बिल्कीस बानो मामले में केंद्र, गुजरात को नोटिस

-सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बिल्कीस बानो के सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे 11 दोषियों की रिहाई को चुनौती देने वाली एक याचिका पर बृहस्पतिवार को केंद्र और गुजरात सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा। प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण की अगुवाई वाली पीठ ने याचिका पर केंद्र एवं राज्य सरकार को नोटिस जारी किए और याचिकाकर्ताओं से, सजा में छूट पाने वालों को मामले में पक्षकार बनाने को कहा। न्यायालय ने मामले को दो सप्ताह बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। गुजरात सरकार की माफी नीति के तहत इस साल 15 अगस्त को गोधरा उप-कारावास से 11 दोषियों की रिहाई से जघन्य मामलों में इस तरह की राहत के मुद्दे पर बहस शुरू हो गयी है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता सुभाषिनी अली, पत्रकार रेवती लाल और कार्यकर्ता रूपरेखा रानी ने उच्चतम न्यायालय में यह याचिका दायर की थी। गौरतलब है कि 2002 में गोधरा कांड के बाद दंगों के दौरान बिल्कीस सामूहिक बलात्कार का शिकार हुई थी।

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‘बेटी बचाओ’ जैसे नारे खोखले : राहुल

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को गुजरात दंगों की पीड़िता बिल्कीस बानो के लिए न्याय की मांग करते हुए आरोप लगाया कि ‘बेटी बचाओ’ जैसे खोखले नारे देने वाले लोग ‘बलात्कारियों को बचा’ रहे हैं। राहुल ने ट्वीट में कहा, ‘आज सवाल देश की महिलाओं के सम्मान और हक का है। बिल्कीस बानो को न्याय दो।’ कांग्रेस नेता का यह बयान ऐसे समय में आया है जब इन 11 दोषियों की रिहाई के खिलाफ एक याचिका पर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई हो रही है।

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