यूपीए के ‘प्रोजेक्ट चीता’ को सुप्रीम कोर्ट ने ही ठहरा दिया था गलत, गिनाईं थीं ये खामियां

कांग्रेस प्रोजेक्ट चीता को अपनी योजना बताकर पीएम मोदी पर श्रेय लेने का आरोप लगा रही है। कांग्रेस का दावा है कि यूपीए सरकार में जयराम रमेश के पर्यावरण मंत्री रहते उसने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने तब उसकी इस योजना को गलत ठहराया था और इसमें बहुत सारी बुनियादी खामियां गिनाईं थीं।

दरअसल, यूपीए सरकार नामीबिया से आए चीतों और गुजरात के गिर वन के एशियाई शेरों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में एक ही जगह पर साथ रखना चाहती थी। तब विशेषज्ञों ने आशंका जताई थी कि गिर शेरों के बीच अंतर्प्रजनन की उच्च दर और कम आनुवंशिक विविधता उनके लिए महामारी की अतिसंवेदनशील स्थिति पैदा कर सकती है।

यूपीए सरकार ने अपनी योजना बनाने से पहले इस मामले में संबंधित निकायों से परामर्श भी नहीं किया था। इन तमाम तर्कों के बाद सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन जज केएस राधाकृष्णन व जस्टिस सीके प्रसाद की वन पीठ ने इस प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी थी।

‘तमाशा’ कर राष्ट्रीय मुद्दों से भटकाने की कोशिश कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, जो तमाशा पीएम आज कर रहे हैं यह राष्ट्रीय मुद्दों को दबाने और भारत जोड़ो यात्रा से ध्यान भटकाने की एक और कोशिश है।

चीतों के लिए कूनो में छोड़े गए 187 चीतल
टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश की नई पहचान अब चीता घर के रूप में होगी। नामीबिया से आए आठ चीते अगले 30 दिन कूनो राष्ट्रीय उद्यान में क्वारंटीन रहेंगे। इनकी निगरानी कर रहे विशेषज्ञ दल के अनुसार इस दौरान चीते आसपास के माहौल के साथ वन्यजीवों से भी परिचित हो सकेंगे। वैसे इन बड़ी बिल्लियों का दीदार करने के लिए आम जनता को अगले साल जनवरी तक का इंतजार करना होगा। चीता प्रबंधन का काम देख रहे एसपी यादव के मुताबिक लाए गए सभी चीते के स्वास्थ्य की निगरानी की जा रही है।

25 वर्ग किलोमीटर का बाड़ा विशेष रूप से तैयार है
अभी जिस बाड़े में उन्हें छोड़ा गया है वह विशेष रूप से तैयार 25 वर्ग किलोमीटर का एक घेरा है। इसमें रहने के दौरान चीते आसपास के अन्य वन्यजीवों और उनकी गंध से परिचित होंगे। इसके बाद वह कूनो के 748 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 3 से 4 माह में छलांग लगाते नजर आएंगे।

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