-गुजरात सरकार के फैसले पर उठ रहे सवाल
-गोधरा में साबरमती ट्रेन की घटना के बाद हुई थी हिंसा
-दोषियों की रिहाई पर पति ने जताई हैरानी, कहा- मीडिया के जरिए ही पता चला

नई दिल्ली। 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो से गैंगरेप और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के अपराध में उम्रकैद की सजा काट रहे सभी 11 दोषियों को गुजरात सरकार ने रिहा कर दिया है। आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में केंद्र सरकार ने इसी वर्ष जून में दोषी कैदियों की एक विशेष रिहाई नीति का प्रस्ताव करते हुए राज्यों के लिए गाइडलाइंस जारी की थीं। हालांकि रेप के दोषी उस सूची में शामिल थे जिन्हें इस नीति के तहत विशेष रिहाई नहीं दी जानी है। लेकिन गुजरात सरकार ने मई में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, अपनी स्वयं की गाइडलाइंस का पालन किया। लेकिन ऐसा लगता है कि यह फैसला ऐसे मामलों के केंद्र के सिद्धांत के खिलाफ है।
मिठाई खिलाकर स्वागत
गुजरात में गोधरा कांड के दौरान बिलकिस बानो गैंगरेप केस में दोषी सभी 11 सजायाफ्ता कैदियों को रिहा कर दिया गया है। सोमवार को जब ये लोग गोधरा उप जेल से बाहर आए तो उनका स्वागत मिठाई खिलाकर किया गया। इसका एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि मामले में सभी रिहा दोषियों को मिठाई खिलाई गई. साथ ही उनके पैर भी छुए गए। बिलकिस बानो के पति याकूब रसूल ने बताया कि हमें यह जानकर हैरत हुई कि दोषियों को रिहा कर दिया गया है। हमें मीडिया से इनकी रिहाई के बारे में पता चला। रसूल ने कहा कि वह अपनी पत्नी और पांच बेटों के साथ छिपकर रहता है, सबसे बड़ा बेटा 20 साल का है।
ये हुए रिहा
जिन 11 दोषियों को समय से पहले रिहा किया गया उनमें जसवंतभाई नई, गोविंदभाई नई, शैलेश भट्ट, राधेश्याम शाह, बिपिन चंद्र जोशी, केसरभाई वोहानिया, प्रदीप मोर्धिया, बकाभाई वोहानिया, राजूभाई सोनी, मितेश भट्ट और रमेश चंदना शामिल हैं।
ये है मामला
गौरतलब है कि तीन मार्च 2002 को गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के दौरान दाहोद जिले के लिमखेड़ा तालुका के रंधिकपुर गांव में भीड़ ने बिलकिस बानो के परिवार पर हमला कर दिया था। ‘‘बिलकिस उस समय 21 वर्ष की थीं और पांच महीने की गर्भवती थीं। उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था। इतना ही नहीं, उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। मुंबई में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने 11 दोषियों को 21 जनवरी 2008 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

