-अजमेर के हिस्ट्रीशीटर सलमान चिश्ती के वीडियो से हड़कंप, केस दर्ज
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इंट्रो
नूपुर शर्मा के विवादित बयान के मामले में भले ही नूपुर ने माफी मांग ली हो लेकिन उनकी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब अजमेर दरगाह के हिस्ट्रीशीटर सलमान चिश्ती गैंग ने नूपुर शर्मा का सिर कलम करने वाले को मकान देने की बात कहते हुए अपना एक वीडियो वायरल किया है। इधर, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस की टिप्पणी पर पूर्व जजों और नौकरशाहों ने आपत्ति जताई है।
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जयपुर। भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा को कथित तौर पर धमकाने का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद अजमेर दरगाह के एक खादिम (मौलवी) के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस आरोपी को तलाश रही है। दरगाह पुलिस थाने में सोमवार रात को एक व्यक्ति ने सलमान चिश्ती के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। वीडियो में वह दावा करता दिख रहा है कि वह नूपुर शर्मा का सिर लाने वाले को अपना घर सौंप देगा। वीडियो में चिश्ती ने कहा, वह पैगंबर साहब का अपमान करने पर उसको खुले आम गोली मार देते। चिश्ती ने वीडियो में कहा है, जो कोई भी उस नूपुर शर्मा का सिर लाकर देगा वह उसे अपना घर दे देगा। उन्होंने वीडियो में कहा आपको सभी मुस्लिम देशों को जवाब देना होगा। यह मैं अजमेर राजस्थान से कह रहा हूं और यह संदेश हुजूर ख्वाजा बाबा के दरबार से है। दरगाह थानाधिकारी दलवीर सिंह फौजदार ने बताया कि इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया और आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने बताया कि आरोपी अपराधी प्रवृत्ति का है। उल्लेखनीय है कि 17 जून को अजमेर दरगाह के मुख्य द्वार से कथित भड़काऊ भाषण देने के मामले में हाल ही में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि इसका वीडियो पहले से चल रहा था लेकिन उक्त गिरफ्तारियां उदयपुर में 28 जून को दर्जी कन्हैया लाल की हत्या के मामले के बाद की गईं। उल्लेखनीय है कि उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड के मामले में दो मुख्य आरोपियों सहित पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण कर रहा है।
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दरगाह के खादिम बोले-व्यक्तिगत बयान, निंदनीय
इस बीच, वीडियो की निंदा करते हुए अजमेर दरगाह के दीवान जैनुल आबेदीन अली खान के कार्यालय ने कहा कि आरोपी खादिम द्वारा वीडियो में व्यक्त किए गए इस तरह के संदेशो को दरगाह का संदेश नहीं माना जा सकता। कार्यालय ने कहा कि यह उनका अपना व्यक्तिगत बयान है और निंदनीय है।
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पेशेवर अपराधी है सलमान चिश्ती
नूपुर शर्मा को मारने वाले को मकान देने का वीडियो बनाने वाले हिस्ट्रीशीटर सलमान चिश्ती का अपराध की दुनिया से पुराना नाता है। उसके खिलाफ हत्या और हत्या का प्रयास करने सहित कई धाराओं में लगभग 13 मुकदमें दर्ज हैं।
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अलर्ट मोड पर अजमेर पुलिस
वीडियो वायरल होने के बाद सलमान चिश्ती के खिलाफ अजमेर शहर के अलवर गेट थाने में एक मुकदमा दर्ज किया गया है। इस पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। अजमेर के एएसपी विकास सांगवान का कहना है कि सलमान चिश्ती के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उसकी तलाश की जा रही है। बताया जा रहा है कि सलमान चिश्ती की लोकेशन फिलहाल कश्मीर से आ रही है।
क्या है पूरा मामला
भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने कुछ दिनों पहले पैगंबर साहब को लेकर एक विवादित टिप्पणी की थी। इसके बाद से ही पूरे देश में हंगामा मच गया। नूपुर के खिलाफ कई राज्यों में मुकदमा भी दर्ज किया गया और उन्हें कई आतंकी संगठनों से भी जान से मारे जाने की धमकी मिल चुकी है।
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सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर बोले पूर्व जज- लक्ष्मण रेखा पार दी
इधर, पूर्व न्यायाधीशों और नौकरशाहों के एक समूह ने भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की हालिया टिप्पणियों की निंदा करते हुए मंगलवार को आरोप लगाया कि शीर्ष अदालत ने इस मामले में ‘लक्ष्मण रेखा’ पार कर दी। ये टिप्पणियां सबसे बड़े लोकतंत्र की न्याय प्रणाली पर ऐसा दाग हैं, जिसे मिटाया नहीं जा सकता। उन्होंने न्यायालय से टिप्पणियों को वापस लेने की मांग की। उच्च न्यायालयों के 15 पूर्व न्यायाधीशों, अखिल भारतीय सेवा के 77 पूर्व अधिकारियों और 25 अन्य लोगों के समूह ने आरोप लगाया कि ये ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ टिप्पणियां न्यायिक लोकाचार से मेल नहीं खातीं। इन्होंने देश और विदेश में लोगों को ‘हतप्रभ’ कर दिया है। समूह ने एक बयान पर हस्ताक्षर किए, जिसमें उन्होंने कहा, न्यायपालिका के इतिहास में, ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण टिप्पणियां नहीं देखने को मिलती हैं और सबसे बड़े लोकतंत्र की न्याय प्रणाली पर ऐसा दाग हैं, जिसे मिटाया नहीं जा सकता। इस मामले में तत्काल सुधारात्मक कदम उठाए जाने का आह्वान किया जाता है, क्योंकि इसके लोकतांत्रिक मूल्यों और देश की सुरक्षा पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इस बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में बंबई उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश क्षितिज व्यास, केरल उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश पी एन रवींद्रन, गुजरात उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एस एम सोनी, राजस्थान उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश- न्यायमूर्ति आर एस राठौर एवं न्यायमूर्ति प्रशांत अग्रवाल और दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एस एन ढींगरा शामिल हैं।
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इन्होंने भी जताया ऐतराज
पूर्व आईएएस अधिकारी आनंद बोस, आर एस गोपालन और एस कृष्ण कुमार, राजदूत (सेवानिवृत्त) निरंजन देसाई, पूर्व पुलिस महानिदेशक एस पी वैद और बी एल वोहरा, लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) वी के चतुर्वेदी और एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) एस पी सिंह ने भी बयान पर हस्ताक्षर किए हैं।
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