कांग्रेस के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पार्टी में बदलाव का काम तेज कर दिया है। अध्यक्ष पद संभालने के कुछ घंटे बाद से ही खरगे एक्शन मोड में हैं। सबसे पहले उन्होंने कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की सारी इकाइयां भंग कर दीं। इसके अलावा भी कुछ बड़े फैसले ले चुके हैं।
आज हम आपको बताएंगे कि अध्यक्ष बनने के बाद से अब तक खरगे क्या-क्या फैसला कर चुके हैं? इसके सियासी मायने क्या हैं? खरगे आने वाले समय में कौन-कौन सा बदलाव करेंगे? आइए जानते हैं…
CWC भंग करके बनाई स्टीयरिंग कमेटी
26 अक्तूबर को खरगे ने अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली। इसके कुछ घंटे बाद ही उन्होंने पार्टी की सबसे बड़ी कमेटी यानी कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की सारी इकाइयां भंग कर दीं। 27 अक्तूबर को CWC की जगह 47 सदस्यीय स्टीयरिंग कमेटी का गठन किया।
अब CWC की जगह यही कमेटी पार्टी के सभी बड़े फैसले लेगी। इसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मनमोहन सिंह के अलावा एके एंटनी, अंबिका सोनी, आनंद शर्मा, केसी वेणुगोपाल, रणदीप सुरजेवाला, अभिषेक मनु सिंघवी, अजय माकन, हरीश रावत, जयराम रमेश, पी. चिदंबरम, प्रमोद तिवारी, राजीव शुक्ला समेत अन्य नेताओं को शामिल किया गया है। हालांकि, खरगे से मुकाबला करने वाले सांसद शशि थरूर को इस कमेटी में जगह नहीं दी गई है।
युवाओं को संगठन में 50 प्रतिशत आरक्षण देने का एलान
खरगे ने अध्यक्ष पद संभालने के बाद संगठन में 50 प्रतिशत पदों पर 50 साल से कम उम्र के लोगों को जगह देने का एलान कर दिया। खरगे ने कहा, ब्लॉक, जिला, प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर सभी इकाइयों में इसे लागू किया जाएगा। इसका फैसला कांग्रेस के उदयपुर नव संकल्प चिंतन शिविर में हो गया था।
इन कमेटियों का भी होगा गठन
पब्लिक इनसाइड डिपार्टमेंट
एआईसीसी इलेक्शन मैनेजमेंट कमेटी 
सभी राज्यों में पॉलिटिकल अफेयर कमेटी
सोशल जस्टिस एडवाइजरी कमेटीअब इस मिशन को अंजाम देंगे खरगे
अध्यक्ष पद संभालने के बाद खरगे पार्टी में नए चेहरों को आगे बढ़ाना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने दलित और अल्पसंख्यकों को आगे करने का फैसला लिया है। खरगे खुद दलित परिवार से आते हैं। देश की करीब 25 फीसदी से ज्यादा आबादी एससी-एसटी वर्ग में आती है। अगर ये कांग्रेस के साथ जुड़ जाते हैं तो 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को बड़ा फायदा हो सकता है। खरगे ने अध्यक्ष बनने के बाद इसका एलान भी किया। उन्होंने कहा कि वह दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्ग के लिए पार्टी में अलग से सोशल जस्टिस एडवाइजरी कमेटी का गठन करेंगे। इसके अलावा दलितों को पार्टी से जोड़ने के लिए एससी-एसटी वर्ग के लिए लीडरशिप मिशन भी लॉन्च किया जाएगा। आने वाले कुछ दिनों में इस मिशन को लॉन्च किया जा सकता है।
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