देश में पहली बार अलग वैक्सीन को मंजूरीनई दिल्ली। केंद्र सरकार ने उन वयस्कों को ‘कॉर्बेवैक्स’ टीके की बूस्टर खुराक देने को मंजूरी दे दी है, जो कोविशील्ड या कोवैक्सीन टीके की दो खुराक ले चुके हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। देश में ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब पहली और दूसरी खुराक के तौर पर दिए गए टीके से अलग कोई टीका बतौर ऐहतियाती खुराक लगाया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने टीकाकरण राष्ट्रीय तकनीकी परामर्श समूह (एनटीएजीआई) की सिफारिशों के आधार पर यह मंजूरी दी है। सूत्रों ने बताया, 18 वर्ष से अधिक आयु के उन लोगों को ऐहतियाती खुराक के तौर पर कॉर्बेवैक्स टीका लगाने पर विचार किया गया है, जिन्हें कोवैक्सीन या कोविशील्ड टीके की दूसरी खुराक लिए हुए छह महीने या 26 सप्ताह हो चुके हैं। इस आयु वर्ग के लोगों को पहले लगे टीके से अलग ऐहतियाती खुराक दी जाएगी। गौरतलब है कि भारत का पहला स्वदेशी आरबीडी प्रोटीन सबयूनिट ‘कॉर्बेवैक्स’ टीका फिलहाल 12 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को लगाया जा रहा है। कोविड-19 कार्य समूह ने 20 जुलाई को हुई बैठक में तीसरे चरण के आंकडों की समीक्षा की थी। इसमें कोविशील्ड या कोवैक्सीन की दो खुराक ले चुके 18 से 80 वर्ष आयु के लोगों को कॉर्बेवैक्स टीका तीसरी खुराक के तौर पर दिए जाने के बाद उनकी प्रतिरोधक क्षमता पर होने वाले संभावित प्रभाव का आकलन किया गया था।
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वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी
आंकड़ों की पड़ताल करने के बाद सीडब्ल्यूजी ने पाया कि कोवैक्सीन या कोविशील्ड की दो खुराक लेने वालों को तीसरी खुराक के तौर पर कॉर्बेवैक्स टीका लगाया जा सकता है। यह वायरस से लड़ने के लिए उल्लेखनीय स्तर पर एंटीबॉडी पैदा करता है। तटस्थ आंकड़ों के मुताबिक यह रक्षात्मक भी है। गौरतलब है कि भारत के औषधि महानियंत्रक (जीसीजीआई) ने चार जून को 18 साल या इससे अधिक आयु के लोगों को तीसरी खुराक के तौर पर कॉर्बेवैक्स टीका लगाने की अनुमति दी थी।
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फिलहाल बच्चों को लग रहा कॉर्बेवैक्स
भारत का पहला स्वदेशी आरबीडी प्रोटीन सबयूनिट कॉर्बेवैक्स टीका फिलहाल 12 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को लगाया जा रहा है। कोविड-19 कार्य समूह ने 20 जुलाई को हुई बैठक में तीसरे चरण के आंकडों की समीक्षा की थी। इसमें कोविशील्ड या कोवैक्सीन की दो खुराक ले चुके 18 से 80 वर्ष आयु के लोगों को कॉर्बेवैक्स टीका तीसरी खुराक के तौर पर दिए जाने के बाद उनकी प्रतिरोधक क्षमता पर होने वाले संभावित प्रभाव का आकलन किया गया था।
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6 हफ्ते बाद ही बूस्टर डोज
कोवैक्सिन या कोवीशील्ड वैक्सीन लगवा चुके वयस्क, दूसरा डोज लगवाने की तारीख से 6 महीने या 26 हफ्ते बाद ही कॉर्बेवैक्स लगवा सकेंगे। जानकारी के मुताबिक, बूस्टर डोज के तौर पर मौजूदा गाइडलाइन में जल्द ही संशोधन किया जाएगा। कोविन पोर्टल पर भी कॉर्बेवैक्स को बूस्टर के तौर पर लगाए जाने से जुड़ी गाइडलाइंस में बदलाव किया जा रहा है।


 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                