नई दिल्ली। दुनिया के 75 देशों में मंकीपॉक्स के लगभग 16 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। भारत में भी मंकीपाॅक्स ने दस्तक दे दी है। केरल में पहला मामला सामने आने के बाद हाल ही में दिल्ली के शख्स में मंकीपॉक्स के लक्षण पाए जाने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन पहले ही चेतावनी दे चुका है। इस बीच, भारत सरकार ने भी मंकीपॉक्स को लेकर गाइडलाइन जारी की है। इसमें कहा गया है कि मंकीपॉक्स संक्रमित रोगी को 21 दिन तक क्वारेंटाइन रहना होगा। चेहरे पर मास्क पहनने के साथ-साथ हाथों को धोते रहें। मास्क तीन लेयर वाला पहनना चाहिए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंकीपॉक्स के प्रबंधन के लिए गाइडलाइन जारी करते हुए राज्यों को दिशा निर्देश दिए हैं। इसके तहत बाहर से आने वाले लोगों, मंकीपॉक्स से संक्रमित लोगों और इस संक्रमण से बचने के लिए जरूरी निर्देश जारी किए गए।
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वैक्सीन मेकर कंपनियां तैयार करें जांच किट: केंद्र
मंकीपॉक्स से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने भी तैयारी शुरू कर दी है। केंद्र ने वैक्सीन मेकर कंपनियों से कहा है कि वो सबसे पहले मंकीपॉक्स के लिए डाइग्नोस्टिक किट्स तैयार करें, ताकि इस रोग की पहचान जल्द और सटीक हो सके। इसके साथ ही बीमारी से निपटने के लिए वैक्सीन भी तैयार करना जरूरी है। इस पर भी तेजी से काम किया जाए। इसके लिए हाईसीएमआर ने कंपनियों से प्रस्ताव भी मांगे हैं।
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केंद्र की गाइडलाइन
00 मंकीपॉक्स लक्षण पाए जाने पर संक्रमित की निगरानी की जाएगी।
00 रोगी के दूषित सामग्री, इंफेक्शन के संपर्क में आने के बाद से 21 दिनों की अवधि तक निगरानी की जानी चाहिए।
00 राज्यों को नए मामलों की तेजी से पहचान करने और तत्काल इसके रोकथाम के लिए उपाय करने के निर्देश दिए गए।
00 प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों के तौर पर मानव-से-मानव संचरण के जोखिम को कम करने की जरूरत को अनिवार्य बताया।
00 दूसरे देशों से मंकीपॉक्स के मामले बढ़ने पर भारत को इस प्रकोप के लिए तैयार रखने की जरूरत है।
00 अगर किसी रोगी में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसके आधार पर तुरंत इलाज शुरू किया जाए।
00 विशिष्ट देशों से लौटे यात्रियों की निगरानी की जाए, भले ही उनकी बीमारी का परीक्षण न हो।
00 अगर संक्रमित के संपर्क में आने वाले किसी शख्स में मंकीपॉक्स होने का खतरा हो, तो उसकी भी जानकारी दी जाए।
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