1989 में हुआ था अपहरण
यासीन मलिक है मुख्य आरोपी
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री तथा तत्कालीन देश के गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद ने जेकेएलएफ चीफ यासीन मलिक की पहचान अपहरणकर्ता के तौर पर की है। आज से 32 साल पहले 1989 में हुए अपहरण कांड की सुनवाई के मामले में पहली बार रूबिया सईद कोर्ट के सामने पेश हुई। अदालत में रुबिया ने बताया कि 1989 में यासीन मलिक और तीन लोगों के साथ मिलकर उनका अपहरण किया था। बता दें कि रूबिया को छोड़ने के एवज में भारत को पांच आतंकियाें को छोड़ना पड़ा था।श्
बता दें कि इस अपहण की खबर से पूरे देश में हड़कंप में मच गया था। रूबिया को छुड़ाने के लिए उस समय 5 दुर्दांत आतंकवादियों को बदले में रिहा करना पड़ा था। 1990 से इस मामले की जांच कर रही सीबीआई ने इस मामले में रूबिया को गवाह बनाया था। आतंकवादियों को फंडिंग के अपराध में यासीन मलिक इस समय उम्रकैद की सजा काट रहा है। इस पूरे कांड में जेकेएलएफ का सरगना यासीन मालिक मास्टरमाइंड था जो घाटी में अलगाववाद फैला रहा था।
अस्पताल से अपने घर लौट रही थीं रूबिया
रूबिया सईद के अपहरण को लेकर श्रीनगर के सदर पुलिस स्टेशन में 8 दिसंबर 1989 को एफआईआर दर्ज कराई गई थी। रिपोर्ट के अनुसार वे एक ट्रांजिट वैन में श्रीनगर के एक अस्पताल से अपने घर नौगाम के लिए जा रही थीं। वे डॉक्टरी की पढ़ाई के बाद अस्पताल में इंटर्नशिप कर रही थी। वैन लाल चौक से होते हुए जब चानपूरा चौक के पास पहुंची। तभी उसमें सवार 3 लोगों ने बंदूक के दम पर वैन को रोक लिया और रूबिया का अपहरण कर लिया।
इन आतंकवादियों को किया था रिहा
रिहाई के बदले जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट ने 5 आतंकियों हामिद शेख, अल्ताफ अहमद भट्ट, नूर मोहम्मद, जावेद अहमद जरगर व शेर खान को रिहा करने की शर्त रखी थी। शर्त पूरी होने के बाद ही रूबिया को छोड़ा गया।
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