2 हजार किलोमीटर है अग्नि प्राइम की रेंज, एक साथ कई टारगेट होंगे तबाह

  • बालासोर में हुआ देश की परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण
  • 1500 से 3000 किलो वजन के हथियार लगाए जा सकते हैं इस पर

-बालासोर। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 21 अक्टूबर को सुबह पौने दस बजे अग्नि प्राइम मीडियम रेंज परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया। इसे अग्नि-पी नाम से भी बुलाया जाता है। परीक्षण ओडिशा के बालासोर स्थित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम आइलैंड से किया गया था। जंग के समय में इस मिसाइल को चलाने का फैसला भारत की स्ट्रैटेजिक फोर्सेस लेती है। अग्नि प्राइम मिसाइल अग्नि सीरीज की ही न्यू जेनरेशन मिसाइल है। 11 हजार किलोग्राम वजनी इस मिसाइल की रेंज 1 से 2 हजार किलोमीटर के बीच है। 34.5 फीट लंबी मिसाइल पर एक या मल्टीपल इंडेपेंडटली टारगेटेबल रीएंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) वॉरहेड यानी हथियार लगाए जा सकते हैं। एमआईआरवी यानी एक ही मिसाइल से कई टारगेट्स पर हमला। यह उच्च तीव्रता वाले विस्फोटक, थर्मोबेरिक या परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। इसपर 1500 किलोग्राम से 3000 किलोग्राम वजन के हथियार लगाए जा सकते हैं।

दो स्टेज पर चलने वाली मिसाइल

यह दो स्टेज के रॉकेट मोटर पर चलने वाली मिसाइल है। तीसरा स्टेज एमएआरवी है यानी मैन्यूवरेबल रीएंट्री व्हीकल. यानी तीसरे स्टेज को दूर से नियंत्रित करके दुश्मन के टारगेट पर सटीक हमला किया जा सकता है। इसे बीईएमएल-टट्रा ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लॉन्चर से दागा जाता है। इसे तब बनाया गया जब चीन ने डीएफ-12डी और डीएफ-26बी मिसाइलें बनाईं। इसलिए भारत ने एरिया डिनायल वेपन के तौर पर इस मिसाइल को बनाया।

पिछले वर्जन से हल्की

अग्नि प्राइम का वजन इसके पिछले वर्जन से हल्का भी है। 4 हजार किलोमीटर की रेंज वाली अग्नि-IV और पांच हजार किलोमीटर की रेंज वाली अग्नि-V से इसका वजन हल्का है। बता दें कि अग्नि-I का 1989 में परीक्षण किया गया था। फिर 2004 से इसे सेना में शामिल किया गया। उसकी रेंज 700-900 किलोमीटर के बीच थी।

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