काशी, उज्जैन और अयोध्या को बताया आस्था का केंद्र
केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में किए दर्शन
देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को उत्तराखंड दौरा किया। पीएम मोदी केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में दर्शन करने के बाद चीन सीमा के पास बसे भारत के आखिरी गांव माणा में भी पहुंचे। एक जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर मैंने लाल किले पर एक आह्वान किया, ये आह्वान हैं गुलामी की मानसिकता से पूरी तरह मुक्ति का क्योंकि, आजादी के इतने वर्षों बाद भी, हमारे देश को गुलामी की मानसिकता ने ऐसा जकड़ा हुआ है कि प्रगति का कुछ कार्य कुछ लोगों को अपराध की तरह लगता है।
पीएम मोदी ने कहा कि विदेशों में वहां की संस्कृति से जुड़े स्थानों की ये लोग तारीफ करते नहीं थकते थे, लेकिन भारत में इस प्रकार के काम को हेय दृष्टि से देखा जाता था। उन्होंने पिछली सरकारों पर अपनी संस्कृति को लेकर हीन भावना होने के चलते अपने आस्था स्थलों का विकास नहीं करने का आरोप लगाया। पीएम ने कहा कि अब काशी, उज्जैन और अयोध्या जैसे केंद्र अपने पुराने गौरव को फिर प्राप्त कर रहे हैं। ज्ञात हो कि केदारनाथ, बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब को भी सुविधाओं से जोड़ा जा रहा है। इससे पहले, प्रधानमंत्री ने माणा में 12.40 किलोमीटर लंबे रज्जूमार्ग सहित कुल 3400 करोड़ रूपये की सड़क और रज्जूमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास किया।
दो रोप वे से घंटो का सफर सिर्फ मिनटों में
पीएम मोदी ने उत्तराखंड दौरे के दौरान कई परियोजनओं की आधारशिला रखी जिनमें केदारनाथ रोप वे शामिल हैं। केदारनाथ का रोपवे 9.7 किलोमीटर लंबा होगा। यह गौरीकुंड को केदारनाथ से जोड़ेगा। इससे दोनों स्थानों की यात्रा का समय करीब 30 मिनट हो जाएगा।फिलहाल इस दूरी को तय करने में छह से सात घंटे का समय लगता है। इसी प्रकार हेमकुंड का रोपवे गोविंदघाट को हेमकुंड साहिब से जोड़ेगा। इसकी लंबाई करीब 12.4 किलोमीटर होगी। इससे इस दूरी को 45 मिनट में पूरा किया जा सकेगा। अभी इस दूरी को तय करने में करीब दिन भर लग जाते हैं। यह रोपवे घांघरिया को फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क से भी जोड़ेगा।
130 करोड़ लोगों से ‘5 पर्सेंट’ वाली अपील
यहां पीएम मोदी ने कहा कि माणा गांव भारत के अंतिम गांव के रूप में जाना जाता है। अब मेरे लिए देश की सीमा पर बसा हर गांव पहला गांव है। देश की सीमा पर बसे ये गांव हमारे देश के सशक्त प्रहरी हैं। मोदी ने आगे कहा, मैं सभी 130 करोड़ देशवासियों व पर्यटकों से अपील करता हूं कि वे जहां भी जाएं अपने यात्रा बजट का कम से कम 5 प्रतिशत स्थानीय उत्पादों को खरीदने पर खर्च करें।
आस्था के स्थलों को कर दिया जर्जर
मोदी ने कहा कि गुलामी की मानसिकता ने हमारे आस्था के स्थलों को जर्जर स्थिति में ला दिया। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने अपने नागरिकों को इन स्थलों तक जाने की सुविधाएं देना तक जरूरी नहीं समझा। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद भी देश को गुलामी ने इस तरह जकड़ा हुआ था कि लंबे समय तक यहां अपने आस्था स्थलों के विकास को लेकर एक नफरत का भाव रहा। उन्होंने कहा कि इसकी वजह विपक्षी दलों द्वारा अपनी संस्कृति को लेकर हीनभावना है।

