नुपुर को राहत… सारी एफआईआर दिल्ली होगी ट्रांसफर, गिरफ्तारी पर भी रोक

नई दिल्ली। भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने उनके खिलाफ देश भर में दर्ज तमाम एफआईआर को दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश दिया है। सभी केस की जांच अब दिल्ली पुलिस करेगी। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि जब तक जांच किसी नतीजे तक नहीं पहुंचती नुपुर शर्मा को मिली गिरफ्तारी से अंतरिम राहत बरकरार रहेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने पैगंबर साहब पर की गई टिप्पणी को लेकर भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा के खिलाफ देशभर में दर्ज सभी प्राथमिकी को एक साथ जोड़ने और उसे दिल्ली पुलिस को स्थानांतरित करने का बुधवार को निर्देश दिया। यह मामला 26 मई को एक ‘टीवी डिबेट शो’ के दौरान पैगंबर पर कथित विवादित टिप्पणी से संबंधित है।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की पीठ ने दिल्ली पुलिस के ‘इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रेटेजिक ऑपरेशन’ (आईएफएसओ) द्वारा जांच पूरी होने तक किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से शर्मा को अंतरिम संरक्षण की अवधि भी बढ़ा दी है। पीठ ने कहा, यह अदालत पहले ही याचिकाकर्ता (शर्मा) के जीवन और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे का संज्ञान ले चुकी है, इसलिए हम निर्देश देते हैं कि नुपुर शर्मा के खिलाफ सभी प्राथमिकी जांच के लिए दिल्ली पुलिस को स्थानांतरित कर दी जाये। पीठ ने कहा, विशेष तथ्यों और परिस्थितियों में, हम स्पष्ट करते हैं और यह उचित समझते हैं कि जांच दिल्ली पुलिस द्वारा की जाये। याचिकाकर्ता को वर्तमान और भविष्य में दर्ज की जाने वाली प्राथमिकी को रद्द करने के अनुरोध को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय का रूख करने की छूट होगी। सुप्रीम कोर्ट ने शर्मा को उनकी टिप्पणी के संबंध में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने के अनुरोध को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय जाने की अनुमति दी और कहा कि भविष्य में दर्ज की जाने वाली सभी प्राथमिकी भी जांच के लिए दिल्ली पुलिस को स्थानांतरित की जाएं। शर्मा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने कहा कि उन्हें शीर्ष अदालत के आदेश के बावजूद पश्चिम बंगाल सरकार से समन मिल रहा है। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मेनका गुरुस्वामी के उस आवेदन को भी खारिज कर दिया, जिसमें अदालत द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल से जांच कराने का अनुरोध किया गया था। एक ‘टीवी डिबेट शो’ के दौरान पैगंबर पर शर्मा की टिप्पणी को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हुआ था और कई खाड़ी देशों ने तीखी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की थीं। इसके बाद भाजपा ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया था।

इन राज्यों में एफआईआर—

पश्चिम बंगाल

महाराष्ट्र

राजस्थान

तेलंगाना

असम

कर्नाटक

नुपूर को कोर्ट ने लगाई थी फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने 19 जुलाई को शर्मा को उनके खिलाफ दर्ज सभी प्राथमिकी के संबंध में 10 अगस्त तक गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था। सुप्रीम कोर्ट ने पैगंबर साहब के बारे में विवादित टिप्पणी को लेकर शर्मा को एक जुलाई को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा था कि उनकी (नुपुर) ‘अनियंत्रित जुबान’ ने पूरे देश को आग में झोंक दिया। शीर्ष न्यायालय ने यह भी कहा था कि देश में जो कुछ हो रहा है, उसके लिए शर्मा ही अकेले जिम्मेदार हैं।

क्या है विवाद

भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने एक न्यूज चैनल पर डिबेट के दौरान पैगंबर साहब पर विवादित बयान दिया था। यह बातें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं और दुनियाभर में उनके बयान की निंदा होने लगी। नुपुर शर्मा के बयान के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन होने लगे थे। इसके बाद एक जून को महाराष्ट्र में उनके खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का केस दर्ज हुआ और दो जून को ही महाराष्ट्र में उनके खिलाफ दूसरा मामला दर्ज हुआ था। इस तरह से शर्मा के खिलाफ देश में कुल नौ एफआईआर दर्ज की गईं थी। विवाद को बढ़ता देख बीजेपी ने 5 जून को नूपुर शर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया था।

केस रद्द करवाने हाईकोर्ट जाएगी नुपूर

जस्टिस सूर्यकांत ने आदेश में हम एफआईआर रद्द करने की मांग पर कोई आदेश नहीं दे रहे हैं। इसके लिए याचिकाकर्ता दिल्ली हाई कोर्ट में मांग रख सकती है। हमने याचिकाकर्ता की जान पर गंभीर खतरे पर विचार किया है। हम सभी केस दिल्ली ट्रांसफर कर रहे हैं। सबकी जांच दिल्ली पुलिस करेगी।

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