पटना। बिहार की राजधानी पटना में पीएफआई की आड़ में बड़े आतंकी ट्रेनिंग सेंटर का खुलासा हुआ है। पुलिस ने छापेमारी में पांच संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से कई अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं। इनमें पीएफआई की साल 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश का भी खुलासा हुआ है। इसके लिए मुस्लिम युवाओं को हथियार चलाने, धार्मिक उन्माद फैलाने और हिंसा भड़काने की ट्रेनिंग दी जा रही थी। यह भी खुलासा हुआ कि आतंकियों के निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी थे।
बिहार पुलिस ने पटना के फुलवारी शरीफ इलाके से चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के साथ संबंधों के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार करते हुए ‘भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल आतंकी मॉड्यूल’ का भंडाफोड़ करने का दावा किया है। फुलवारी शरीफ के अपर पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार ने बताया कि बुधवार देर रात झारखंड के सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज को गिरफ्तार किया गया। आरोपी पीएफआई से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि जलालुद्दीन पहले स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) से जुड़ा था। कुमार ने बताया कि जलालुद्दीन के मकान में स्थानीय लोगों को मार्शल आर्ट अथवा शारीरिक शिक्षा के नाम पर अस्त्र-शस्त्र का प्रशिक्षण देने एवं धार्मिक उन्माद फैलाने के लिए उन्हें उकसाने की बात सामने आयी है। उन्होंने कहा कि जांच में पता चला है कि दूसरे राज्यों से भी लोग पटना में उनसे मिलने आते थे और अपनी पहचान बदलकर पटना के होटलों में रहते थे। पुलिस ने इनके कब्जे से कई दस्तावेज भी बरामद किए हैं। उन्होंने कहा कि परवेज का छोटा भाई सिमी पर प्रतिबंध के बाद राज्य में हुए कुछ बम विस्फोटों के मामले में 2001-02 में जेल गया था। जांच में यह भी पाया गया है कि परवेज विदेशी संगठनों के सदस्यों के साथ लगातार संपर्क में था और देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन जुटाता था। उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय भी इस मामले की जांच कर रहा है।
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अब तक कुल 5 आतंकी पकड़े गए
झारखंड के सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज को बुधवार रात को गिरफ्तार किया गया। इनकी सूचना पर गुरुवार को फुलवारी शरीफ के रहने वाले अरमान मलिक, मरगूब दानिश, और शब्बीर आलम को अरेस्ट किया गया। पांचों से अभी पूछताछ चल रही है।
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पीएम के दौरे से पहले बड़ी कार्रवाई
प्रधानमंत्री के दौरे से एक दिन पहले 11 जुलाई की शाम काे इंटेलिजेंस ब्यूरो के इनपुट पर पुलिस ने नया टोला में छापेमारी कर मोहम्मद जलालुद्दीन और गुलिस्तां मोहल्ला से अतहर परवेज काे पकड़ा था। इनके बैंक अकाउंट से 80 लाख रुपए से ज्यादा का ट्रांजैक्शन मिला है। जलालुद्दीन झारखंड पुलिस का रिटायर्ड दरोगा है।
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खुफिया एजेंसियों की खबर पर छापेमारी
पटना पुलिस ने बताया कि खुफिया एजेंसियों के इनपुट के आधार पर फुलवारीशरीफ इलाके के नया टोला में स्थित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के दफ्तर में 11 जुलाई को छापेमारी की गई। इस दौराना वहां से कई संदिग्ध दस्तावेज और आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई। इसमें पीएफआई के मिशन-2047 से जुड़ा एक गोपनीय दस्तावेज भी मिला है। इसमें भारत को अगले 25 सालों में इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश का जिक्र है।
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कई हिंसक घटनाओं में पीएफआई का नाम
आतंकी संगठन सिमी के प्रतिबंधित होने के बाद इंडियन मुजाहिद्दीन का गठन किया गया था। 2013 में आतंकी यासीन भटकल की गिरफ्तारी से इंडियन मुजाहिद्दीन की कमर टूट गई थी। सूत्रों के मुताबिक इंडियन मुजाहिद्दीन के पतन के बाद देश के विभिन्न राज्यों में पीएफआई और उसकी सहयोगी संस्था सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया को मजबूत करने का काम किया जा रहा है। केरल की दो और कर्नाटक की एक संस्था को मिलाकर पीएफआई का गठन किया गया था।
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पीएफआई को बताया आरएसएस जैसा, एसपी को नोटिस
एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने पटना में पीएफआई की तुलना आरएसएस से कर दी थी। एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने कहा कि जैसे आरएसएस की शाखा होती है और स्वयंसेवकों को ट्रेनिंग की दी जाती है। ठीक उसी प्रकार पीएफआई भी अपने लोगों को शारीरिक प्रशिक्षण और मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग देती है। उनके इस बयान से भाजपा भड़क गई और उन्हें पद से हटाने की मांग कर डाली। वहीं आरजेडी और एचएएम पार्टी एसएसपी के समर्थन में उतर गई है। अब एडीजी पुलिस मुख्यालय ने पटना एसएसपी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। एडीजी पुलिस मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने पटना के एसएसपी से पूछा है कि आखिर उन्होंने ऐसा बयान क्यों दिया है। इसको लेकर 48 घंटे के अंदर जवाब देने के लिए कहा है।
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