कैसे बनता है फ्लेक्स फ्यूल, कितना होगा सस्ता-जानें सबकुछ

फ्लेक्स फ्यूल तकनीक वाली कारें अब जल्द ही देशभर में दिखाई देंगी। 28 सितंबर को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी देश की पहली फ्लेक्स फ्यूल कार पेश करने वाले हैं। इस तरह के ईंधन को पेट्रोल, इथेनॉल या मेथनॉल के मिश्रण से बनाया जाता है।
ईंधन का ऐसा विकल्प जिससे आपकी कार आसानी से चल सकती है। जब पेट्रोल में इथेनॉल या मेथनॉल को मिलाकर नया ईंधन बनाया जाता है तो उसे फ्लेक्स फ्यूल कहते हैं।
गन्ने और मक्का से बनता है फ्लेक्स फ्यूल
फ्लेक्स फ्यूल को अल्कोहल बेस फ्यूल भी कहा जाता है क्योंकि इसे बनाने के लिए गन्ने, मक्का जैसे उत्पादों से बनाया जाता है। इसे बनाने के लिए स्टार्च और शुगर फर्मेंटेशन होता है। भारत में गन्ने की फसल बहुत बड़ी मात्रा में होती है इसलिए ऐसे ईंधन को बड़े स्तर पर बनाने में किसी तरह की परेशानी नहीं आएगी।
कैसे करता है काम
मौजूदा समय में हम जिन कारों का इस्तेमाल करते हैं उनमें सिर्फ एक तरह के ही ईंधन का उपयोग किया जाता है हालांकि कुछ वाहनों में पेट्रोल के साथ सीएनजी जैसे ईंधन का भी विकल्प मिलता है लेकिन उसके लिए अलग से किट लगवानी होती है या फिर कंपनी से फिट किट वाली कार खरीदनी पड़ती है। लेकिन जो वाहन फ्लेक्सी इंजन के साथ आएंगे उनमें एक ही फ्यूल टैंक में हम दो तरह के ईंधन का उपयोग कर सकते हैं। जैसे अगर हमारी कार फ्लेक्सी इंजन वाली कार होगी तो हम उसको या तो पेट्रोल से चला पाएंगे या फिर उसी कार में बिना किसी बदलाव के इथेनॉल का भी इस्तेमाल कर पाएंगे।
पर्यावरण के लिए होगा फायदेमंद
प्रदूषण लगातार पर्यावरण के लिए बड़ी समस्या बनता जा रहा है। दुनियाभर के देशों में प्रदूषण को लेकर कई बार चर्चा हो चुकी हैं। बढ़ते प्रदूषण के कारण तापमान में लगातार बढ़ोतरी हो रही है जिसका सीधा असर मौसम पर पड़ता है। प्रदूषण फैलाने में दुनियाभर में वाहनों का बड़ा योगदान है लेकिन पेट्रोल में इथेनॉल या मेथनॉल मिलाकर बनाया गया ईंधन पर्यावरण को प्रदूषण से बचाएगा क्योंकि इथेनॉल या मेथनॉल पेट्रोल की तुलना में ज्यादा बेहतर तरीके से जलता है जिससे प्रदूषण कम होगा। जानकारों के मुताबिक इथेनॉल को उपयोग करने से 35 फीसदी तक कम कार्बन मोनोऑक्साइड पैदा होती है। इसके साथ ही इस तरह के ईंधन के उपयोग से कार्बन मोनोऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड भी पैदा होती है। इथेनॉल फ्यूल को इस्तेमाल करने से नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन में भी कमी आती है।
पेट्रोल से कितना सस्ता है फ्लेक्स फ्यूल
फ्लेक्स फ्यूल को महंगे पेट्रोल और डीजल के विकल्प के तौर पर समझा जा रहा है। इस समय देश में एक लीटर पेट्रोल और डीजल की औसत कीमत 100 रुपये के आस-पास है वहीं इथेनॉल वाले ईंधन की कीमत 60 से 70 रुपये प्रति लीटर के आस-पास रह सकती है। ऐसे में पेट्रोल और डीजल के मुकाबले में फ्लेक्स फ्यूल से कार चलाने पर हर लीटर पर 30 रुपये के करीब की बचत हो सकती है।

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