‘चीन लद्दाख के हिस्से हथिया रहा पर मोदी बेहोशी की हालत में’

बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने किया ट्वीट

-स्वामी का तंज, चीन को पता होना चाहिए कि हम चुनाव में फैसले लेते हैं

नई दिल्ली: राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने चीन के बहाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा है। बकौल स्वामी, चीन ने ‘लद्दाख के हिस्सों पर कब्जा’ लिया है और मोदी ‘बेहोशी की हालत’ में है। भाजपा के राज्यसभा सांसद ने बुधवार को एक ट्वीट में पूर्व प्रधानमंत्रियों- जवाहरलाल नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी को भी लपेट लिया। स्वामी ने कहा कि नेहरू और वाजपेयी की ‘बेवकूफी’ के चलते हम भारतीयों ने तिब्बत और ताइवान को चीन का हिस्सा स्वीकार कर लिया। बीजेपी नेता ने लिखा कि ‘लेकिन अब चीन साझा सहमति वाली LAC को मानने से इनकार करता है और लद्दाख के हिस्सों पर कब्जा कर चुका है जबकि मोदी ‘कोई आया नहीं’ कहते हुए जड़ हैं।’ स्वामी ने तंज कसते हुए कहा कि ‘चीन को पता होना चाहिए कि फैसला करने के लिए हमारे यहां चुनाव होते हैं।’

स्वामी का यह बयान अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बीच आया है।

नेहरू और वाजपेयी का जिक्र क्यों?

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू के समय में तिब्बत के साथ रिश्ते कमजोर होते गए। 1952 में ल्हासा स्थित डिप्लोमेटिक मिशन को डाउनग्रेड कर कांसुलेट जनरल कर दिया गया। 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद वह भी बंदकर दिया गया। भारत ने बार-बार ल्हासा में कांसुलेट खोलने की मांग रखी है मगर चीन नहीं माना। हाल के दशकों में तिब्बत पर भारत की पोजिशन चीन को नाराज ना करने की रही है। 1988 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की चीन यात्रा के बाद जारी साझा बयान में तिब्बत को चीन का ‘ऑटोनॉमस रीजन’ बताया गया था। जून 2003 में तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की चीन यात्रा के बाद संयुक्त घोषणा में भी भारत ने तिब्बत को चीन का हिस्सा माना। कई विशेषज्ञ मानते हैं कि 2003 में ही भारत ने तिब्बत पर चीन की ‘संप्रभुता’ को स्वीकार कर लिया।

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