बेकाबू हुए फैंस, 174 की मौत, सैकड़ों घायल
8 अस्पताल, 300 से अधिक भर्ती, 11 की हालत गंभीर
स्टेडियम में थे 42,000 दर्शक, मृतकों में दो पुलिस अफसर भी
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मलंग। इंडोनेशिया में एक फुटबॉल मैच के दौरान भयानक मंजर देखने को मिला। यहां दो फुटबॉल टीमों के समर्थक आपस में भिड़ गए, इसके बाद ये भिड़ंत इतनी हिंसक हो गई कि इसमें अब तक करीब 174 लोगों की मौत हो चुकी है। फैंस के आपस में भिड़ने के बाद इंडोनेशिया पुलिस हरकत में आई और कार्रवाई शुरू की, लेकिन इससे भीड़ अनियंत्रित हो गई। गुस्साए फैंस ने पुलिसकर्मियों पर भी हमला बोल दिया। इस घटना में सैकड़ों लोग बुरी तरह से घायल हैं।
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इंडोनेशिया में शनिवार की शाम एक फुटबॉल मैच के बाद भगदड़ मच गई। मैच के बाद हुए विवाद को शांत करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े थे, जिसके चलते प्रशंसकों के बीच भगदड़ मच गई और ज्यादातर लोगों की मौत कुचले जाने के कारण हुई है। राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख लिस्ट्यो सिगिट प्रबोवो ने बताया कि आठ अस्पतालों में 100 से अधिक लोगों का इलाज चल रहा है, जिनमें से 11 की हालत गंभीर है।
फेडरेशन इंटरनेशनल डी फुटबॉल एसोसिएशन (फीफा) के अध्यक्ष ने स्टेडियम में हुई मौतों को सभी लोगों के लिए एक काला दिन और एक त्रासदी बताया, जबकि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने सुरक्षा प्रक्रियाओं की जांच के आदेश दिये। पूर्वी जावा प्रांत के मलंग शहर में शनिवार शाम को आयोजित फुटबॉल मैच में मेजबान अरेमा एफसी सुरबाया की पर्सेबाया टीम से 3-2 से हार गई, जिसके बाद प्रशंसकों के बीच झड़पें शुरू हो गईं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि अपनी टीम की हार से निराश अरेमा के हजारों समर्थकों ने खिलाड़ियों और फुटबॉल अधिकारियों पर बोतलें तथा अन्य वस्तुएं फेंकी। प्रशंसक कंजुरुहान स्टेडियम के मैदान पर उमड़ पड़े और उन्होंने अरेमा प्रबंधन से पूछा कि घरेलू मैचों में 23 वर्ष तक अजेय रहने के बाद टीम यह मैच कैसे हार गई। स्टेडियम के बाहर भी हिंसा शुरू हो गई और पुलिस के कम से कम पांच वाहनों को फूंक दिया गया। दंगा रोधी पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े, जिससे भगदड़ मच गई। फीफा ने फुटबॉल स्टेडियम में आंसू गैस के गोले छोड़ने पर प्रतिबंध लगा रखा है। आंसू गैस से बचने के लिए सैकड़ों लोग निकास द्वार की ओर भागे, जिससे कुछ लोगों की दम घुटने और कुचले जाने से मौत हो गई। अराजकता की इस स्थिति में दो अधिकारियों समेत 34 लोगों की स्टेडियम में ही मौत हो गई। मृतकों में बच्चे भी शामिल हैं। पूर्वी जावा के पुलिस प्रमुख निको अफिंता ने रविवार सुबह संवाददाता सम्मेलन में कहा, हमने प्रशंसकों के पुलिस पर हमला करने पर आंसू गैस दागने से पहले एहतियाती कार्रवाई भी की थी। प्रशंसक वाहनों को फूंक रहे थे। अफिंता ने बताया कि 300 से अधिक लोगों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन कई लोगों ने रास्ते में और कई ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
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राष्ट्रपति ने जताया खेद
राष्ट्रपति विडोडो ने रविवार को टेलीविजन पर दिए भाषण में हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, मुझे इस त्रासदी पर गहरा खेद है और मैं उम्मीद करता हूं कि यह इस देश में किसी फुटबॉल मैच से जुड़ा आखिरी हादसा हो। भविष्य में ऐसी और मानवीय त्रासदी न होने दें। हमें इंडोनेशिया में खेल भावना, मानवता और भाईचारा बनाए रखना होगा।
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फुटबॉल विश्वकप की तैयारी
इंडोनेशिया में 2023 अंडर-20 फुटबॉल विश्वकप 20 मई से 11 जून तक होना है और 24 टीम इसमें हिस्सा ले रही हैं। मेजबान देश के तौर पर इंडोनेशिया ने इस विश्वकप के लिए ‘क्वालिफाई’ कर लिया है। दुर्भाग्यपूर्ण रूप से इस घटना ने निश्चित तौर पर हमारी फुटबॉल प्रशंसक देश की छवि को नुकसान पहुंचाया है।
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58 साल पहले फुटबॉल मैच में गई थी 320 की जान
इस हिंसक घटना ने उन पुरानी यादों को ताजा कर दिया जिसमें मैच के बाद खूनी खेल खेला गया। अब तक की सबसे बड़ी हिंसा 58 साल पहले 24 मई 1964 में हुई थी। नेशनल स्टेडियम में मैच के बाद भड़की हिंसा में 320 लोग मारे गए थे। पेरू के नेशनल स्टेडियम में मैच खेला जा रहा था। मुकाबला था अर्जेंटीना और पेरू के बीच। दोनों टीमें टोक्यो ओलंपिक में अपनी जगह पक्की करने के लिए मैदान में डटी थी। अर्जेंटीना मैच खत्म होने से 2 मिनट पहले 1-0 से आगे चल रही थी। तभी पेरू ने गोला दागा लेकिन, मैच रेफरी ने गोल को अमान्य करार दिया। इससे पेरू ओलंपिक से बाहर हो गया।
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दुनिया में भगदड़ और मौतें…
30 अप्रैल, 2021 : इजराइल में वार्षिक माउंट मेरोन तीर्थयात्रा में मची भगदड़ में 45 लोगों की मौत और दर्जनों घायल हुए।
24 सितंबर, 2015 : सऊदी अरब में हज के दौरान मची भगदड़ में कम से कम 2,411 हज यात्रियों की मौत हुई।
27 जनवरी, 2013 : ब्राजील के सेंट मारिया में एक नाइट क्लब में आग लगने के बाद भगदड़ में 200 लोगों की जान चली गई।
22 नवंबर, 2010 : कंबोडिया की राजधानी नोमपेन्ह में एक उत्सव के दौरान भगदड़ मचने से 340 से अधिक लोगों की मौत हुई
30 सितंबर, 2008 : भारत के जोधपुर में एक मंदिर में भगदड़ के दौरान फंसने से कम से कम 168 लोगों की मौत और 100 घायल हुए।
12 जनवरी, 2006 : मक्का के पास हज यात्रा के दौरान भगदड़ मचने से 345 लोगों की मौत हो गई।
31 अगस्त, 2005 : इराक के बगदाद में धार्मिक जुलूस के दौरान पुल की रेलिंग टूटी। इसमें 640 लोगों मौत हो गई।
25 जनवरी, 2005 : महाराष्ट्र स्थित मांढरदेवी मंदिर में भगदड़ मचने से 265 लोगों की मौत हुई।
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