देश के अगले सीडीएस होंगे सेवानिवृत्त ले.जनरल चौहान

केंद्र सरकार ने की नियुक्ति की घोषणा

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।

देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की पिछले साल 8 दिसंबर को तमिलनाडु के कन्नूर में एक हेलिकॉप्टर हादसे में हुई मृत्यु के बाद करीब साढ़े आठ महीने बाद आखिरकार सरकार ने बुधवार को नए सीडीएस के रूप में सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान की नियुक्ति की घोषणा कर दी है। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि केंद्र ने ले.जनरल चौहान की अगले सीडीएस के रूप में नियुक्ति करने का निर्णय लिया है। वे सरकार के सैन्य मामलों के विभाग के सचिव की जिम्मेदारी का भी निर्वहन करेंगे। उनकी यह नियुक्ति केंद्र द्वारा जारी किए गए आदेश के बाद से लेकर अगले आदेश तक जारी रहेगी। ले.जनरल चौहान के पास करीब चार दशक लंबा सैन्य अनुभव रहा है। जिसमें उन्होंने कई महत्वपूर्ण कमांड, स्टाफ और इंस्ट्रक्शनल जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया है। इसके अलावा उन्हें जम्मू कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर में आतंकवाद रोधी अभियानों से जुड़ा वृहद अनुभव भी है। गौरतलब है पिछले साल 8 दिसंबर को तमिलनाडु के कन्नूर में हुए हेलिकॉप्टर हादसे में जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 11 अन्य लोगों की मौत हो गई थी।

वर्ष 1981 में सेना में हुए कमीशन

ले.जनरल चौहान का जन्म 18 मई 1961 को हुआ और वर्ष 1981 में वे सेना की 11वीं गोरखा राइफल्स में कमीशन हुए। वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला और आईएमए (देहरादून) के पूर्व छात्र रहे हैं। अपने सैन्य सेवाकाल के दौरान बतौर मेजर जनरल उन्होंने सेना की उत्तरी कमांड के बेहद चुनौतीपूर्ण माने वाले बारामुला सेक्टर में एक इन्फैंट्री डिवीजन को कमांड किया। इसके बाद ले.जनरल के रूप में पूर्वोत्तर में उन्होंने सेना की एक कोर को नेतृत्व प्रदान किया। इसी के साथ ही वह 2019 में सेना की पूर्वी कमांड के प्रमुख भी बने। इस पद पर वह मई 2021 में सेना से अपनी सेवानिवृत्ति तक बने रहे। इन कमांड नियुक्तियों के अलावा ले.जनरल चौहान कई महत्वपूर्ण सैन्य स्टाफ नियुक्तियों में भी अपने कर्तव्य का पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ पालन किया। जिसमें वह सैन्य अभियानों से जुड़े महानिदेशक यानी डीजीएमओ रहे। इसके अलावा अंगोला में संयुक्त राष्ट्र के मिशन के लिए भी उन्होंने काम किया। 31 मई 2021 को सेना से वह सेवानिवृत्त हुए। लेकिन इसके बाद भी उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा और सामरिक मामलों को लेकर लगातार अपना योगदान दिया। सेना में अपने उत्कृष्ट कार्यकाल के लिए उन्हें कई प्रतिष्ठित सम्मानों से भी नवाजा गया। जिसमें परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, सेना मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल शामिल है।

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