लंदन। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह कंजर्वेटिव पार्टी का नेता पद छोड़ने की घोषणा करते हुए उदास हैं। उनकी इस घोषणा के बाद पार्टी के नए नेता का चुनाव किया जाएगा जो देश के नए प्रधानमंत्री बनेंगे। जॉनसन (58) ने कहा कि जब तक पार्टी का नया नेता चुनने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, वह 10 डाउनिंग स्ट्रीट के प्रभारी बने रहेंगे। कंजर्वेटिव पार्टी का सम्मेलन अक्टूबर में होना है और उस समय तक नए नेता के चुनाव की प्रक्रिया पूरी होगी। जॉनसन ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री के सरकारी आवास 10 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा, मैं आपको बताना चाहता हूं कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पद को छोड़ कर मैं कितना उदास हूं। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी पार्टी के सदस्यों ने अन्य नेताओं का अनुसरण करते हुए व्यवहार किया। उन्होंने कहा, यह स्पष्ट रूप से संसदीय कंजर्वेटिव पार्टी की इच्छा है कि पार्टी का एक नया नेता हो और इसलिए एक नया प्रधानमंत्री होगा। जॉनसन ने कहा कि वह पार्टी सांसदों के इस विचार से सहमत हैं कि नए नेता को चुनने की प्रक्रिया अभी शुरू होनी चाहिए और अगले सप्ताह इसके लिए समय सारिणी की घोषणा की जाएगी। उन्होंने कहा, मैंने काम करने के लिए आज एक कैबिनेट नियुक्त किया है क्योंकि अगले नेता के कार्यभार संभालने तक मैं काम करता रहूंगा। निवर्तमान प्रधानमंत्री ने दोहराया कि उन्हें 2019 के आम चुनाव में अविश्वसनीय जनादेश मिला था और यही कारण है कि पिछले कुछ दिनों में उन्होंने उस जनादेश का सम्मान करने के लिए व्यक्तिगत रूप से इतनी मेहनत की।
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भारतीय मूल के ऋषि सुनक रेस में आगे
यूके के अगले पीएम के दावेदारों में भारतीय मूल के ऋषि सुनक का नाम भी है। अगर ऐसा होता है कि ऋषि यूके के पीएम बनने वाले पहले भारतीय मूल के व्यक्ति होंगे। ऋषि सुनक राजकोष का चांसलर पद संभाल रहे थे। लेकिन हाल ही में ऋषि सुनक और यूके के स्वास्थ्य मंत्री साजिद जावेद के इस्तीफे के बाद यूके में मंत्रियों के इस्तीफों की बाढ़ आ गई, जिसके दबाव में जॉनसन ने इस्तीफा देने का फैसला लिया।
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छात्र पढ़ने नहीं आते इसलिए लौटा दी 23 लाख पगार
- सुर्खियों में आए बिहार के असिस्टेंट प्रोफेसर
(फोटो : बिहार)
पटना। सरकारी स्कूल-कॉलेजों के शिक्षकों पर अक्सर बच्चों को नहीं पढ़ाने और सरकारी तनख्वाह लेने के आरोप लगते रहते हैं। ऐसे दौर में बिहार के मुजफ्फरपुर में एक शिक्षक ने अनूठा कदम उठाया है। मुजफ्फरपुर के नीतीश्वर कॉलेज में हिंदी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. ललन कुमार ने कक्षा में स्टूडेंट्स की उपस्थिति लगातार शून्य रहने पर अपने 2 साल 9 माह की पूरी सैलरी 23 लाख 82 हजार 228 रुपए लौटा दी है। डॉ ललन ने मंगलवार को इस राशि का चेक बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. आरके ठाकुर को सौंपने पहुंचे और तो लोग हैरान रह गये। पहले तो कुलसचिव ने चेक लेने से मना कर दिया। इसके बाद असिस्टेंट प्रोफेसर नौकरी छोड़ने की बात पर अड़ गये तब जाकर उनका चेक लिया गया। डॉ. ललन ने कहा, ‘मैं नीतीश्वर कॉलेज में अपने अध्यापन कार्य के प्रति कृतज्ञ महसूस नहीं कर रहा हूं।
शिक्षण व्यवस्था पर उठाये सवाल
डॉ ललन ने बताया, 1100 स्टूडेंट्स का हिंदी में नामांकन तो है, लेकिन उपस्थिति लगभग शून्य रहने से वे शैक्षणिक दायित्व का निर्वहन नहीं कर पाए, ऐसे में वेतन लेना अनैतिक है।’ बताया जाता है कि कोरोना काल में ऑनलाइन क्लास के दौरान भी स्टूडेंट्स उपस्थित नहीं रहे। उन्होंने प्राचार्य से विश्वविद्यालय तक को बताया, लेकिन कहा गया कि शिक्षण सामग्री ऑनलाइन अपलोड कर दें।
सितंबर 2019 में हुई थी नियुक्ति
डॉ. ललन की नियुक्ति 24 सितंबर 2019 को हुई थी। वरीयता में नीचे वाले शिक्षकों को पीजी में पोस्टिंग मिली, जबकि इन्हें नीतीश्वर कॉलेज दिया गया। उन्हें यहां पढ़ाई का माहौल नहीं दिखा तो विश्वविद्यालय से आग्रह किया कि उस कॉलेज में स्थानांतरित किया जाए। विश्वविद्यालय ने इस दौरान 6 बार ट्रांसफर ऑर्डर निकाले, लेकिन डॉ. ललन को नजरअंदाज किया जाता रहा। कुलसचिव डॉ. आरके ठाकुर ने कहा, प्राचार्य से स्पष्टीकरण लेंगे कि डॉ. ललन के आरोप कितने सही हैं।


 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                