जापान के पूर्व पीएम के हत्यारे का बयान- शिंजो की ‘वजह’ से ही मेरी मां हुई दिवालिया इसलिए की हत्या’

  • मां की खराब आर्थिक स्थिति के लिए एक धार्मिक समूह ने था नाराज

-चंदा दे देकर यामागामी की मां हो गई थी दिवालिया

टोक्यो। शुक्रवार को जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या करने वाले 41 साल के तेत्सूया यामागामी को विश्वास था कि शिंजो आबे एक ऐसे धार्मिक समूह से जुड़े थे, जिसके चलते उसकी मां दिवालिया हो गई थीं। वो अपनी मां की खराब आर्थिक स्थिति के लिए इस समूह को दोषी ठहराता था। पुलिस ने स्थानीय मीडिया को जानकारी दी कि वो महीनों से घर पर बनाई गई बंदूक से आबे पर हमला करने की योजना बना रहा था। गौरतलब है। आबे पर बीच सड़क में एक चुनावी रैली के दौरान यामागामी ने गोली मार दी थी। हालांकि यामागामी के इस बयान पर कुछ विशेषज्ञों ने अंगुली भी उठाई है।

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी के पड़ोसियों से बात करने पर पता चला कि वो अकेला और गुमसुम रहता था। क्योडो न्यूज एजेंसी ने जांच सूत्रों के हवाले से बताया कि उसका मानना था आबे ने एक ऐसे धार्मिक समूह का समर्थन किया था, जिसको चंदा दे-देकर उसकी मां दिवालिया हो गई थीं। क्योडो और दूसरे स्थानीय मीडिया संस्थानों ने पुलिस के हवाले से बताया कि हत्यारे ने पूछताछ में कहा कि “मेरी मां एक धार्मिक समूह के चक्कर में पड़ गई थीं, और मुझे यह बिल्कुल पसंद नहीं था।” नारा पुलिस ने इसपर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है। मीडिया में भी इस धार्मिक समूह का नाम सामने नहीं आया है।

बम से हमला करने का था विचार

जानकारी है कि यामागामी ने बंदूक बनाने के लिए इसके कई पार्ट्स ऑनलाइन मंगाए थे और महीनों से हत्या को अंजाम देने की तैयारी कर रहा था। यहां तक कि मौके ढूंढता हुआ वो शिंजो आबे के दूसरे कैंपेन्स भी जा चुका था। हत्या वाले दिन से एक दिन पहले ही वो 200 किमी दूर एक कैंपेन अंटेंड करने गया था। सरकारी समाचार एजेंसी एनएचके ने बताया कि बंदूक से हमला करने से पहले उसने बम से हमला करने पर विचार किया था, लेकिन बाद में बंदूक का ही इस्तेमाल किया।

आबे की हत्या के बाद जापानी संसद में उच्च सदन के लिए मतदान शुरू

(फोटो : आबे2)

जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या के दो दिन बाद रविवार को संसद के उच्च सदन के लिए मतदान शुरू हुआ। आबे की पार्टी एक बड़ी जीत की ओर बढ़ती दिख रही है। रविवार के संसदीय चुनाव से पहले आबे की हत्या ने देश को झकझोर कर रख दिया और यह सवाल खड़ा हुआ कि क्या पूर्व प्रधानमंत्री को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान नहीं की गई थी।


12 जुलाई को होगा शिंजो का अंतिम संस्कार

आबे को दुनिया के कई देशों में श्रद्धांजलि दी जा रही है। दुनिया भर के कई नेता उनके अंतिम संस्कार में शामिल होंगे। आबे का अंतिम संस्कार 12 जुलाई को होना है। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भी श्रद्धांजलि देने के लिए अगले सप्ताह जापान जाएंगे। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी। ब्लिंकन सोमवार को तोक्यो जाएंगे और आबे को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे और जापान के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात करेंगे।

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