-जर्मन राजदूत ने साधा चीन पर निशाना
नई दिल्ली। जर्मन राजदूत फिलिप एकरमैन ने कहा कि भारत की सीमा पर चीन अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का उल्लंघन कर रहा है और इसे स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। लेकिन साथ ही यूक्रेन पर रूसी हमले पर यूरोप के आक्रोश को भी समझने की जरूरत है। मीडिया से बातचीत में नवनियुक्त राजदूत ने अरुणाचल प्रदेश पर चीन के दावों को ‘अपमानजनक’ बताया।
राजदूत ने यूक्रेन पर रूसी हमले को पिछले सत्तर वर्षों में दुनिया में सबसे गंभीर आक्रमण करार दिया। उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि भारतीय पक्ष भी अच्छी तरह से मानता है कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। एकमैन ने कहा कि जब यूक्रेन संकट की बात आती है तो भारत और यूरोप हर एक लाइन पर सहमत नहीं हो सकते थे, लेकिन दोनों पक्षों की बीच समझ थी। उन्होंने आगे कहा, “हम उत्तरी सीमा पर भारतीय समस्या से अवगत हैं। हमें नहीं भूलना चाहिए कि चीन का दावा है कि अरुणाचल प्रदेश चीन का हिस्सा है। हम बहुत स्पष्ट रूप से मानते हैं कि यह सीमा पर उल्लंघन है और इसे स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।”
भारत के हालिया वोट का स्वागत
एकमैन ने कहा कि यूक्रेन और चीन के साथ सीमा पर जो रहा है, भारत को उसमें भी अंतर करना चाहिए। उन्होंने कहा, सीमा पर (भारत-चीन सीमा) जो हम देखते हैं, यह (यूक्रेन पर रूसी हमला) उससे बिल्कुल अलग है। यूक्रेन पर भारत के रुख के बारे में राजदूत ने कहा, मुझे लगता है कि भारतीय पक्ष अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन को अच्छी तरह जानता है। राजदूत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के हालिया वोट का स्वागत किया जिससे यूक्रेन के राष्ट्रपति को वैश्विक निकाय को संबोधित करने की अनुमति मिली। जर्मन राजदूत ने आगे कहा कि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण जर्मनी और भारत के बीच लगातार चर्चा का विषय रहा है, इसका खाद्य और उर्जा सुरक्षा सहित कई गुना प्रभाव है। एकमैन ने कहा कि रूस, जर्मनी के लिए उर्जा आपूर्ति के साथ खिलवाड़ कर रहा है और मॉस्को का उसके साथ 20 प्रतिशत गैस की आपूर्ति करने का अनुबंध है। पिछले कुछ दिनों से इसे बंद कर दिया गया है।

