एसटी दर्जे के लिए सड़क पर उतरा कुर्मी समुदाय

-आंदोलन से तीन पूर्वी राज्यों में रेलवे सेवाएं प्रभावित

कोलकाता/बारीपदा/रांची। पूर्वी भारत के अनेक हिस्सों में कुर्मी समुदाय के लोगों ने मंगलवार को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने और कुरमाली भाषा को संविधान की आठवीं सूची में शामिल करने की अपनी मांग को लेकर पश्चिम बंगाल, झारखंड और ओडिशा में मंगलवार को रेलवे पटरियों पर आवागमन बाधित किया। आंदोलनकारी अनेक स्थानों पर पटरियों पर बैठ गये जिसकी वजह से अनेक ट्रेनों को रद्द करना पड़ा, गंतव्य से पहले रोकना पड़ा या मार्ग बदलना पड़ा। रेलवे के एक अधिकारी के मुताबिक, दक्षिण पूर्व रेलवे (एसईआर) के आद्रा मंडल के कुस्तौर और निमडीह स्टेशनों, खड़गपुर मंडल के खेमासुली और भांजपुर तथा चक्रधरपुर मंडल के औनलाजोरी स्टेशन पर आंदोलन के कारण सुबह चार बजे से ट्रेन सेवाएं आंशिक रूप से प्रभावित हुईं। एसईआर ने 18 ट्रेनों को निरस्त कर दिया है और 13 ट्रेनों के मार्ग बदले हैं।

ओडिशा में रोकी रेल

ओडिशा में समुदाय के सैकड़ों पुरुषों, महिलाओं और बच्चों ने मयूरभंज जिले में रेल रोको आंदोलन किया। हालांकि स्थानीय प्रशासन के आश्वासन के बाद ओडिशा में आंदोलन वापस ले लिया गया। बीजू जनता दल की राज्यसभा सदस्य ममता महंत ने आंदोलन स्थल पर पहुंचने के बाद कहा, ‘‘मैं इस मांग का पूरी तरह समर्थन करती हूं। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने समुदाय की एक महिला को संसद में भेजकर कुर्मियों का सम्मान किया है। आंदोलन में मेरी भागीदारी राजनीतिक नहीं है बल्कि अपने समुदाय के लिए हैं।” ओडिशा में करीब 25 लाख कुर्मी रहते हैं जिनमें अधिकतर मयूरभंज, क्योंझर, सुंदरगढ़, बालासोर, जाजपुर और संबलपुर जिलों में रहते हैं। दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री पटनायक ने केंद्रीय आदिवासी कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा को पत्र लिखकर 160 समुदायों को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने का आग्रह किया था।


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