नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक स्थानों पर फीडिंग, चाइल्ड केयर रूम और शिशुओं एवं माताओं से संबंधित किसी भी अन्य सुविधा के निर्माण की मांग करने वाली याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। यह याचिका गैर सरकारी संगठन मातृ स्पर्श द्वारा दायर की गई है। याचिकाकर्ता मातृ स्पर्श, अव्यान फाउंडेशन एक गैर सरकारी संगठन है जो सार्वजनिक स्थानों पर फीडिंग रूम, चाइल्ड केयर रूम और क्रेच स्थापित करने की दिशा में काम कर रहा है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता नेहा रस्तोगी, अनिमेष रस्तोगी और अभिमन्यु श्रेष्ठ पेश हुए। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता नेहा रस्तोगी, अनिमेष रस्तोगी और अभिमन्यु श्रेष्ठ ने फीडिंग रूम बनाने की पैरवी करते हुए कहा कि सभी सार्वजनिक स्थानों पर फीडिंग रूम और चाइल्ड केयर रूम आज के परिदृश्य में बहुत महत्वपूर्ण हैं जब महिलाएं रोजगार के लिए इतनी बड़ी संख्या में बाहर निकल रही हैं। अधिवक्ता ने कहा कि यह सब अब बुनियादी सुविधाएं हैं और यह इसलिए भी जरूरी है ताकि महिलाएं गरिमा के साथ अपना जीवन व्यतीत कर सकें।
महिला का मौलिक अधिकार
याचिका में कहा गया है कि निजता और गरिमा के साथ बच्चे की देखभाल करना हर एक महिला का मौलिक अधिकार है जिसका हर बार उल्लंघन किया जा रहा है क्योंकि सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं और बच्चों के लिए फीडिंग रूम और चाइल्ड केयर रूम जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी है। और केंद्र और अन्य हितधारकों को उपचारात्मक कदम उठाने का निर्देश देने की मांग की गई। उपाध्याय की पत्नी स्त्री रोग विशेषज्ञ अर्चना शर्मा ने राजस्थान में प्रसव के दौरान एक महिला की मौत के बाद भीड़ द्वारा परेशान किए जाने के बाद आत्महत्या कर ली थी।
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