–झारखंड सियासी हलचल तेज, दिल्ली में आप ने भाजपा पर लगाया हार्स ट्रेडिंग का आरोप
–चुनाव आयोग की रिपोर्ट में ऑफिस और प्रॉफिट का मामला
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रांची/नई दिल्ली। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए खनन पट्टा मामला गले की फांस बन गया। भाजपा ने उन पर खुद को एक खनन पट्टा आवंटित करने का आरोप लगाया है और एक विधायक के रूप में उन्हें अयोग्य ठहराने की मांग की है। निर्वाचन आयोग ने अपनी रिपोर्ट राज्यपाल को भेज दी है। इधर, दिल्ली में आप ने भाजपा पर अपने विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया है।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अपने कार्यकाल में दौरान खुद के नाम से रांची में खनन पट्टा आवंटित कराने के मामले में उनकी विधानसभा सदस्यता को लेकर निर्वाचन आयोग की राय झारखंड के राजभवन पहुंच चुकी है। अब हेमंत सरकार के भविष्य पर फैसला किसी भी क्षण आ सकता है। राजभवन के सूत्रों ने बताया कि इस मामले में मुख्यमंत्री सोरेन के खिलाफ जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9ए के तहत कार्रवाई की जा सकती है या नहीं, इस मुद्दे पर आयोग का अभिमत राजभवन पहुंच गया है। सूत्रों ने बताया कि बृहस्पतिवार को राज्यपाल रमेश बैस भी नयी दिल्ली से रांची लौट आये हैं। ऐसे में अब सबकी नजर रांची स्थित झारखंड राजभवन पर है कि राज्यपाल इस मामले में कब और क्या फैसला सुनाते हैं? इस पूरे मामले में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने सोरेन पर आरोप लगाया था कि उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए और खनन विभाग का दायित्व भी अपने पास रखते हुए, रांची के अनगड़ा में एक खनन पट्टा अपने नाम आवंटित कराया था, जो सीधे तौर पर जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9ए के तहत अवैध है। दास ने दावा किया था कि इस मामले में मुख्यमंत्री के खिलाफ लाभ के पद का मामला बनता है। उन्होंने अपनी पार्टी की ओर से राज्यपाल से मुलाकात कर इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मांग की थी। भाजपा की इस याचिका पर राज्यपाल रमेश बैस ने संविधान के अनुच्छेद 192 के तहत निर्वाचन आयोग का अभिमत मांगा था। राज्यपाल की ओर से इस संबंध में पत्र प्राप्त होने के बाद आयोग ने सोरेन को नोटिस जारी कर पेश होने और अपना पक्ष रखने को कहा था। हालांकि, अनेक बार टालने के बाद सोरेन ने वकील के माध्यम से अपना पक्ष आयोग के समक्ष रखा जबकि उनके खिलाफ याचिका देने वाली भाजपा ने भी आयोग के समक्ष अपने दावे के समर्थन में तर्क और प्रमाण पेश किए थे। आयोग ने इस मामले में अपना फैसला 18 अगस्त को सुरक्षित रख लिया था।
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सीएम हाउस ने किसी निर्णय से किया इनकार
इस बीच, राजनीतिक हलकों में आयोग की सलाह पर मुख्यमंत्री सोरेन की विधानसभा सदस्यता खत्म होने की चर्चा के बीच मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस प्रकार के किसी निर्णय की जानकारी होने से साफ इनकार किया। कहा कि यह सब अफवाह है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री की विधानसभा सदस्यता के बारे में फिलहाल राजभवन से उन्हें कोई आधिकारिक सूचना नहीं प्राप्त हुई है। राजभवन के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल की ओर से कोई भी निर्देश अब तक नहीं जारी किए गए हैं।
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सरकार पर कोई खतरा नहीं
उधर, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कुर्सी जाने की स्थिति में भी राज्य में गठबंधन सरकार को फिलहाल कोई खतरा होने की संभावना नहीं है क्योंकि यहां झामुमो के 30 विधायकों के अलावा कांग्रेस के 18 एवं राष्ट्रीय जनता दल के एक विधायक समेत लगभग 50 विधायकों का सरकार को समर्थन प्राप्त है। दूसरी ओर, 81 सदस्यीय विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल भाजपा के कुल 26 विधायक हैं जबकि उसके सहयोगी आज्सू के दो विधायकों के अलावा भाजपा को दो अन्य विधायकों का आम तौर पर समर्थन मिलता रहा है।
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पूर्व सीएम रघुवर ने उठाया था मामला
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस मामले को 10 फरवरी को संवाददाता सम्मेलन कर उठाया था और उन्होंने 11 फरवरी को राज्यपाल से मिलकर हेमंत सोरेन को विधायक पद से अयोग्य ठहराने की मांग की थी। झारखंड में यदि राज्यपाल, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने के बारे में कोई फैसला सुनाते हैं तो राज्य में लगभग पौने तीन वर्ष पुरानी सोरेन सरकार गिर जायेगी और सत्ताधारी गठबंधन को मुख्यमंत्री पद के लिए किसी अन्य का नाम चुनना होगा। ऐसी चर्चा है कि मुख्यमंत्री अपने पिता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के नाम को ही एक बार फिर यहां मुख्यमंत्री पद के लिए प्रस्तावित कर सकते हैं।
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क्या हैं सीएम सोरेन पर आरोप
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास ने इस साल फरवरी में दावा किया था कि सोरेन ने अपने पद का दुरुपयोग किया और खुद को खनन पट्टा आवंटित किया, यह एक ऐसा मुद्दा है जिसमें हितों के टकराव और भ्रष्टाचार दोनों शामिल हैं। उन्होंने जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों के उल्लंघन का भी आरोप लगाया। विवाद का संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने मई में सोरेन को एक नोटिस भेजकर खनन पट्टे पर उनका पक्ष मांगा था।
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इधर, दिल्ली में चढ़ा सियासी पारा
आप ने कहा-20-20 करोड़ की पेशकश
आप ने आरोप लगाया कि उसके दिल्ली के 40 विधायकों को भाजपा ने निशाना बनाया है। उन्हें पाला बदलने के लिए 20-20 करोड़ रुपए की पेशकश की गई है जबकि सभी 62 विधायक पार्टी के साथ हैं। ‘आप’ के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मुख्यमंत्री और पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल के घर पर बुलाई गई बैठक में 53 विधायकों ने शिरकत की जिनमें केजरीवाल भी शामिल हैं। वहीं सात विधायक दिल्ली से बाहर हैं जबकि मंत्री सत्येंद्र जैन जेल में हैं। उन्होंने कहा कि ओखला से विधायक अमानतुल्ला खान फोन के जरिए बैठक में शामिल हुए। बैठक के बाद भाजपा के ‘ऑपरेशन लोटस’ की विफलता की प्रार्थना के लिए केजरीवाल के नेतृत्व में ‘आप’ विधायक महात्मा गांधी की समाधि राजघाट पहुंचे। बैठक से पहले सूत्रों ने दावा किया था कि 12 विधायकों से कुछ दिनों से संपर्क नहीं हो पा रहा था। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि वे विधायक केजरीवाल के आवास पर बुलाई गई बैठक में हिस्सा लेंगे। भारद्वाज ने कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को इस बात की जांच करनी चाहिए कि ‘आप’ के विधायकों को तोड़ने के लिए भाजपा के पास 800 करोड़ रुपये कहां से आए?
12 विधायकों से संपर्क का दावा
‘आप’ के मुख्य प्रवक्ता भारद्वाज ने आरोप लगाया, भाजपा ने पाला बदलने के लिए 12 विधायकों से संपर्क किया है। विधायकों ने कहा है कि वे ‘आप’ के साथ हैं। भाजपा 40 विधायकों को निशाना बना रही है और पाला बदलने के लिए 20-20 करोड़ रुपये की पेशकश की गई है। भाजपा विधायकों ने ‘आप’ के विधायकों को तोड़ने के आरोपों को खारिज किया और इसे केजरीवाल नीत पार्टी का लोगों की सहानुभूति हासिल करने का हथकंडा करार दिया।
भाजपा बोली-ध्यान भटकाने की कोशिश
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि ‘आप’ लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने दिल्ली की आबकारी नीति पर केजरीवाल की ‘चुप्पी’ पर सवाल उठाया। आप’ के चार विधायकों ने बुधवार को दावा किया था कि भाजपा नेताओं ने उनसे संपर्क कर पाला बदलने की पेशकश की है। उन्हें बताया गया था कि भाजपा केजरीवाल नीत पार्टी के 20-25 विधायकों से संपर्क बनाए हुए है।


 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                