एक समय कश्मीर में आजाद के इर्द-गिर्द घूमती थी कांग्रेस की राजनीति, राहुल के आने पर हुए साइड लाइन

नई दिल्ली। गुलाम नबी आजाद ने आखिरकार कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। आजाद के इस्तीफे से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। जम्मू कश्मीर में आने वाले समय में चुनाव हैं और आजाद खुद की पार्टी बनाकर चुनावी मैदान में होंगे। ढाई दशकों में आजाद जम्मू कश्मीर में कांग्रेस पार्टी के झंडाबरदार थे। वे जम्मू कश्मीर के सीएम भी रहे। लेकिन पिछले कुछ समय से वे अपनी ही पार्टी में हाशिए पर रखे गए। राहुल गांधी के राजनीति में सक्रिय होते ही जिन वरिष्ठ कांग्रेसियों को दरकिनार किया जाने लगा, उनमें से एक गुलाम नबी आजाद भी थे। हालांकि सोनिया गांधी गुलाम नबी आजाद को पार्टी में सक्रिय देखना चाहती थी, लेकिन पिछले कुछ समय से वे पार्टी में घुटन महसूस कर रहे थे। कई मौकों पर अपने बयान में ये बातें इशारों इशारों में बोल चुके थे। उन्होंने तो हताश होकर राजनीति छोड़ने की बात भी एक बार कह डाली थी। उनके बीजेपी में शामिल होने के भी कयास थे।

सोनिया गांधी की कोशिश नहीं आई काम

ऐसा नहीं है आजाद को साधने की कोशिश नहीं हुई। खुद सोनिया ने सितंबर 2021 में आजादी के 75 साल पूरे होने पर देश भर में पार्टी द्वारा किए जाने वाले समारोह की कमेटी में आजाद को शामिल किया। इसी महीने वे जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस प्रचार समिति प्रमुख बनाए गए, हालांकि आजाद ने इस ऐलान के कुछ ही घंटे बाद इस्तीफा दे दिया था। उसी के बाद से यह चर्चा थी कि वे कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं और वैसा ही हुआ।

राजनीतिक सफर

1973 में गुलाम नबी आजाद ने भलस्वा में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के सचिव के बतौर राजनीति जीवन की शुरुआत की। महाराष्ट्र में वाशिम निर्वाचन क्षेत्र से 1980 में पहला संसदीय चुनाव लड़ा और विजयी हुए। 1982 में उन्हें केंद्रीय मंत्री के रूप में कैबिनेट में शामिल किया गया। वर्ष 2005 में जम्मू कश्मीर के सीएम बने।

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अब शर्मा, तिवारी पर सबकी नजर

आजाद कांग्रेस के उन 23 नेताओं के समूह में शामिल थे जिन्होंने अगस्त 2020 में कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखकर कांग्रेस में बड़े बदलाव की मांग की थी। और उसके बाद से कपिल सिब्बल के नेतृत्व में ये धड़ा कई बार खुलकर कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाता रहा। इन नेताओं के खुलकर सामने आने के बाद कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से इनकी दूरी और बढ़ गई। इस बीच कपिल सिब्बल भी कांग्रेस छोड़ चुके हैं। और अब गुलाम नबी आजाद ने भी पार्टी को अलविदा कह दिया है। ऐसे में G-23 के प्रमुख नेताओं में आनंद शर्मा और मनीष तिवारी के अगले कदम पर सबकी नजर रहेगी। अभी हाल ही में आनंद शर्मा ने हिमाचल चुनाव के लिए बनी कांग्रेस की संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है।

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