Shraddha Murder Case: कोर्ट में कबूलनामा भी नहीं हो सकता आफताब के खिलाफ इस्तेमाल, जानें क्या है कानूनी पेंच

Shraddha Murder Case: आफताब पूनावाला ने कोर्ट में श्रद्धा वॉकर की हत्या की बात कोर्ट में स्वीकार कर ली है। उसने श्रद्धा की बॉडी को ठिकाने लगाने की बात भी मानी है। इसके बावजूद आफताब का कबूलनामा उसके खिलाफ इस्तेमाल नहीं हो सकता। इसके पीछे एक बेहद अहम कानूनी पेंच है, जिसके चलते उसके इस कबूलनामे को बतौर एविडेंस नहीं यूज किया जा सकता है। देश के सबसे खतरनाक और चर्चित मर्डर केस का यह एक बेहद दिलचस्प पहलू है। आइए जानते हैं आखिर क्यों नहीं हो सकता है ऐसा?

यह है कानूनी पेंच
असल में किसी भी अपराधी का पुलिस रिमांड में किया गया कुबूलनामा बतौर एविडेंस इस्तेमाल नहीं हो सकता। चूंकि आफताब ने मजिस्ट्रेट के सामने बयान नहीं दिया है, इसलिए इसे एडमिसिबल इविडेंस नहीं माना जा सकता। वहीं, उसने आज जो भी बयान दिए हैं, वह एक्चुअल ट्रायल के दौरान नहीं, बल्कि पुलिस रिमांड में दिए गए हैं। इसलिए वह भी मान्य नहीं होंगे। गौरतलब है कि आफताब पूनावाला ने 18 मई को श्रद्धा की हत्या की थी। हालांकि इस मामले में पुलिस के हाथ अभी भी ठोस सुबूत हाथ नहीं लगे हैं। पुलिस अभी तक श्रद्धा बॉडी बरामद नहीं कर सकी है। अब पुलिस इस बात की पुष्टि करने में जुटी है कि श्रद्धा 18 मई के बाद जिंदा थी या नहीं? इसके लिए वह श्रद्धा के दोस्तों और करीबियों से पूछताछ कर रही है। पुलिस इन सभी से यह पता लगाने की कोशिश में जुटी है कि क्या उनका 18 मई के बाद श्रद्धा से कभी संपर्क हुआ था?

DNA मैच में जुटी पुलिस
इसके अलावा पुलिस को यह भी साबित करना होगा कि आफताब के बयान के आधार पर उसने जो मानव अंग बरामद किए हैं, वह श्रद्धा के ही हैं। पुलिस श्रद्धा के पिता और उसके भाई से डीएनए मैच करने की कोशिश कर रही है। सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लैब की रिपोर्ट हफ्ते भर में आने का अनुमान है। इसके अलावा अभी तक पुलिस हत्या में प्रयुक्त हथियार भी बरामद नहीं कर सकी। हालांकि पुलिस ने उन हथियारों को बरामद किया है, जिससे आफताब ने श्रद्धा के शरीर के टुकड़े किए थे। लेकिन इस बात की उम्मीद बेहद कम है कि छह महीने बीतने के बाद इन हथियारों से कोई फोरेंसिक एविडेंस मिलेगा। 

जुटाया जा रहा है सुबूत
आज पुलिस ने उस बाथरूम पर फोकस किया, जहां पर आफताब ने श्रद्धा के शरीर के 35 टुकड़े करने का दावा किया है। सूत्रों के मुताबिक पुलिस को यहां से टाइल्स के नीचे खून मिले हैं, इन्हें भी डीएनए टेस्ट के लिए भेजा गया है। इस मामले में पुलिस आफताब का पॉलीग्राफ और नार्को-एनालिसिस टेस्ट करा रही है, हालांकि इसकी रिपोर्ट्स भी कोर्ट में एडमिसिबेल नहीं होगी। वहीं, हत्या का मकसद भी अभी तक सवालों के घेरे में है। आफताब का दावा है कि उसने हत्या प्रायोजित ढंग से नहीं की थी, बल्कि गुस्से में आकर यह कदम उठाया था। अब पुलिस कुछ डिजिटल एविडेंस और श्रद्धा के दोस्तों बयानों को हासिल करने का प्रयास कर रही है, ताकि यह बात साबित हो सके कि उसे हर रोज पीटा और टॉर्चर किया जाता था।

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