- मूसेवाला मर्डर केस : विदेशों में भी एक्शन शुरू
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नई दिल्ली। सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में अब विदेशों में भी एक्शन शुरू हो गया है। गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भांजे सचिन बिश्नोई को अजरबैजान में हिरासत में लिया गया है। सचिन बिश्नोई लॉरेंस की गैंग को बाहर से ऑपरेट करता है। जांच एजेंसियों का दावा है कि सिद्धू मूसेवाला की हत्या में सचिन की भी भूमिका है। बिश्नोई गैंग के मूसेवाला की हत्या को अंजाम देने की जानकारी सचिन बिश्नोई को भी थी। जांच एजेंसी सचिन को हत्याकांड का मास्टरमाइंड भी बताती आई है।
जानकारी के मुताबिक सचिन के पास से फर्जी पासपोर्ट भी बरामद किया गया है। सचिन अपना पूरा नाम सचिन थापन लिखता है, जबकि उसके पास से तिलक राज टूटेजा के नाम का पासपोर्ट बरामद किया गया है। सचिन के पिता का असली नाम शिव दत्त है, जबकि फर्जी पासपोर्ट में उसके पिता का नाम भीम सेन लिखा हुआ है।
इतना ही नहीं उसने अपने पासपोर्ट में पता भी फर्जी डाला हुआ है। उसका असली पता वीपीओ दतारियां वाली , जिला फजिल्का है। जबकि उसने फर्जी पासपोर्ट में पता मकान नंबर 330, ब्लॉक एफ-3, संगम विहार, दिल्ली दर्ज है।
मई में हुई थी हत्या
बता दें कि 29 मई को सिद्धू मूसेवाला की हत्या कर दी गई थी। उन्हें सरेआम गोलियों से भूना गया । इस घटना का मास्टरमांड कनाडा में बैठा गोल्डी बराड़ बताया गया था। उसने अपने दोस्त विक्की मिद्दूखेड़ा की मौत का बदला लेने के लिए इस हत्याकांड को अंजाम दिया था। पुलिस ने दावा किया था कि सचिन के कहने पर ही उसके दोस्त संदीप उर्फ केकड़ा ने सिद्धू मूसेवाला की रेकी की थी।
चल रही गैंगवार
जानकारी के लिए बता दें कि बमबीहा और गोल्डी बराड़ गैंग के बीच लंबे समय से दुश्मनी चल रही है। दोनों ही गैंग के कई सदस्य इस गैंगवॉर की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं। पंजाब का रहने वाला मंदीप भी इसी गैंगवार की वजह से दुनिया को अलविदा कह गया था।
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