लोगो वाले यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों के साथ-साथ 100 स्मारकों को 1 से 7 दिसंबर तक के लिए रोशन किया जाएगा। इनमें श्रीनगर के शंकराचार्य मंदिर से लेकर दिल्ली का लालकिला और तंजावुर के महान जीवित चोल मंदिर तक शामिल हैं। भारत जी-20 में अपनी संस्कृति, सांस्कृतिक विरासत, विविधता और 75 वर्षों की अपनी उपलब्धियों और प्रगति को पेश करेगा। इसके अलावा अगले साल 9-10 सितंबर को भारत जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। पहली तैयारी बैठक 4 से 7 दिसंबर के बीच राजस्थान के उदयपुर में होगी। देश के 75 विश्वविद्यालय के युवाओं को सम्मेलन का हिस्सा बनाने की योजना है। जी-20 से संबंधित सेल्फी प्वाइंट बनाए जाएंगे जहां लोग फोटो खिंचवा सकेंगे। ऑडियो-वीडियो माध्यम से लोगों को सम्मेलन के बारे में जानकारी दी जाएगी, एफएम रेडियो भी प्रचार का माध्यम बनेंगे।

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