ढाका। बांग्लादेश भी श्रीलंका की तरह दिवालिया होने की कगार पर है। यहां ऐतिहासिक रूप से फ्यूल की कीमतों में इजाफा हुआ है। बांग्लादेश ने एक झटके में पेट्रोल रेट में 50 फीसद की बढ़ोतरी की है जो कि इतिहास में सर्वाधिक है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 1971 में इस देश की आजादी के बाद यह एक बार में सबसे बड़ी वृद्धि है। पेट्रोल के दाम में इस बड़ी वृद्धि से लोगों में गुस्सा है और वे सरकार के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। जिसके खिलाफ पुलिस को कार्रवाई तक करनी पड़ी है। ढाका ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट बताती है कि सरकार ने पेट्रोल के दाम में ज्योंहि बढ़ोतरी की, उसके बाद पेट्रोल पंपों के बाहर लोगों की लंबी लाइनें दिखने लगीं। बांग्लादेश में खाने-पीने की चीजों की महंगाई के बाद पेट्रोल-डीजल के रेट भी तेजी से बढ़े हैं।
कहां से कहां पहुंच गए दाम
बांग्लादेश में पेट्रोल के दाम में 51 परसेंट तो डीजल में 42 परसेंट का इजाफा हुआ है। बांग्लादेश ऑफ पावर, एनर्जी एंड मिनरल रिसोर्स ने एक नोटिफिकेशन में कहा है कि ऑक्टेन की कीमत अब 135 टका होगी जो कि पहले से 51.7 परसेंट की बढ़ोतरी के बाद का दाम है। पहले एक लीटर ओक्टेन का दाम 89 टका था. दाम बढ़ोतरी को जायज ठहराते हुए बांग्लादेश पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसी) ने कहा है कि इस साल फरवरी से जुलाई के बीच तेलों पर बहुत घाटा देखा गया है, जिसके बाद दाम बढ़ोतरी का ऐलान हुआ। रूस-यूक्रेन युद्ध और कोविड-19 महामारी ने तेलों के दाम बढ़ाने में बड़ा रोल निभाया है।

