—-नेपाल था भूकंप का केंद्र, तीव्रता 6.3 रिएक्टर मापी गई
—भारत में दिल्ली समेत छह राज्यों में महसूस किए गए झटके
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भारत-चीन और नेपाल में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। इसकी तीव्रता 6.3 रिएक्टर स्केल मापी गई। नेपाल में भूकंप के चलते घर गिरने से छह लोगों की मौत हो गई। भारत में भूकंप से कोई मौत की खबर नहीं है, लेकिन लोगों में दहशत देखी गई। लोग फौरन घरों से बाहर निकलकर रोड पर आ गए। भूकंप के झटके यूपी और उत्तराखंड में भी महसूस किए गए।
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नई दिल्ली/काठमांडु। भारत में दिल्ली-एनसीआर के साथ ही, यूपी-उत्तराखंड, बिहार, हरियाणा और मध्य प्रदेश तक भूकंप के तेज झटके महसूस किए। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में सुबह 6.27 बजे फिर भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.3 मापी गई। पश्चिमी नेपाल में मंगलवार देर रात आए 6.6 की तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप से हिमालयी क्षेत्र दहल गया, जिससे छह लोगों की मौत हो गई है और पांच अन्य लोग घायल हो गए। प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा उस समय प्रचार अभियान के लिए इसी क्षेत्र में थे, हालांकि वह सुरक्षित हैं। नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप निगरानी केंद्र के अनुसार, नेपाल में देर रात दो बजकर 12 मिनट पर 6.6 तीव्रता का भूकंप आया। इसका केंद्र डोटी जिले में था। हिमालयी क्षेत्र में भूकंप से कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए। कई जगह गहरी नींद में सो रहे लोग आधी रात को अचानक घरों से बाहर भागने लगे। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता फणींद्र पोखरेल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को फोन पर बताया कि भूकंप से छह लोगों की मौत हो गई। नेपाली सेना के प्रवक्ता नारायण सिलवाल के अनुसार, तीन लोग लापता हैं और संदेह है कि पूर्वी चौकी में मकान ढहने के कारण वे मलबे में फंस गए हैं। नेपाल की सेना ने लापता लोगों की तलाश शुरू कर दी है। नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा देर रात जब भूंकप आया तो पश्चिमी नेपाल में मौजूद थे। वह भूकंप के केंद्र से 160 किलोमीटर दक्षिण में धनगढ़ी जिले में चुनावी रैलियों के लिए गए हुए हैं। वह देश में 20 नवंबर को होने वाले संसद व प्रांतीय विधानसभाओं के चुनाव के प्रचार के लिए वहां पहुंचे हैं। पोखरेल के अनुसार, भूकंप के झटके धनगढ़ी में भी महसूस किए गए। हालांकि प्रधानमंत्री सुरक्षित हैं। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता पोखरेल ने कहा कि घटना को ध्यान में रखते हुए पश्चिमी नेपाल में प्रधानमंत्री के चुनाव प्रचार संबंधी कार्यक्रम में बदलाव किए जाएंगे। प्रधानमंत्री देउबा ने ट्वीट किया, डडेलधुरा भूकंप में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और शोक संतप्त परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। उन्होंने कहा, मैं संबंधित अधिकारियों को बचाव एवं राहत अभियान को तेजी से अंजाम देने और घायलों को इलाज मुहैया कराने का निर्देश देता हूं। नेपाल की सेना और पुलिस राहत एवं बचाव अभियान में जुटी है। डोटी जिले के पुलिस उपाधीक्षक भोला भट्टा ने बताया कि भूकंप के दौरान कई मकान क्षतिग्रस्त हुए और उसके मलबे में दबने से लोगों की मौत हो गई। पुलिस उपाधीक्षक भोला कुमार भट्ट के हवाले से बताया कि मृतकों में दो महिलाएं, दो पुरुष और दो नाबालिग शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि भूकंप के कारण पहाड़ पर स्थित गांवों में लोग घबरा गए और कई लोगों ने पूरी रात घरों से बाहर बिताई। भूकंप में करीब आठ मकान ढह गए और कई मकानों में दरारें आ गईं। नेपाल सेना द्वारा साझा की गईं कुछ तस्वीरों में भूकंप से क्षतिग्रस्त मकानों के मलबे में दबे लोगों को कर्मी खोजते नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर साझा की गईं कई वीडियो में लोग हाथों से मलबा हटाते और अपना सामान निकालते नजर आ रहे हैं। घायल हुए लोगों का डोटी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
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बचाव में जुटी नेपाल की सेना
नेपाली सेना के प्रवक्ता नारायण सिलवाल ने बताया कि घायलों को नेपाल की सेना व अन्य सुरक्षा कर्मियों ने निकाला। हेलिकॉप्टर के जरिए उन्हें डोटी अस्पताल पहुंचाया गया। सेना के अनुसार, उन्हें धनगढ़ी और कैलाली से आए हेलीकॉप्टर में अस्पताल पहुंचाया गया। बचाव दल के अलावा खाद्य सामग्री व तंबू मुहैया कराने के लिए भी एक दल मौके पर तैनात किया गया है। पड़ोसी धनगढ़ी और कैलाली जिलों में भी झटके महसूस किए गए। राजधानी काठमांडो और भारत के कुछ हिस्सों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।
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नेपाल में मणिपुर था भूकंप का केंद्र
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक 8 नवंबर सुबह 4:37 बजे से लेकर 9 नवंबर की सुबह 6:27 बजे तक उत्तर भारत ने भूकंप के 3 झटके महसूस किए हैं। इसमें सबसे तेज भूकंप के झटके 8 और 9 तारीख की दरमियानी रात 01:57 बजे महसूस हुए। इसका केंद्र नेपाल में था। यह केंद्र उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से महज 90 किलोमीटर दूर था। इसके बाद सुबह फिर से भूकंप आया, जिसका केंद्र पिथौरागढ़ ही रहा, जिस वक्त भूकंप के झटके दिल्ली-एनसीआर में लगे उस वक्त अधिकतर लोग सोए हुए थे, जिन्हें पता लगा वो फौरन घरों से बाहर निकल गए।
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देश के राज्यों में हिली धरती
नेपाल में भूकंप के बाद दिल्ली और एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए गए। लोग दहशत में घरों के बाहर निकल आए। बिहार के सीतामढ़ी, मेजरगंज, सोनबरसा, सुरसंड, परिहार कन्हौली, बेला समेत कई जगहों पर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। उत्तर प्रदेश में मेरठ, मुरादाबाद, लखनऊ में लोग घरों से बाहर निकल आए। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.3 रही। राजस्थान में 9 नवंबर की रात करीब 1 बजकर 57 मिनट पर जयपुर, भरतपुर, अलवर सहित 8 से ज्यादा जिलों में भूकंप आया।
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नेपाल में 2015 में गईं थीं 9 हजार से ज्यादा जानें
नेपाल भूकंप 25 अप्रैल 2015 को सुबह 11 बजकर 56 मिनट पर नेपाल में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था। इस विनाशकारी भूकंप में 9,000 से ज्यादा लोग मारे गए और 23,000 से ज्यादा घायल हुए। इसका केंद्र नेपाल से 38 किलोमीटर दूर लामजुंग में था। नेपाल में 81 साल में ऐसा जबरदस्त भूकंप आया था। इससे पहले 1934 में नेपाल और उत्तरी बिहार में 8.0 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 10,600 जानें गई थीं।

