नई दिल्ली। सपा विधायक आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को रामपुर में उपचुनाव कराने को लेकर फिलहाल अभी पूरी प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने रामपुर सत्र अदालत को आदेश दिया है कि वह पहले आजम खान की अपील पर विचार करे। इसके बाद चुनाव आयोग को नतीजे के आधार पर 11 नवंबर को या उसके बाद रामपुर विधानसभा सीट के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के लिए एक गजट अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया। मालूम हो कि आजम खान को रामपुर कोर्ट ने भड़काऊ भाषण देने के मामले में दोषी करार दिया था। उन्हें तीन साल की सजा सुनाई गई। सपा नेता ने इस आदेश को सेशन्स कोर्ट में चुनौती दी। इस मामले में अब 10 नवंबर को सुनवाई होने है। वहीं इस बीच दोषी ठहराए जाने के बाद सपा नेता की विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई और रामपुर सीट पर उपचुनाव की घोषणा कर दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने 7 नवंबर को आजम खान की विधानसभा सदस्यता रद्द किए जाने के मामले में यूपी सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा था।
जिस मामले में आजम खान को ये सजा हुई है,वो 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान का है। कथित रूप से आजम खान ने रामपुर की मिलक विधानसभा में एक चुनावी भाषण के दौरान आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणियां की थीं। इसकी शिकायत भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने की थी. इसी मामले में रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट 27 अक्टूबर को अपना फैसला सुनाते हुए आजम खान को दोषी करार दिया है।
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नोटबंदी पर सरकार ने मांगा समय, सुप्रीम कोर्ट ने बताया इसे शर्मनाक
-केंद्र की हीलाहवाली के बाद 58 याचिकाओं पर सुनवाई फिर स्थगित
नई दिल्ली। नोटबंदी के दौरान 500 और 1 हजार के नोटों को बंद करने के मामले में चल रही सुनवाई फिर से एक बार स्थगित हो गई। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 58 याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। केंद्र से इस मामले में एडिशनल जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया था, लेकिन सरकार की तरफ से फिर एक बार समय मांगा गया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई स्थगित कर दी, लेकिन इसे शर्मनाक बताया। जस्टिस एस अब्दुल नजीर, बीआर गवई, एएस बोपन्ना, वी रामसुब्रमण्यम और बीवी नागरत्ना की संविधान पीठ ने पिछले महीने सरकार को अतिरिक्त जवाब दाखिल करने और 9नवंबर को अपनी दलीलें पेश करने का निर्देश दिया था। हालांकि, अटॉर्नी जनरल (एजी) आर वेंकटरमणि सरकार की तरफ से अदालत में पेश हुए, लेकिन उन्होंने जवाब दाखिल करने के लिए एक और सप्ताह का समय मांगा है।
अगली सुनवाई 24 को
न्यायमूर्ति नागरत्ना ने कहा, “आम तौर पर एक संविधान पीठ इस तरह से स्थगित नहीं होती है। हम कभी भी इस तरह नहीं उठते हैं। यह अदालत के लिए भी बहुत शर्मनाक है।” हालांकि, अदालत ने एजी के अनुरोध को स्वीकार कर लिया और अब अगली सुनवाई 24 नवंबर को होगी। कोर्ट ने इस बात पर भी जोर दिया कि इस मामले में सुनवाई इस साल पूरी होनी चाहिए। अटॉर्नी जनरल ने कहा कि वह खुद भी स्थगन की मांग करने के लिए शर्मिंदा हैं, लेकिन केंद्र को समय चाहिए ताकि हम और बेहतर तरीके से आगे बढ़ सकें। याचिकाकर्ता के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने अदालत से याचिकाकर्ताओं की सुनवाई जारी रखने का अनुरोध किया है।

