नई दिल्ली। तमाम मुस्लिम संगठनों की ओर से मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने असामाजिक तत्वों और देश विरोधियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अभियान छेड़ने की मांग की है। इसके साथ ही मंच ने फोन पर अभिवादन के रूप में पहले ‘वंदे मातरम’ बोलने की महाराष्ट्र सरकार की अपील का समर्थन किया है।
मंच ने जनजागरण द्वारा अवाम, कौम और मिल्लत की काउंसलिंग करने के मकसद से देश भर में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से गुरुवार सुबह बैठक की। इसमें मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, हिंदुस्तान फर्स्ट हिंदुस्तानी बेस्ट, भारत फर्स्ट, सूफी शाह मलंग समाज और एमआरएम महिला प्रकोष्ठ शामिल हुआ। इसके बाद संयुक्त बयान जारी किया गया।
राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने बताया कि बैठक में असामाजिक तत्वों की कड़ी निंदा की गई। बैठक में सभी संगठनों और प्रकोष्ठों के राष्ट्रीय संयोजक, सह संयोजक, राज्य संयोजक, क्षेत्रीय सह संयोजक और राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी मौजूद रहे। सभी ने एकजुट होकर देश विरोधियों के खिलाफ कड़े कानून लाने और महाराष्ट्र सरकार की उस कवायद का पुरजोर समर्थन किया, जिसमें महाराष्ट्र में राज्य के संस्कृति मंत्री ने एक आदेश निकाल कर सभी को फोन पर पहले ‘वंदेमातरम’ बोलने की अपील की।
वंदे मातरम अभिवादन पर लगे मुहर
बयान में कहा गया है कि जब पूरा देश आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर त्योहारों की तरह जश्न मना रहा था, वहीं आगरा और बाराबंकी में तिरंगे की अवमानना और देशविरोधी हरकतें शर्मसार करने वाली हैं। इन स्थानों पर पाकिस्तान परस्त लोगों ने देश से गद्दारी करते हुए पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए थे। नारे लगाने वालों में नौजवान और मदरसे के बच्चे थे। मंच के अध्यक्ष मोहम्मद अफजाल और संयोजक शाहिद अख्तर ने कहा कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का साफ मानना है की देश और समाज को तोड़ने वाली मानसिकता पर कठोर प्रहार की आवश्यकता है। साथ ही साथ मंच ने कहा कि ये बड़ा दुखद है कि इस देश में चंद मदरसे ऐसे भी हैं जो समाज को बांटने और देशद्रोह जैसे विचार रखते हैं। इन्हीं चंद मदरसों की पौध ही ‘सर तन से जुदा करने जैसी बातें करते हैं।
मंच ने महाराष्ट्र सरकार के फोन पर ‘वंदे मातरम’ अभिवादन की अपील का जबर्दस्त समर्थन किया है। उन्होंने यह भी कहा कि इसके विरोध में महाराष्ट्र कांग्रेस के अलावा एनसीपी, शिवसेना तथा कुछ मुस्लिम संगठन जैसे रज़ा अकादमी और मंत्री अब्दुल सत्तार, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले, एनसीपी के नेता छगन भुजबल, जितेंद्र आव्हाड जैसे नेताओं ने ‘वंदे मातरम’ बोलने का विरोध किया है। मंच ने इन सभी नेताओं की आलोचना करते हुए कहा कि वह इस मानसिकता का खुलकर विरोध करता है और वंदे मातरम अभिवादन की पहल का स्वागत करता है।
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