- ईस्टर्न लद्दाख में पैंगोंग से भी पीछे हटे थे भारत और चीन के सैनिक
नई दिल्ली। ईस्टर्न लद्दाख में पैंगोग लेक के नजदीक चीनी सेना अपनी छावनी को मजबूत कर रही है। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तनाव और गतिरोध के बाद जब भारत और चीन के सैनिक आमने सामने से पीछे हटे तो पैंगोग इलाके से भी सैनिक हटे थे। चीनी सैनिक जब यहां से पीछे हटे तो वह रुटोग काउंटी में मौजूद अपने मिलिट्री गैरिसन यानी छावनी में गए। अब चीनी सेना इसी छावनी में सैनिकों के लिए लॉजिस्टिक सपोर्ट बेस बढ़ा रही है। सूत्रों के मुताबिक चीनी सेना ने रुटोग काउंटी छावनी में 20 दिन के भीतर ही 85 से ज्यादा नए शेल्टर तैयार कर लिए हैं।
सबसे बड़ा लॉजिस्टिक सपोर्ट बेस
यह चीनी सेना के लिए सबसे बड़े लॉजिस्टिक सपोर्ट बेस के तौर पर देखा जा रहा है। यहां पर 250 से ज्यादा अस्थाई शेल्टर भी हैं। चीन ने इस छावनी को साल 2019 के बाद विकसित करना शुरू किया जब पहली बार पैंगोंग एरिया में भारत और चीन के सैनिकों की झड़प हुई थी। जानकारों के मुताबिक यह छावनी चीनी सेना के लिए फीडर स्टेशन की तरह काम करेगा। पैंगोग एरिया में चीनी सेना की जो भी गतिविधि होगी उसके लिए लॉजिस्टिक सपोर्ट इसी बेस से मुहैया कराया जाएगा।
पैंगोंग से करीब 100 किलोमीटर की दूरी
रुटोग काउंटी पैंगोंग लेक के उत्तरी किनारे में फिंगर फोर से भी नजदीक है। जब एलएसी पर तनाव और गतिरोध था उस वक्त चीनी सैनिक फिंगर-फोर तक आ गए थे। भारतीय सैनिकों ने पैंगोंग के दक्षिणी किनारे की अहम चोटियों पर कब्जा किया था। इसके बाद दोनों देशों की सेना के बीच कोर कमांडर स्तर की बातचीत में सैनिकों के पीछे हटने पर सहमति बनी थी।
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